महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु अभिलाषा एजुकेशन सोसाइटी की उल्लेखनीय पहल
लिटरेसी प्रोग्राम से 3,300 महिलाओं को मिला आर्थिक सशक्तिकरण का अवसर
डॉ. जूली सिंह ने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि हर महिला आत्मनिर्भर बने और अपने परिवार एवं समाज के विकास में सक्रिय भूमिका निभा सके।”
मुंबई :- महिला सशक्तिकरण एक महत्वपूर्ण विषय है जो महिलाओं को समाज में समानता और अधिकार दिलाने के लिए काम करता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें महिलाओं को अपने अधिकारों और क्षमताओं के बारे में जागरूक किया जाता है और उन्हें अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए सशक्त बनाया जाता है।
उपरोक्त विचार अभिलाषा एजुकेशन सोसाइटी की ट्रस्टी एवं संस्थापक डॉ. जूली सिंह ने अपनी टीम के साथ मिलकर पालघर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के लिए आयोजित कार्यक्रमों में व्यक्त किये।उन्होंने कहा कि उद्देश्य महिलाओं को समाज में समानता दिलाने और उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए काम करना,महिलाओं को शिक्षित करना,महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना,महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना हैं।उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण से आर्थिक विकास होता है और महिलाओं को अपने जीवन को बेहतर बनाने के अवसर मिलते हैं,इससे सामाजिक परिवर्तन होता है और महिलाओं के प्रति समाज की दृष्टि में बदलाव आता है।इन कार्यक्रमों का उद्देश्य ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों की महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक एवं डिजिटल साक्षरता प्रदान करना था।
साथ ही साथ संस्था ने - गिरिजा म्हात्रे हाई स्कूल एंड जूनियर कॉलेज,कर्मवीर भाऊराव पाटिल स्कूल एंड जूनियर कॉलेज, सह्याद्री शिक्षा सेवा मंडल हाई स्कूल एंड डिग्री कॉलेज,शांति गोविंद हाई स्कूल,अवर लेडी ऑफ वेलंकनी हाईस्कूल,होली एंजेल हाई स्कूल में छात्रों को पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, और सामाजिक मुद्दों पर जागरूक किया जा रहा है,जिससे वे अपने समुदाय में सकारात्मक परिवर्तन ला सकें। यह पहल निश्चित रूप से पालघर जिले के लिए एक प्रेरणादायी मॉडल बनकर उभरी है।इस सराहनीय प्रयास में देविका वाघेला, आशावरी प्रसाद, नीता अग्रवाल, सरोज, मिसबा खान, फरहीन सैयद, तरन्नुम अंसारी, मरियम शेख, और अनिता सिंह का समावेश था।


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