रेल परिसरों में अप्रिय घटनाओं से बचने के लिए सतर्क और सावधान रहने की अपील
ज्वलनशील पदार्थों के साथ यात्रा ना करे
मुंबई :- रेलवे देश के कोने-कोने से लोगों को जोड़ती है। लोग अपने प्रियजनों से मिलने-जुलने अथवा भ्रमण के लिए ट्रेनों में यात्रा करते हैं। परंतु कभी-कभी एक छोटी सी गलती उनकी यात्रा को बर्बाद कर सकती है। ट्रेन में धूम्रपान करने या ज्वलनशील पदार्थ ले जाने से आग लग सकती है। पश्चिम रेलवे यात्रियों से अपील करती है कि वे ऐसे कार्य न करें तथा ज्वलनशील वस्तुओं को लेकर यात्रा न करें जिससे कि स्वयं एवं सह-यात्रियों की जान खतरे में न पड़े।
यात्रियों से अनुरोध है कि वे रेल परिसर में या ट्रेन के डिब्बों के अंदर निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का पालन करें:-
• ट्रेन में धूम्रपान न करें।
• माचिस की जलती हुई तीली न फेंके।
• यात्रा में पटाखे, गैस सिलिंडर आदि जैसे विस्फोटक एवं खतरनाक सामान साथ न ले जाएं।
• केरोसीन, पेट्रोल आदि जैसे ज्वलनशील पदार्थ अपने साथ न लेकर यात्रा करें।
• स्टोव या सिगड़ी साथ न रखें।
• पंखे के आधार में तथा फ्यूज वितरण बोर्ड और छत के खुले स्थानों/छिद्रों में सिगरेट एवं बीड़ी के जलते टुकड़े, गुटखा रैपर आदि न डालें।
• ट्रेन में धूम्रपान न करें और न किसी को करने दें। यदि आप किसी व्यक्ति को धूम्रपान करते हुए पाते हैं तो उसे तुरंत रोकें या हेल्पलाइन नंबर 139 पर इसकी सूचना दें।
• कूड़ेदान के पास/बाहर बेकार सामग्री पॉलीथिन बैग, रैपर, कागज आदि न फेंके।
ट्रेन या रेल परिसर में विस्फोटक और ज्वलनशील सामान ले जाना रेल अधिनियम की धारा 164 के तहत एक दंडनीय अपराध है, जिसमें 1000/- रुपये का जुर्माना या 3 साल तक की कैद या दोनों हो सकती है। साथ ही, रेल अधिनियम की धारा 167 निर्दिष्ट करती है कि ट्रेन के डिब्बे में धूम्रपान करते हुए पाए जाने वाले व्यक्ति पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
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