आशा सहयोगिनी ने एक ही परिवार के 23 सदस्यों को बचाया कोरोना संक्रमण से

 सफलता की कहानी 
जयपुर- प्रदेश में कोरोना संक्रमण सेे बचाव व रोकथाम के लिए किये जा रहे सर्वे व स्क्रीनिंग कार्य में आशा सहयोगिनियों का योगदान में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में साबित हो रहा है।

इसी कड़ी में जोधपुर जिले की आशा सहयोगिनी रीटा द्वारा समझाइश करने पर करवाई जाँच से एक ही परिवार के 23 व्यक्तियों को संक्रमण होने से बचाया है। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कलाल कॉलोनी के अधीन आने वाले वार्ड नम्बर 52 में कार्यरत आशा सहयोगिनी रीटा ने सजगता से कोरोना संक्रमित एक महिला की जांच करवार्ई। इस वार्ड के कागा कागड़ी मोहल्ले में सर्वे के दौरान शबाना नाम की एक गृहिणी मिली, जिन्हें बार-बार खांसी की तकलीफ हो रही थी। रीटा बताती हैं कि उसे पता चला कि शबाना हाल ही में अपने पीहर हॉटस्पॉट नागौरी गेट भी जाकर आई हैं। शबाना के लक्षण देख आशा रीटा ने शबाना और उनके परिजनों से जांच करवाने की कही, जिसे उसके परिवार वालों द्वारा सिरे से नकार दिया गया। लेकिन रीटा की जिद्द व समझदारी के बल पर शबाना व उसके परिजन सेंपल देने के लिए सहमत हो गये। 

शबाना के सैंपल की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाई जाने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जोधपुर की रेपिड रेस्पोंस टीम द्वारा मौके पर पहुंच कर शबाना व उसके परिजनों को क्वारेंटीन सेंटर ले जाया गया। आशा रीटा की इस समझदारी के चलते समय पर शबाना की जांच करवाने से संक्रमण को फैलने से पूर्व नियंत्रित करने में सफलता मिली और शबाना के परिवार के साथ ही रहने वाले करीब 23 सदस्य कोरोना संक्रमण से सुरक्षित बच पाए। अब शबाना कोरोना को मात देकर स्वस्थ अवस्था में क्वारेंटीन अवधि पूर्ण कर घर पहुँच चुकी हैं। कलाल कॉलोनी यूपीएचसी चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ. तरुण परमार ने बताया कि वार्ड नम्बर 52 में अब तक 250 से अधिक लोगों की सैंपलिंग हुई है और इसमें आशा रीटा की अहम भूमिका रही है। डॉ. परमार ने बताया कि रीटा की इस उपलब्धि के पर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया जा चुका है। 

जिले में लगभग 2 हजार से भी अधिक आशा सहयोगिनियों द्वारा लगातार सर्वेदल टीमों के साथ डोर टू डोर सर्वे एवं स्क्रीनिंग व सैम्पलिंग का कार्य किया जा रहा है। आशा स्वास्थ्य विभाग की वे वर्कर हैं जो समुदाय के बीच रहकर स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही प्रत्येक परिवार से सीधी जुड़ी होती है। यही जुड़ाव कंटेन्मेंट जोन में सघन सैंपलिंग में मददगार साबित हो रहा है। अकेले जोधपुर जिले में ही अब तक 30 हजार से अधिक लोगों की सैंपलिंग की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त ये आशाएं सहयोग के भाव से घर पर मास्क व सर्जिकल हेड कैप आदि बनाकर आमजन व स्वास्थ्य दलों को निःशुल्क वितरण कर अपनी सेवाएं भी दे रही हैं।

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