जिनके रोम रोम में बसती है रेल
डॉ डब्बूवाला और स्व. चिंतामण वणगा हैं आदर्श
दीपक आर जैन /भायंदर
लोग उन्हें प्यार से रेल मंत्री बुलाते हैं,क्योंकि रेल के संबंध में उनसे कुछ भी पूछो उनके पास जवाब मिल ही जाता हैं या पूछकर बताने का प्रयास करते हैं. जी हां हम बात कर रहे हैं ,भारतीय रेल प्रवासी एंड वेलफेयर एसोसिएशन के संस्थापक कमलेश एन शाह की.शाह पिछले कई सालों से रेलवे से संबंधित समस्याओं को प्रशासन तक पहुंचाकर उन्हें हल करने का प्रयास करते हैं.
गुजरात के सुरेंद्रनगर के रहनेवाले कमलेश एन शाह का जन्म 17,मार्च 1956 में हुआ. जीवन बहुत ही संघर्षपूर्ण रहा. 1975 में वे मुंबई आ गए और लोखंड बाजार में नौकरी की. 1992 से सामाजिक कार्यों रूचि लगी और यह आज भी जारी हैं. मुंबई से सूरत नियमित यात्रा के दौरान अनेक समस्याओं को देखा और इन समस्याओं को सुलझाने भारतीय रेल प्रवासी एंड वेलफेयर एसोसिएशन का जन्म हुआ,और रेलवे के लिए काम करने की इच्छा दृढ़ होती गयी. पिछले 28 वर्षों से इस संस्था के माध्यम से अनेक रेल से संबंधित समस्याओं को हल करवाया और करवा रहे हैं.
मुंबई-पालीताणा ट्रैन शुरू करवाने अथग किये. ट्रैन के लिए उन्होंने 85 जैन संघों,17 सांसदों व 8 विधायकों के अलावा अनेक सामाजिक संगठनों से पत्र रेलवे मंत्री दिए. अब ट्रैन रोज चले इसके लिए वे प्रयत्नशील हैं. उनके कामों को देखते हुए महाप्रबंधक की सिफारिस पर उन्हें पश्चिम रेलवे की परामर्श समिति (झेडआरयुसीसी ) का सदस्य बनाया.आपने अबतक भावनगर-बांद्रा,भावनगर-दिल्ली वाया राजस्थान के अलावा बहुत सी गाड़ियों का वापी,उमरगांव,सुरेंद्रनगर आदि स्टेशनों पर रुकवाने के प्रयास किये और कई जगह भी पायी.भारत मर्चेंट चैंबर के तत्वावधान में विभिन्न दानदाताओं सहयोग से सूरत से चर्चगेट तक लगे 70 से ज्यादा वाटर कूलर व 100 से बेंचेस लगाने में अहम् भूमिका निभायी थी. समय समय पर रेलवे में मेडिकल कैंप,आरपीएफ के लिए सेमीनार आदि कार्यक्रम रहते हैं. भायंदर स्टेशन पर 50 हफ़्तों तक स्वच्छ भारत अभियान के तहत अनेक संस्थाओं के साथ काम किया. भारी बरसात में फसे यात्रियों के लिए पानी,नास्ता की व्यवस्था कई स्टेशनों पर करवायी थी.2019 में 200 से ज्यादा पेड़ आरपीएफ में लगवाएं.
शाह प्रसिद्द चिकित्सक डॉ डब्बूवाला और सांसद स्व. चिंतामण वणगा को अपना आदर्श मानते हैं. उन्ही की प्रेरणा और मार्गदर्शन में आदिवासी इलाकों में काम शुरू किया जो आज भी जारी हैं. इसके अलावा अनेक काम वे समय पर करते रहते हैं. वे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बहुत प्रभावित हैं.समय समय पर विभिन्न समस्याओं को लेकर आप केंद्रीय मंत्रियों से भी मिलते रहते हैं. आप स्वस्थ रहे,मस्त रहे यही मंगल कामना.
