भायंदर (वेस्ट) श्मशान का दम घोटू धुआं

अंतिम संस्कार करने वालों के साथ स्थानीय लोग परेशान

चिमनिया हुई बेकार मीरा भयंदर मनपा की अनदेखी के लोग शिकार



भायंदर :-
मीरा भायंदर महानगरपालिका का भायंदर (वेस्ट) में स्थित श्मशान घाट में शवों के दाह संस्कार से होने वाले धुएं के प्रदूषण के कारण अप्रभावी हो गया है, जिससे अंतिम संस्कार करने वालों के साथ क्षेत्र के निवासी भी प्रभावित हुए हैं।

भायंदर (वेस्ट) में यह एकमात्र श्मशान घाट है। इसमें अंतिम संस्कार के लिए आने वाले शवों की संख्या अधिक होती है। इसलिए अंतिम संस्कार के लिए यहां 4 ताबूत लगाए गए हैं। एक एलपीजी गैस की सुविधा भी है।शव का अंतिम संस्कार करने के लिए लकड़ी जलाई जाती है। उस समय काफी मात्रा में धुआं निकलता है। मृत शरीर से निकलने वाला धुंआ लकड़ी का धुंआ केवल स्वचालित चिमनियों के ऊपर ही नहीं जाता, यह नीचे और चारों तरफ फैल जाता है।इससे नगर पालिका द्वारा लगाई गई चिमनियां काम नहीं करती व अंतिम संस्कार में आने वाले लोगों को धुएं के कारण परेशानी होती है। धुएं का साँस लेना भी कारण बनता है।

शमशान के आसपास बड़ी संख्या में आबादी है। धुंआ निवासियों के घर और पड़ोस में फैलता रहता है, शवों और लकड़ी के जलने से उत्पन्न धुंआ इस क्षेत्र के निवासियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, जो श्वसन विकार, खांसी आदि रोग फैला सकता है।

रांकपा ने दी आंदोलन की चेतावनी

राकांपा मीरा भायंदर 145 विधानसभा अध्यक्ष राजन भोंसले ने मनपा आयुक्त दिलीप ढोले और कार्यकारी अभियंता दीपक खाम्बित को पत्र लिखकर यंहा पर बिजली पर लंबी चिमनियां लगाने की मांग की है। श्मशान घाट के आसपास रहने वाले लगभग 6,000 से 7,000 निवासी धुएं के कारण तपेदिक, दमा और खांसी जैसे संक्रामक रोगों से पीड़ित हों रहे हैं,व लोगों का दवाइयों पर खर्च हो रहा है।





टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्रमण संघीय साधु साध्वियों की चातुर्मास सूची वर्ष 2024

पर्युषण महापर्व के प्रथम पांच कर्तव्य।

तपोवन विद्यालय की हिमांशी दुग्गर प्रथम