त्रिदिवसीय महामांगलिक उत्सव एवं कोंकण पट्टी श्रीसंघ स्नेह सम्मेलन की पत्रिकाओं का विमोचन

रजतचंद्र विजयजी की निश्रा में शुभ मुहूर्त में लेखन


महाड़ :-
परोपकार सम्राट आचार्य श्री ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी म.सा.के सुशिष्य प्रवचनदक्ष मुनिप्रवर श्री रजतचंद्र विजयजी म.सा.आदि ठाणा की पावन निश्रा में ज्ञानमय तपोमय आराधनामय धर्मोत्सव के रूप में यशस्वी शानदार यादगार इतिहास सर्जक चातुर्मास चल रहा है। नित नये नये आयोजनों ने संघ का उत्साह दुगना कर दिया है। इसी कड़ी में पर्युषण पर्व के पश्चात अठाई उत्सव की परंपरानुसार त्रिदिवसीय जिनेंद्र भक्ति महोत्सव की पत्रिका एवं चातुर्मास की चतुर्थ पूर्णिमा उत्सव महामांगलिक एवं कोंकण श्रीसंघ स्नेह मिलन सम्मेलन की पत्रिका का शुभ मुहूर्त किया गया। 

वासुपूज्य जिनालय महावीर भवन धर्म शंखनाद पीठिका पर विराजित मुनिश्री रजतचंद्र विजयजी के सर्वप्रथम पत्रिका पर वासक्षेप किया। शुभ मुहूर्त में श्री संघ ने पत्रिका लेखन कार्य प्रारंभ किया। धुप दीप गुड़ धनिया कंकु केसर की सामग्री के साथ हीरालालजी ओसवाल ने सर्वप्रथम महाड़ नगर के मूलनायक श्री वासुपूज्य दादा व राजेंद्र सूरीश्वरजी महाराजा की पत्रिका लिखी। महामांगलिक के लाभार्थी बाबूलालजी कोठारी ने भी वासुपूज्य दादा व गुरुदेव श्री राजेंद्र सूरीश्वरजी म.सा. की पत्रिका लिखकर शुभारंभ किया। मुनिश्री ने सभी को मांगलिक प्रवचन व समस्त आगामी आयोजन की जानकारी दी। पत्रिका लेखन के समय सिर पर साफा पगड़ी एवं गले में पंचरंगी दुपट्टा आकर्षण का केंद्र था।

श्रीसंघ की महिला मंडल ने सुंदर 2 गीत गान व चौविसी गीत गाये। मध्यप्रदेश रतलाम से पधारे प्रदीप लोढा व राजेंद्र पितलिया का श्रीसंघ व चातुर्मास समिति ने बहुमान किया। श्री गौतम स्वामीजी की आरती व ऋषभचंद्र सुरीजी की आरती का लाभ आगामी  महामांगलिक लाभार्थी बाबुलालजी कोठारी ने एवं दादा गुरुदेव श्री राजेंद्र सूरीश्वरजी म.सा.की आरती का लाभ प्रदीपजी लोढा रतलाम ने लिया। इस अवसर पर श्रीसंघ अध्यक्ष दिलीप सुकलेचा, चातुर्मास समिति अध्यक्ष अशोक शाह, प्रवीण कुमार व छोगमलजी एवं राजु कटारिया हिरालालजी व निलेश ओसवाल,बाबूलालजी व राजेंद्रजी कोठारी, दिलीपजी देरासरिया, महावीर व पवन देसरला, भगवतीलाल व निलेश गांधी,लादुलाल कोठारी तथा रतलाम के, नागदा व इंदौर के अतिथि उपस्थित थे। 

 ज्ञात हो सो साल के इतिहास में महाड़ में चातुर्मास हो रहा है, और चारों समुदाय यह चातुर्मास करा रहे है ।

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