संजेली में हुआ प्रभु प्रवेश
नवयुवक परिषद की स्थापना
संजोली :- पुण्यसम्राट गुरुदेव श्री विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी म. सा. के शिष्य एवं परम पूज्य.गच्छाधिपति श्री नित्यसेन सूरीश्वरजी म.सा. परम पूज्य आचार्य श्री जयरत्न सूरीश्वरजी म.सा के आज्ञानुवर्ती मुनिराज श्री निपुणरत्न विजयजी म.सा आदि ठाणा का दाहोद से लीमङी होकर संजेली में प्रवेश हुआ। उसके बाद श्री कुंथुनाथ जिनबिम्ब (पंचधातु) प्रवेश संबंधित चडावे बोले गये एवं शुभ मुहूर्त में हर्षोल्लासपूर्वक प्रवेश एवं चल प्रतिष्ठा विधि संपन्न हुई।
इस अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए अपने प्रवचन में प्रभु दर्शन एवं प्रभु पूजा की महिमा समझाते हुए कहा कि राग द्वेष से मुक्त परमात्मा की पूजा करने से हमें राग द्वेष से मुक्त होने का लक्ष्य प्राप्त होता है।उन्होंने कहा कि राग द्वेष कम होने पर दुख भी कम हो जाते हैं, जिससे मन प्रसन्न रहता है व अंहकार नाश होता है । जीवन में हर कार्य में सफलता प्राप्त होती हैं। मुनि श्री ने कहा कि परमात्मा गुणों से पूर्ण होते हैं, उनकी पूजा से शुभ भाव प्रगट होते हैं जिससे पाप क्षय होते हैं एवं पुण्य का उपार्जन होता है जिसके द्वारा जीव का कल्याण होता है ।
परिषद की स्थापना
मुनि श्री की निश्रा में अखिल भारतीय श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद की स्थापना की गई ,जिसमें 10 से ज्यादा सदस्य जुड़े। पदाधिकारियों में अध्यक्ष संस्कार कोठारी, महामंत्री विशाल तलेरा नियुक्त किया गया । रात्रि में भाईयों का प्रवचन हुआ एवं सुबह संतरामपुर की ओर विहार किया ।
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