कुंभार कला को बढ़ावा देने संग्रहालय के लिए पहल करे सरकार

कला दिवस पर विशेष

पद्मश्री ब्रह्मदेव राम पंडित की मांग

दीपक जैन


भायंदर :-
पद्मश्री ब्रह्मदेव राम पंडित ने मांग की है कि भारत में मिट्टी के बर्तनों की पारंपरिक कला को बढ़ावा देने के लिए सरकार को एक कला संग्रहालय बनाना चाहिए। वे पिछले कुछ वर्षों से एक कला संग्रहालय की स्थापना का प्रयास कर रहे हैं।इस संबंध में उन्होंने मीरा भायंदर म्हणनगरपालिका व स्थानीय विधायक गीता जैन को भी अवगत कराया है।

ब्रह्मदेव पंडित पिछले पांच दशक से भायंदर में रहकर इस कला को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे है। देश विदेश के नामी कलाकार इस कला की जानकारी हासिल करने भायंदर उनके वर्कशॉप पर आते हैं।काम की मान्यता में, उन्हें 2013 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।कुंभार कला में पहलीबार उन्हें मिला।

वह कुंभार कला में नए-नए प्रयोग कर रहे है और अपनी कला को पूरी दुनिया में फैला रहै है। वह अपनी पत्नी देवकी, बेटे अभय बहु खुशबू और पोते अनंत भी इस कला में माहिर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे भायंदर में मिट्टी के बर्तन कला संग्रहालय की स्थापना करना चाहते हैं ताकि अधिक से अधिक लोग कुंभार कला को जान सकें और इसमें लगातार प्रयोग करके भारत का नाम दुनिया में कला के क्षेत्र में अग्रणी बना सकें। इस संग्रहालय में लोगों को अदृतिय हस्तकला देखने को मिलेगी।इस कला में रुचि रखनेवाले विद्यर्थियों को वे निशुल्क शिक्षा देने को तैयार है।

कलाकारों को काम देने की जरूरत'

हमारे देश में कला को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा पर्याप्त धनराशि दी जा रही है। इसके लिए सरकार की ओर से कई कला कर्मचारीयों काचयन भी किया गया है। लेकिन अलग-अलग कलाकारों की तलाश करना हमेशा जरूरी होता है। क्योंकि कई बड़े और अच्छे कलाकारों की कला आर्थिक तंगी या काम की कमी के कारण नष्ट हो गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे  कलाकारों की तलाश करके सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए।

युथ फोरम के अध्यक्ष दीपक जैन व अतुल गोयल ने कहा कि सरकार को ज्यादा से ज्यादा ऐसी कला जो देश की धरोहर है उन्हें बढ़ावा देने के लिये कदम उठाने चाहिए।किसी भी कलाकार को आसानी से मदद मिले ऐसे प्रयास करने चाहिए।



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