शून्य से सफलता की और बढ़ती राखी परमार

 मिस झारखंड रनर अप बनने पर मुख्यमंत्री ने किया था सम्मानित


मुंबई :-
झारखंड के छोटे से गांव से निकली राखी परमार ने अब मुंबई को अपनी कर्मभूमि बनाया है।मिस झारखंड रनर अप का खिताब जीतनेवाली राखी पर आज पूरे झारखंड को गर्व है और वे आगे चलकर झारखंड सरकार के साथ महिला सशक्तिकरण और पर्यटन क्षेत्र की दिशा में काम करने की इच्छा रखती हैं,व अपने राज्य को शिक्षा व अन्य क्षेत्रों में नंबर वन पर देखना चाहती हैं।

वे कहती हैं कि उन्हें आगे बढ़ाने में रोल मॉडल और प्रेरणा उनके पिता दिलीप सिंह और माँ सरोज सिंह हैं, वह हमेशा उनके सपनों के बारे में सोचती हैं।अपने कार्यों से देश व  झारखंड को गौरवान्वित करने का प्रयास करती रहेगी।

 झारखंड में जन्मी राखी बचपन से ही वह पढ़ाई, नृत्य और खेल में बहुत अच्छी थीं, उनकी उल्लेखनीय यात्रा थी और उन्होंने अपने नृत्य कौशल और खेल के लिए पुरस्कार जीते हैं। उन्होंने 10वीं डीएवी पब्लिक स्कूल औरंगाबाद (बिहार) से और 12वीं श्री कृष्ण विद्या मंदिर रामगढ़ झारखंड से और स्नातक  झारखंड टॉप कॉलेज सेंट जेवियर्स रांची से किया है। पुना से MBA की पढ़ाई पूरी करने के बाद राखी ने मिस इंडिया झारखंड रनर अप का खिताब अपने नाम किया।उनकी इस उपलब्धि पर राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवीर दास के एक लाख रुपये व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया था।

उन्होंने अपने आत्मविश्वास और आत्म-प्रेरणा के बल पर मिस इंडिया डेलीवुड ब्यूटी कॉन्टेस्ट 2018 और ग्लैम सुपरमॉडल इंडिया 2018 में उपविजेता के रूप में ताज जीती थी। सपनों के शहर मुंबई में इतनी कम उम्र में एक कंपनी की मार्केटिंग हेड बनने से पहले उन्होंने पुणे से एमबीए की पढ़ाई पूरी की थी।


राखी जियोनॉमिक्स मॉन्क के लिए ब्रांड एंबेसडर के रूप में भी काम करती है जो भारत के पहले प्रीमियम और 100 प्रतिशत प्राकृतिक प्रीमियम उत्पादों को पेश करने के लिए जाना जाता है।उनका कहना है कि असफलता सफलता का एक हिस्सा है। और वही व्यक्ति वास्तव में सफल होता है, जो अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से निभाते हुए अपने सपनों को साकार करता है।सामाजिक संगठन युथ फोरम ने उन्हें 'प्रतिभा सम्मान' से सम्मानित किया था।

मुंबई में संस्थानों द्वारा सामाजिक पर उनके आक्रामक काम के लिए सम्मानित भी किया गया हैं,और कई लड़कियों को प्रेरणा देने वाली राखी ने कई मॉडलिंग खिताब भी जीते हैं।समाजसेवा उनके लिए धर्म है। उन्हें झारखंड सरकार की ओर से यंगेस्ट अचीवर का खिताब भी मिला हैं।

शिक्षा हमेशा राखी के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और महिला सशक्तिकरण के लिए काम करना चाहती है। रामगढ़ में उनके पिता बैंकिंग सेक्टर में मैनेजर थे और माँ होम बैंकर हैं। राखी का एक छोटा भाई श्रीधर परमार मैकेनिकल इंजीनियर है।  राखी का मानना ​​है कि हर व्यक्ति को शिक्षित होने का अधिकार है। वह भारतीय महिलाओं की आत्मनिर्भरता, शिक्षा और विकास के लिए झारखंड सरकार से हाथ मिलाने की भी इच्छा रखती हैं। 


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