जिनशासन का देदीप्यमान सितारा डाॅ0 शुद्धात्मप्रकाश जैन

डाॅ0 जैन द्वारा लिखित पुस्तकें आज हजारों प्रशिक्षार्णी छात्रों द्वारा पाठ्यपुस्तक के रूप में पढ़ी जाती हैं।

देश के  प्रमुख जैन विदवानों की अग्रिम पंक्ति में आनेवाले डाॅ0 शुद्धात्मप्रकाश जैन के बारे में जानना किसी भी जैन नहीं बल्कि हर विद्वान व्यक्ति के लिए गौरव का विषय हैं.अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर के.जे. सोमैया सेंटर फाॅर स्टडीज इन जैनिज्म द्वारा आनेवाले समय में जैन धर्म की भूमिका पर आयोजित वेबिनार में आपको सुनने का मौका मिला. सरल स्वभाव वाले व्यक्तित्व श्री जैन के बारे में लिखना अपने आप को गौरवांतित करना हैं. 

मुंबई :- डाॅ0 शुद्धात्मप्रकाश जैन का जन्म राजस्थान के करौली जिलान्तर्गत ग्राम- गुढ़ाचन्द्रजी में सन् 1977 में हुआ। सम्प्रति आप मुम्बई में ‘के.जे. सोमैया सेंटर फाॅर स्टडीज इन जैनिज्म’ के निदेशक हैं। आपने शास्त्री उत्तीर्ण करने के पश्चात् जैनविद्या एवं तुलनात्मक धर्म-दर्शन, संस्कृतसाहित्य और प्राकृत विषयों में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की, इसके पश्चात् आपने श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, नई दिल्ली से विद्यावारिधि की उपाधि प्राप्त की। आप वर्तमान में जैनदर्शन के क्षेत्र में अध्ययन-अध्यापन करते हुए निरन्तर अपनी सेवायें प्रदान कर रहे हैं।
आपने मंगलायतन विश्वविद्यालय, अलीगढ़, राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, मानित विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान आदि में 15 वर्षों से अधिक अध्यापन कार्य किया। आप जैनदर्शन के अतिरिक्त शिक्षाशास्त्र, प्राकृत, संस्कृत और ज्योतिष के भी विद्वान हैं। आपने अनेक पुस्तकों, शोधलेखों, समसामयिक लेखों और कहानियों की रचना की है। डाॅ0 जैन के निर्देशन में अनेक छात्रों ने अपने शोध प्रस्तुत किये हैं। आपके द्वारा पढ़ाये गये लगभग 300 से अधिक छात्र आज सरकारी विद्यालयों में अध्यापक के रूप में सेवारत हैं। आपने दो दर्जन से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। डाॅ0 जैन द्वारा लिखित पुस्तकें आज हजारों प्रशिक्षार्णी छात्रों द्वारा पाठ्यपुस्तक के रूप में पढ़ी जाती हैं। आपकी प्रमुख पुस्तकें ‘भगवान महावीर का शिक्षादर्शन’, ‘मूल्य शिक्षण’, ‘जीवन शैली प्रबन्धन’, ‘उड़ चला हंस सैलानी’ आदि प्रमुख हैं। आपके द्वारा सम्पादित पुस्तकों में ‘आराधनासमुच्चय’, ‘योगसारसंग्रह’, ‘जैन दृष्टि में युगीन समस्याओं के समाधान’ आदि प्रमुख हैं। आपने धर्म, दर्शन, जीवनमूल्य, नैतिकता, शिक्षा, समाज आदि अनेक विषयों पर अपनी लेखनी चलाई है।

आपको ‘हरप्रसाद इंस्टीट्युट आफ बिहेवियर साइंस, आगरा’ द्वारा लेखन के क्षेत्र में दिया जाने वाला वर्ष 2011 का सर्वश्रेष्ठ लेखक का पुरस्कार ‘प्रो0 रामगोपाल सोनी मैमोरियल अवाॅर्ड आफ बेस्ट आर्थर’ तथा ‘इंटरनेशनल पब्लिशिंग हाऊस, दिल्ली’ द्वारा आपको वर्ष 2014 का ‘बेस्ट सिटीजन्स आफ इंडिया अवाॅर्ड’ प्रदान किया गया। वर्ष 2014 में 19 फरवरी को प्रगति मैदान दिल्ली में ‘अखिल भारतीय ज्योतिष संस्था संघ’ द्वारा आपको ‘दैवज्ञ शिरोमणि’ की उपाधि भी प्रदान की गई। वर्ष 2015 में भी आपको ‘हरप्रसाद इंस्टीट्युट आफ बिहेवियर साइंस, आगरा’ द्वारा ‘नेशनल बेस्ट स्पिरीच्युअल एजेकुशनिस्ट’ का पुरस्कार प्राप्त हो चुका है।

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