अपने आप में एक संस्था हैं सुनील पाटोदिया
समाजसेवा को समर्पित व्यक्तित्व
दीपक आर.जैन
देश के जाने मने सीए में शुमार सफल उद्योगपति व व्यवसाय के साथ-साथ सेवा को समर्पित व्यक्तित्व एमजेएफ लायन सीए सुनील पाटोदिया बुलंदीयों को छुने के बाद भी छोटे से बड़े के लिए अपनत्व की भावना रखना उनकी सफलता का सबसे बड़ा राज है.उनके जीवन का हर पड़ाव पर न लोगों को जीवन जीने की प्रेरणा देता है बल्कि बताता हैं की जीवन जीने की सार्थकता किसमें हैं.पटोदियाजी से मिलनेवाला हर व्यक्ति जीवन की कुछ न कुछ सीख लेकर जाता हैं.वे कहते हैं की व्यक्ति की उदारता दीपक और फूलों जैसी होनी चाहिए जो अपना दूसरों को देकर उन्हें प्रसन्ना व आलोकिक करते हैं.सफल जीवन उसी का हैं जो दूसरों के लिए भी काम आता हैं. पेशे से चार्टर्ड अकाऊन्टेन्ट सुनीलजी का जन्म राजस्थान के पटोदा गांव में डुंगरमल पाटोदिया के परिवार में हुआ। पिता चौथमलजी गांव में ही कपडे का व्यापार करते थे। प्रारंभिक शिक्षा गांव से करने के बाद सुनील ने झुंझुन के शेठ मोतीलाल कॉलेज से बी.कॉम की डिग्री हासिल की व जीवन में बड़ा मुकाम हासिल करने के लिए 1987 में माया नगरी मुंबई का रुख किया व सी.ए. की पढ़ाई 1991 में पूरी करके एस. के. पाटोदिया एंड एसोसिएटस् की स्थापना की.यह आज मुंबई ही नहीं परंतु भारत के व्यापार जगत में एक जाना पहचाना नाम है.वर्ष 2007 में बढ़ते काम को देखते हुए उन्होंने असोसिएटस् को पार्टनरशीप फर्म में बदल दिया. एस.के.पाटोदिया एसोसिएटस् के तहत कंपनी अटेस्टेशन ऑडिट एन्ड एश्योरेन्स, डायरेक्ट टेक्स, मैनेजमेन्ट कंसलटेन्सी, क्रॉस बोर्डर ट्रांसेक्शन, रेग्युलेटरी सर्विसेस, इनडायरेक्ट टेक्स, कारपोरेट कॉम्पलीसंस एंड डोक्युमेंटेशन में सेवाएं दे रही है। पाटोदिया एसोसिएटस् आज बैंक ऑफ इंडिया,बिहार सरकार,मध्यप्रदेश सरकार के कुछ विभागों के अलावा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, महाराष्ट्र सरकार के उच्च शिक्षा विभाग, गुजरात सरकार के गुजरात सर्व शिक्षा अभियान, आयडीबीआय बैंक, महानंदा डेरी, महाराष्ट्र स्टेट फायनेंशल कोरपोरेशन, महाराष्ट्र सर्व शिक्षा अभियान, न्यु इंडिया एंश्योरेन्स लिमिटेड, ओएनजीसी, भारत सरकार की रेलरेल कॉरपोरेशन (मिनी महाराष्ट्र) स्टेट बैंक, युनियन बैंक, युनायटेड इंडिया एंश्योरेंस जैसी नामांकित कंपनियों को सेवाएं दे रहा है. व्यवसाय के साथ-साथ समाज के प्रति अपने दायित्व और कर्तव्य को निभाते दि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाऊन्टेंटस् ऑफ इंडिया के तहत कार्यरत (WIRC) में 2007 से उन्होंने विभिन्न पदों पर कार्य किया 2007-2008 में 85 हजार सीए व्यावसायी व विद्यार्थियों के लिए कार्यरत संस्था केे सचिव बने। 2014 में डब्लूआईआरसी के चेयरमैन बने.ज्ञात हो पूरे देश भर में लगभग तीन लाख सीएहै.जिसमें लगभग 85 हजार सीए डब्लूआईआरसी में है.सचिव रहते संस्था को बेस्ट रीजनरल कौंसिल का पुरस्कार मिला तथा 2007 में प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील से विभिन्न विषयों व मुद्दों पर चर्चा की,जिसमें सुनील पाटोदिया भी शामिल थे.
