तेरापंथ साहित्य एवं हस्तकला प्रदर्शनी संपन्न
तेरापंथ समाज का कार्यक्रम
समय की जरूरत ऐसी प्रदर्शनियां
श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा,भायंदर की और से त्रिदिवसीय तेरापंथ साहित्य एवं हस्तकला प्रदर्शनी का आयोजन वर्तमान समय के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।इस तरह की प्रदर्शनी से आनेवाली पीढ़ी निश्चित ही जागरूक होगी,व हमारे धर्म के बारे में विस्तार से जानेंगे और समय समय पर लोगों को धर्म के प्रति जागरूक भी करेंगे।ऐसे आयोजन समय समय पर होते रहने चाहिए।
दीपक जैन :संपादक
शांति वल्लभ टाइम्स
भायंदर :- श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा,भायंदर की और से त्रिदिवसीय तेरापंथ साहित्य एवं हस्तकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।प्रदर्शनी से हजारों लोगों को आचार्य तुलसी, आचार्य महाप्रज्ञ आदि संत सती के साहित्य व अन्य वस्तुओं से अवगत हुए।
भायंदर (वेस्ट) स्थित तेरापंथ भवन में शांतिदूत महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी शिष्या शासन श्री साध्वी श्री विद्यावतीजी "द्वितीय" आदि ठाणा 5 की निश्रा में 29 से 31 अक्टूबर 2022 तक चली प्रदर्शनी के प्रायोजक विकासकुमार महेन्द्रकुमारजी बडाला थे।
राष्ट्रसंत आचार्य श्री तुलसी, महान् दार्शनिक आचार्य श्री महाप्रज्ञजी, शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमणजी, शासनमाता साध्वी प्रमुखा श्री कनकप्रभाजी एवं तेरापंथ धर्मसंघ के प्रबुद्ध, मूर्धन्य साधु-साध्वियों द्वारा आगम, योग, ध्यान, आहार, दर्शन, न्याय, अध्यात्म, जैन सिद्धांत आदि विविध विषयों पर विविध विधाओं एवं विविध भाषाओं में लिखित एवं संपादित बेजोड़ पांडित्यपूर्ण साहित्य की प्रदर्शनी यहाँ रखी गई थी। यह प्रदर्शनी वस्तुतः सुख एवं शांति के लिए आध्यात्मिक खुराक थीतो हस्तकला प्रदर्शनी तुलसी समवसरण तेरापंथ भवन,में विराजित साध्वियों एवं तेरापंथ धर्मसंघ के विशिष्ट कलाकार साधु साध्वियों के अथक श्रम की बूंदों से निर्मित दैनंदिन उपयोगी वस्तुओं की एक विशाल प्रदर्शनी थी जिसमें कई ऐसी आश्चर्यजनक वस्तुएं देखने को मिली जिसे कभी देखी नहीं थी।
प्रदर्शनी के आकर्षण ★ 8 इंच लंबे एवं 5 इंच चौड़े पेपर पर लिखित है श्रीमद् भागवत गीता के 150 श्लोक (5200 अक्षर) 9.2 इंच लंबे एवं 4.2 इंच चौड़े दो पन्नों पर लिखी हुई है अतिसूक्ष्म अक्षरों में संपूर्ण भागवत गीता, 3.से.मी. लंबे एवं 1.5 से.मी. चौड़े पेपर पर सूक्ष्मातिसूक्ष्म अक्षरों में लिखे गये हैं, 15 श्लोकः (480 अक्षर)★ एवं 4.1 इंच चौडे पेपर पर लिखे हुए हैं जैनागम उत्तराध्ययन सूत्र के 230 श्लोक (10,500 atare) ★ॐ श्री एवं स्वस्तिक के संयुक्त आकार में लिखे हुए है दशवेकालिक सूत्र के (3,250 अक्षर)★ नारियल की टोपसी पर लिखे हुए है 500 श्लोक * पीपल के सूखे पत्तों पर बनाये गये हैं अतिसुंदर विविध चित्र★प्लास्टिक के चावल पर आप देखेंगे एक विश्व संत का नाम ★लकड़ी, कंधा, पेपर बेट, प्लास्टिक आदि से बनाई गई है, कलात्मक ढंग से दाँत कुचरनी एवं कान कुचरनी आदि । ★ एक ही प्रकार के धागे से निर्मित है विभिन्न प्रकार की डोरियां एवं बिना मोती के धागे की जालीदार आकर्षक मालाएं ★कागज के 421 मणियों से बनाया गया है मनमोहक हार के अलावा आपको देखने को मिलेंगे और भी कई चित्रात्मक, शिक्षात्मक, कलात्मक पत्रे एवं कपड़े तथा नाखून के सहारे से बनाये गये विविध चित्र और देखियेगा बुद्धि परीक्षा एवं दिमागी कसरत के नुस्खे देखने को मिले।इसे सफल बनाने में तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ महिला मंडल, अणुव्रत समिति क्षेत्रीय भायंदर (वेस्ट) ने मेहनत की।
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