दीपक आर जैन /भायंदर
लोग उन्हें प्यार से रेल मंत्री बुलाते हैं,क्योंकि रेल के संबंध में उनसे कुछ भी पूछो उनके पास जवाब मिल ही जाता हैं या पूछकर बताने का प्रयास करते हैं. जी हां हम बात कर रहे हैं ,भारतीय रेल प्रवासी एंड वेलफेयर एसोसिएशन के संस्थापक कमलेश एन शाह की.शाह पिछले कई सालों से रेलवे से संबंधित समस्याओं को प्रशासन तक पहुंचाकर उन्हें हल करने का प्रयास करते हैं.
गुजरात के सुरेंद्रनगर के रहनेवाले कमलेश एन शाह का जन्म 17,मार्च 1956 में हुआ. जीवन बहुत ही संघर्षपूर्ण रहा. 1975 में वे मुंबई आ गए और लोखंड बाजार में नौकरी की. 1992 से सामाजिक कार्यों रूचि लगी और यह आज भी जारी हैं. मुंबई से सूरत नियमित यात्रा के दौरान अनेक समस्याओं को देखा और इन समस्याओं को सुलझाने भारतीय रेल प्रवासी एंड वेलफेयर एसोसिएशन का जन्म हुआ,और रेलवे के लिए काम करने की इच्छा दृढ़ होती गयी. पिछले 28 वर्षों से इस संस्था के माध्यम से अनेक रेल से संबंधित समस्याओं को हल करवाया और करवा रहे हैं.
मुंबई-पालीताणा ट्रैन शुरू करवाने अथग किये. ट्रैन के लिए उन्होंने 85 जैन संघों,17 सांसदों व 8 विधायकों के अलावा अनेक सामाजिक संगठनों से पत्र रेलवे मंत्री दिए. अब ट्रैन रोज चले इसके लिए वे प्रयत्नशील हैं. उनके कामों को देखते हुए महाप्रबंधक की सिफारिस पर उन्हें पश्चिम रेलवे की परामर्श समिति (झेडआरयुसीसी ) का सदस्य बनाया.आपने अबतक भावनगर-बांद्रा,भावनगर-दिल्ली वाया राजस्थान के अलावा बहुत सी गाड़ियों का वापी,उमरगांव,सुरेंद्रनगर आदि स्टेशनों पर रुकवाने के प्रयास किये और कई जगह भी पायी.भारत मर्चेंट चैंबर के तत्वावधान में विभिन्न दानदाताओं सहयोग से सूरत से चर्चगेट तक लगे 70 से ज्यादा वाटर कूलर व 100 से बेंचेस लगाने में अहम् भूमिका निभायी थी. समय समय पर रेलवे में मेडिकल कैंप,आरपीएफ के लिए सेमीनार आदि कार्यक्रम रहते हैं. भायंदर स्टेशन पर 50 हफ़्तों तक स्वच्छ भारत अभियान के तहत अनेक संस्थाओं के साथ काम किया. भारी बरसात में फसे यात्रियों के लिए पानी,नास्ता की व्यवस्था कई स्टेशनों पर करवायी थी.2019 में 200 से ज्यादा पेड़ आरपीएफ में लगवाएं.
शाह प्रसिद्द चिकित्सक डॉ डब्बूवाला और सांसद स्व. चिंतामण वणगा को अपना आदर्श मानते हैं. उन्ही की प्रेरणा और मार्गदर्शन में आदिवासी इलाकों में काम शुरू किया जो आज भी जारी हैं. इसके अलावा अनेक काम वे समय पर करते रहते हैं. वे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बहुत प्रभावित हैं.समय समय पर विभिन्न समस्याओं को लेकर आप केंद्रीय मंत्रियों से भी मिलते रहते हैं. आप स्वस्थ रहे,मस्त रहे यही मंगल कामना.
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