भायंदर में आचार्य श्री जिनमनोज्ञसुरीश्वर जी का चातुर्मास प्रवेश
प्रव्रत्ति से निवृत्ति की ओर ले जाना चातुर्मास का उद्देश्य
भायंदर :- खरतरगच्छ आचार्य श्री जिन मनोज्ञसुरीश्वरजी म.सा. का चातुर्मास प्रवेश धूमधाम से संपन्न हुआ।इस अवसर पर देशभर से सैकड़ों गुरु भक्त उपस्थित थे।उनके साथ मुनि नयज्ञसागरजी आदि का भी प्रवेश हुआ। प्रवेशोत्सव की शुरुआत कपोलवाडी,गीतानगर से हुई, जिसमें बैंड की मधुर धुन और नाचते युवा भक्त शामिल थे।
संघ के संयोजक विशनराज मेहता ने बताया कि चतुर्मास प्रवेश का वरघोड़ा कपोलवाडी गीतानगर से आरंभ हुआ जो शहर के मुख्य मार्गों से होता हुआ प्रवचन पंडाल पहुंचकर धर्म सभा में परिवर्तित हो गया ।माहेश्वरी रोड पर टर्फ में आयोजित विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री ने कहा कि चातुर्मास का उद्देश्य प्रवृत्ति से निवृत्ति में लाना और अपनी आदतों को सुधारना है।परमात्मा व दादा गुरुदेव के समक्ष दीप प्रज्वलन उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने किया।उपस्थित मेहमानों का स्वागत संघ अध्यक्ष दीपचंद ललवानी ने किया।खुशी मेहता,शांतिलाल छाजेड़ मालेगांव एवं सम्पतराज धारीवाल ने गुरुदेव के प्रति भाव भरा गीत प्रस्तुत किया।
गुरुपूजन का लाभ केतनकुमार अशोककुमार पुष्पा जीजी व कांबली का लाभ शांतिलाल नीरजकुमार छाजेड़ हरसानी मालेगांव ने लिया कार्यक्रम के दौरान श्री कुशल कांति खरतरगच्छ संघ पाल सूरत द्वारा आगामी 2026 में चतुर्मास की विनंती अध्यक्ष घेवरचंद जी के नेतृत्व में की गई।संघ स्वामीवात्सल्य का लाभ मनमोहन बच्छावत परिवार फलोदी ने लिया।भक्ति की रमझट अनिल सालेचा ने जमायी।कार्यक्रम का संचालन नरपत मंडोवरा सूरत व आभार भायंदर संघ के सचिव मुनेश छाजेड़ ने व्यक्त किया। चातुर्मास के मुख्य लाभार्थी खुशी मोना मेहता परिवार जोधपुर मलाड है।

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