जैन शासक रानी चेन्नभैरदेवी के सम्मान में स्मारक डाक टिकट
देश की महान वीरांगनाओं को श्रद्धांजलि
जैन समाज के लिए ऐतिहासिक क्षण
ज्ञात हो कि शौर्य, बुद्धिमत्ता और करुणा की प्रतीक रानी चेन्नभैरदेवी 16वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य के नागिरे प्रांत की जैन शासक थीं। उन्हें भारतीय इतिहास की सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली रानी (54 वर्ष) के रूप में जाना जाता है। उन्होंने पुर्तगालियों के विरुद्ध दो बार विजय प्राप्त कर अपने शासन की दृढ़ता और सैन्य रणनीति का प्रमाण दिया।
नई दिल्ली :- रानी चेन्नभैरदेवी एक न्यायप्रिय और कुशल शासिका थीं। उनके प्रयास आज के समाज के लिए भी प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने कहा कि स्मारक डाक टिकट हमारे इतिहास के नायक-नायिकाओं को नई पीढ़ी से परिचित कराने का सशक्त माध्यम हैं।
उपरोक्त विचार राष्ट्रपति भवन के गोदावरी हॉल में आयोजित एक भव्य समारोह में जैन समाज की गौरव रानी चेन्नभैरदेवी के सम्मान में स्मारक डाक टिकट जारी करने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने व्यक्त किए।ज्ञात हो कि शौर्य, बुद्धिमत्ता और करुणा की प्रतीक रानी चेन्नभैरदेवी 16वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य के नागिरे प्रांत की जैन शासक थीं। उन्हें भारतीय इतिहास की सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली रानी (54 वर्ष) के रूप में जाना जाता है। उन्होंने पुर्तगालियों के विरुद्ध दो बार विजय प्राप्त कर अपने शासन की दृढ़ता और सैन्य रणनीति का प्रमाण दिया। राष्ट्रपति भवन के गोदावरी हॉल में आयोजित एक भव्य समारोह में जैन समाज की गौरव रानी चेन्नभैरदेवी के सम्मान में स्मारक डाक टिकट जारी किया।
सुभाष चंद्र डंक, हुबली ने बताया कि इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस पहल के लिए एक्सीलेंट एजुकेशन फाउंडेशन, मूडबिद्री की सराहना की और रानी चेन्नभैरदेवी के जीवन को साहस, न्याय और बुद्धिमत्ता की मिसाल बताया।
साथ ही राज्यसभा सांसद पद्मविभूषण डॉ. डी. वीरेंद्र हेगड़े ने अपने संबोधन में रानी की शासन-नीति की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि रानी चेन्नभैरदेवी ने न केवल मछुआरा समुदाय को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए, बल्कि उनकी महिलाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देकर सशक्त किया।
इस अवसर पर समाजसेवी महेंद्र सिंघी व एक्सीलेंट ग्रुप के युवराज जैन ने राष्ट्रपति को उत्तर कर्नाटक के प्रतिष्ठित अध्यात्मिक गुरू एवं दार्शनिक श्री सिद्धारूढ़ स्वामीजी की चांदी की प्रतिमा भेंट की साथ ही रानी की पेंटिंग को संस्कार स्कूल हुबली के अध्यक्ष एवं जैनिज़्म फिलेटेलिक सोसाइटी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महावीर कुंदुर, विमल तालिकोटी और संतोषकुमार मुर्गिपाटील द्वारा भेंट की गई। वहीं रश्मिता जैन, मधु कुंदुर और सुश्री मीरा कुंदुर ने राष्ट्रपति को कर्नाटक की प्रसिद्ध इलकल साड़ी उपहार स्वरूप भेंट दी।
डाक विभाग की ओर से मुख्य महाडाकपाल कर्नल अखिलेश कुमार पांडे ने रानी चेन्नभैरदेवी पर आधारित स्मारक डाक टिकट की पहली एल्बम महामहिम राष्ट्रपति को सौंपकर इस ऐतिहासिक क्षण को चिह्नित किया।
इस अवसर पर दक्षिण पश्चिम रेलवे सलाहकार समिति (जेडआरयूसीसी) के सदस्य एवं समाजसेवी महेंद्र सिंघी ने समारोह का संचालन करते हुए रानी चेन्नभैरदेवी की जीवनगाथा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रानी चेन्नभैरदेवी जैसी निर्भीक शासिका, दूरदर्शी रणनीतिकार एवं करुणा की प्रतिमूर्ति का यह सम्मान हम सभी के लिए अत्यंत गौरव का विषय है।
इस दौरान सिंघी ने केंद्र सरकार और संबंधित मंत्रालय से आग्रह किया कि रानी चेन्नभैरदेवी के साहसिक एवं प्रेरणादायी जीवन पर आधारित एक विशेष टेलीविजन धारावाहिक तथा एक विस्तृत डॉक्यूमेंट्री का निर्माण किया जाए, ताकि देश की जनता, विशेषकर युवा पीढ़ी, उनके अद्वितीय नेतृत्व, प्रशासनिक दूरदृष्टि और महिला सशक्तिकरण हेतु किए गए प्रयासों से प्रेरणा प्राप्त कर सके।
समारोह में डॉ. बी. पी. संपत कुमार, एसडीएम ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सुरेंद्र हेगड़े, ललित नाहटा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिन्होंने इस ऐतिहासिक अवसर की गरिमा को और बढ़ाया।
स्वाती जैन / हैदराबाद

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