संस्कारों का प्रतीक बने उत्तर भारतीय भवन :- रामभद्राचार्य
श्री गंगोत्री उत्तर भारतीय भवन का भूमि पूजन संपन्न
भायंदर :- उत्तर भारतीय समाज के वर्षों की प्रतीक्षा और उम्मीदों का सपना साकार हुआ, जब श्री गंगोत्री उत्तर भारतीय भवन के भूमि पूजन विधिवत रूप से संपन्न हुआ। भूमि पूजन धर्म चक्रवर्ती पद्मविभूषण तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी महाराज के करकमलों से संपन्न हुआ । स्वामी जी के आशीर्वाद और आध्यात्मिक मार्गदर्शन से इस भवन का निर्माण कार्य शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर विधायक गीता जैन एवम भरत जैन भी पूजा में सम्मिलित हुए।
मीरारोड में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रामभद्राचार्यजी ने कहा कि "यह भवन केवल ईंट और पत्थर का ढांचा नहीं होगा, बल्कि यह उत्तर भारतीय समाज के एकजुटता, संस्कृति और संस्कारों का प्रतीक बनेगा। यहाँ होने वाले धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से हमारी आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा मिलेगी। मैंने इस भवन का भूमिपूजन किया है और मैं ही इस भवन का उद्घाटन करूँगा।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उत्तर भारतीय समाज के लोग और शहर के प्रतिष्ठित नागरिक उपस्थित थे। भवन के निर्माण से उत्तर भारतीय समाज की धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों को एक नया मंच प्राप्त होगा।
विधायक जैन ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह भवन उत्तर भारतीय समाज की वर्षों पुरानी मांग थी। आज इसके भूमि पूजन के साथ हम समाज के लिए एक स्थायी धरोहर का निर्माण प्रारंभ कर रहे हैं। यह भवन आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणादायक स्थान बनेगा।"
इस भवन में अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ सभागार, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए स्थान, और ठहरने की व्यवस्था होगी।उन्होंने सभी समाज के सदस्यों से अपील की कि वे इस पहल का हिस्सा बनें। यह भवन का निर्माण ज़मीन के विकासक सुनील जैन करेंगे।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं:
• भूमि पूजन स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी महाराज के करकमलों से हुआ।
• विधायक गीता जैन ने समाज के लिए इस भवन के महत्व पर प्रकाश डाला।
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