वर्ष 2014-15 में लायंस इंटरनेशनल के तहत कार्यरत लायन डिस्ट्रीक्ट 323-A3 के एक्टीवीटी चेयरमैन रहे व अनेक समाजोपयोगी कार्यों को अंजाम दिया.2015-16 के लिए सर्वसम्मति से डिस्ट्रीक्ट के वाइस डिस्ट्रीक्ट गवर्नर चुने गये. संस्था के इतिहास में यह लंबा अंतराल था,जब इस पद के लिए चुनाव नहीं हुए.2008 में राजस्थान विद्यार्थी ग्रह के कोषाध्यक्ष बने.श्री डुंगरमल पटोदिया चेरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक ट्रस्टी तथा भारत विकास परिषद चांदिवली शाखा के संरक्षक है.वर्ष 2017-18 में आपने डिस्ट्रिक्ट का नेतृत्व किया.डिस्ट्रिक्ट ने आपके कार्यकाल में नए कीर्तिमान स्थापित किये व 100 करोड़ के आसपास का काम किया. लायन सुनील पाटोदिया के नेतृत्व में लायंस चॉइस किश इंटरनेशनल स्कूल की योजना है जो ओरिसा स्थित कलिंगा विश्वविद्द्यालय की तर्ज पर होगा. यह डिस्ट्रिक्ट का अब तक का सबसे बड़ा सेवा कार्य हैं. ज्ञात हो पाटोदिया ने अपने कार्यकाल में 100 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा था.वर्तमान में लायंस 3231-A3 के मल्टिपल कॉउन्सिल चेयरमैन के रूप में 304 क्लबों का किया.अपनी मुंबई यात्रा के दौरान लायंस क्लब इंटरनेशनल के वर्ष 2017-18 के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश अग्रवाल ने उनकी प्रशंसा करते हुए कहा था की इस डिस्ट्रिक्ट ने अपने कार्यों से विश्व में देश का नाम रोशन किया हैं.अपनी सेवा और समर्पण के शताब्दी वर्ष पूर्ण कर नए युग में प्रवेश कर चूका हैं.
पाटोदिया ने कहा की विश्व के 210 देशों व भूभाग में फैले इस सबसे बड़े सेवा संस्थान ने इन सौ वर्षों में सेवा के अनगिनत कार्यों को अंजाम दिया हैं और मानव सेवा के कई नए और बेहतरीन आयाम कायम किये हैं और डिस्ट्रिक्ट सेवा और समर्पण की नया इतिहास लिख रहा हैं.आनेवाले समय में क्लबों की संख्या 150 से ज्यादा होने की उम्मीद हैं.अपने कार्यकाल में उन्होंने डिस्ट्रिक्ट की सदस्य संख्या को दस हजार के पार पहुंचाया जो पुरे विश्व में श्रेष्ठ हैं.पाटोदिया ने कहा की लायन क्वेस्ट के तहत बड़ी संख्या में टीचर्स को ट्रेनिंग दी गयी हैं जिससे हजारों विद्द्यार्थी लाभान्वित हुए व हो रहे हैं. बांद्रा से तलासरी तक में दो हजार से ज्यादा सेवा कार्य हुए हैं. एक लाख से अधिक पेड़ लगाने के अलावा थेलेस्मिया,मधुमेह के खिलाफ व्यापक जनजागृति अभियान चलाया गया जो अभी भी जारी हैं.जिला परिषदों के 45 हजार से ज्यादा बच्चों की नेत्र चिकित्सा की गयी. पालघर से बांद्रा तक किसानो को चॉइस किसान योजना में दस हजार किसानों को एक-एक लाख की दुर्घटना पालिसी दी गई. जिसमे दुर्घटना में मृत्यु पर एक लाख तथा विकलांगता पर 25 हजार रुपये मिलेंगे. स्वच्छ भारत अभियान कार्यक्रम के अंतरगत 1000 शौचालय का निर्माण कार्य को गति प्रदान की गई है जिसमे महाराष्ट्र सरकार व एचडीएफसी बैंक का भी सहयोग मिला हैं.साथ ही साथ रेलवे के साथ स्वछता अभियान व स्वच्छ मोहल्ला अभियान शुरू किये। डिस्ट्रिक्ट गवर्नर कार्यकाल के दौरान 365 दिन विभिन्न जगहों पर जरूरतमंद को भोजन उपलब्ध कराना,गरीब बच्चों को विशेषकर मनपा स्कूलों में शैक्षणिक सामग्री देना आदि प्रमुख था. ग्रामीण सेवा सप्ताह को भी जबरदस्त सफलता मिली थी जिसमे कई स्कूलों में साइंस लेबोरेटरी बनाकर दी गयी .आदिवासी संक्रांति सेवा मेला के तहत 10 गावों के हजार आदिवासी परिवारों को नाकोड़ा धाम तीर्थ के पास ढेकाले गांव में अनाजदान,कंबल,चप्पल,सोलापुरी चद्दर आदि सामान दिया. लायंस क्लब ऑफ़ जुहू द्वारा विभिन्न आदिवासी क्षेत्रों में जलाशय (चेक डैम)का उदघाटन हुआ . क्लब लगभग 15 जलाशय बने . उचट गांव में नारायण ए.शिंदे जूनियर कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स एंड साइंस की ईमारत का भूमिपूजन हुआ. शीघ्र ही विरार में 10 डायलिसिस यूनिट जीवदानी ट्रस्ट के साथ मिलकर लगाए जा रहे हैं.
