दूसरों की सेवा से पुण्य मिलता हैं :- डॉ आशिष मिश्रा

युथ फोरम का कार्यक्रम 
भायंदर:- सेवा से मिलता मेवा। दूसरों की सेवा से हमें पुण्य मिलता है- यह सही है, पर इससे तो हमें भी संतोष और असीम शांति प्राप्त होती है। परोपकार एक ऐसी भावना है, जिससे दूसरों का तो भला होता है, खुद को भी आत्म-संतोष मिलता है। मानव प्रकृ ति भी यही है कि जब वह इस प्रकार की किसी उचित व उत्तम दिशा में आगे बढ़ता है और इससे उसे जो उपलब्धि प्राप्त होती है, उससे उसका आत्मविश्वास बढ़ता है. 


उपरोक्त विचार समाजसेवी डॉ आशिष मिश्रा ने विरार के समीप शिवणशाही गांव में आदिवासी परिवारों को अनाजदान देने के बाद बोल रहे थे. इसका आयोजन युथ सोशल वेलफेयर एसोसिएशन (युथ फोरम)ने किया था. फोरम के सलहाकार प्रमोद तिवारी ने कहा की सौ हाथों से कमाएं, हजार हाथों से दान दें:'शतहस्त समाहर सहस्त्र हस्त सं किर'.अर्थात् हे मानव, तू सैकड़ों हाथों से कमा और हजारों हाथों से दान कर।यही हमारी शास्त्र भी कहते है.कोरोना महामारी के चलते लॉक डाउन में सबको यह मौका मिला हैं.फोरम के अध्यक्ष दीपक आर जैन ने बताया की अबतक इस कार्य मे प्रमोद तिवारी, निर्मला माखीजा, अतुल गोयल,सीए अंकुश गुप्ता,डॉ गौरवी मिश्रा, डॉ आशीष मिश्रा,डॉ गार्गी गुप्ता, अविनाश चोहान,यूनाइटेड इंडिया कंज्यूमर्स एसोसिएशन आदि का सहयोग मिला हैं. कार्यक्रम में रवि तन्ना,राहुल यादव,योगेश भोईर,शुभांगी मोकासी आदि उपस्थित थे.   

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