पाटोदिया परिवार ने मुंबई के साथ-साथ अपनी मातृभूमि के प्रति भी अपने दायित्वों और कर्तव्यों का निर्वाह किया है. झुंझनुं में विशाल मुनि आश्रम का निर्माण आदर्श बाल निकेतन के विद्यार्थियों की सुविधा हेतू स्कूल वैन, झुंझनु प्रगति संघ के कार्यालय हेतु जगह उपलब्ध करवाई, मुंबई के सावित्रीबाई फुले जुनिअर कॉलेज, सुवादेवी डुंगरमल पटोदिया लायब्ररी के निर्माण में सहयोग, राजस्थान विद्यार्थी गृह की इमारत व हॉटेल बनाने में सक्रिय भूमिका व सहयोग, शाकम्भरी मंदिर में गेस्ट हाऊस के निर्माण के अलावा समय समय पर सीएसआर फंडस् के तहत समाजोपयोगी कार्यों को सहयोग दिया व दे रहे है.श्री पटोदिया को अनेक संस्थाओं ने सम्मानित किया है। वर्ष 2014 में सामाजिक सांस्कृतिक संगठन युथ फोरम व अवर लेडी ऑफ वेलंकनी हाईस्कूल की ओर से आपको मोहनराज बंबोरी पुरस्कार मध्यप्रदेश के तत्कालीन शिक्षा मंत्री जैन के हाथों प्रदान किया गया था.लाइफ चेंजिंग सेमिनार में आपकी उपस्थिति ने आनेवाली पीढ़ियों को नई राह दिखाई हैं.
क्या कहते है लोग उनके बारे में
क्या कहते है लोग
सुनील पाटोदिया के नेतृत्व में डिस्ट्रिक्ट3231-ए3ने अपने कार्यों से विश्व में देश का नाम रोशन किया हैं.अपनी सेवा और समर्पण के शताब्दी वर्ष पूर्ण कर नए युग में प्रवेश कर चूका हैं.कलिंगा विश्व विद्द्यालय के संस्थापक अच्युत सामंत के मार्गदर्शन में ही लायंस द्वारा स्कूल का निर्माण बहुत ही अच्छा और बेहतरीन कार्य है.
लायन नरेश अग्रवाल,
पूर्व अध्यक्ष-लायंस इंटरनेशनल
सुनील पाटोदिया सेवा और सादगी की मूरत हैं. एक सफल व्यक्ति में जो गुण होने चाहिए वो सभी उनमे हैं. उनसे हमेशा कुछ नया सीखने को मिलता हैं.
किसी का सम्मान करना उनसे सीखे.
अतुल गोयल,
उपाध्यक्ष-युथ फोरम
सादगी और सेवा का दूसरा नाम हैं सुनील पाटोदिया.काम समय में व्यक्ति को अपना बनाना उनकी सबसे बड़ी कला हैं. मुझे बड़ी ख़ुशी हैं की मेरी स्कूल को उन्हें सम्मानित करने का मौका मिला.
श्रीमती निर्मला माखीजा,
अवर लेडी ऑफ़ वैलंकनी हाईस्कूल,
भायंदर
क्या कहते है लोग उनके बारे में
क्या कहते है लोग
सुनील पाटोदिया के नेतृत्व में डिस्ट्रिक्ट3231-ए3ने अपने कार्यों से विश्व में देश का नाम रोशन किया हैं.अपनी सेवा और समर्पण के शताब्दी वर्ष पूर्ण कर नए युग में प्रवेश कर चूका हैं.कलिंगा विश्व विद्द्यालय के संस्थापक अच्युत सामंत के मार्गदर्शन में ही लायंस द्वारा स्कूल का निर्माण बहुत ही अच्छा और बेहतरीन कार्य है.
लायन नरेश अग्रवाल,
पूर्व अध्यक्ष-लायंस इंटरनेशनल
सुनील पाटोदिया सेवा और सादगी की मूरत हैं. एक सफल व्यक्ति में जो गुण होने चाहिए वो सभी उनमे हैं. उनसे हमेशा कुछ नया सीखने को मिलता हैं.
किसी का सम्मान करना उनसे सीखे.
अतुल गोयल,
उपाध्यक्ष-युथ फोरम
सादगी और सेवा का दूसरा नाम हैं सुनील पाटोदिया.काम समय में व्यक्ति को अपना बनाना उनकी सबसे बड़ी कला हैं. मुझे बड़ी ख़ुशी हैं की मेरी स्कूल को उन्हें सम्मानित करने का मौका मिला.
श्रीमती निर्मला माखीजा,
अवर लेडी ऑफ़ वैलंकनी हाईस्कूल,
भायंदर
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