गुरु राजेंद्र की क्रियोद्धार भूमि तप शूराओ की नगरी जावरा में 240 सिद्धितप

धर्ममय हुई जावरा नगरी

तपस्वियों का विजय तिलक,वरघोडा एवं पारणा का भव्य आयोजन

ओनिष दिलीप पगारिया भी सिद्धितप के तपस्वी


जावरा (मध्यप्रदेश) :-
 श्री आदिनाथ भगवान, श्री शांतिनाथ भगवान, आचार्य श्री राजेंद्र सूरीश्वरजी म.सा.के सानिध्य में शासन आराधक, शासन प्रेमी, शासन रक्षक 25वें तीर्थंकर तुल्य सकल श्री संघ की परम पावन पुनित सेवा में श्री सौ.वृ.त. त्रिस्तुतिक जैन श्री संघ एवं आत्मशुद्धि चातुर्मास समिति 2024-जावरा, मध्यप्रदेश के तत्वावधान में पहलीबार 240 सिद्धितप की अद्भुत तपस्या हर्षोल्लास के साथ चल रही हैं।

ज्ञात होभारत की चैतन्यमय दिव्यवसुंधरा पर मध्यप्रदेश में गुरुदेव राजेंद्र सूरीश्वरजी म.सा.की क्रियोद्धार भूमि जावरा नगर एक व्यापारिक सांस्कृतिक एवं धार्मिक धरोहर से सुशोभित है। धन वैभव के साथ ही धर्म वैभव से परिपूर्ण संप आस्थावान एवं सुज्ञ श्रावकों का भण्डार स्थल है। किन्तु जैसा कि प्रत्येक नगर में गाया जाता है कि युवाओं में धर्म के प्रति बढ़ रही सुषुप्ता को जागृति में परिवर्तीत करने के लिए संघ किसी चेतना पुरुष की दीर्घ नाह देख रहा था।


संघ के अनुसार यह किसी अभिनव युग के स्वर्णिम इतिहास के सर्जन का वरदान ही होगा कि परम पूज्य गच्छाधिपति आचार्य श्री बिजय हेमेन्द्र सूरीश्वरजी म.सा के शिष्य रत्न एवं गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय ऋषभचन्द्र सूरीश्वरजी म. सा.  समुदायवर्ती मुनिराज श्री चन्द्रयश विजयजी म.सा. एवं  मुनि श्री जिनभद्र विजयजी म.सा. (ऋषभ शिशु) के चातुर्मास का लाभ मिला व यह ऐतिहासिक आयोजन संपन्न होने की ओर अग्रसर हैं।

पूज्य मुनिराज ने निकाचित कर्मों के समूह को तोड़ने, सिद्धिपद की प्राप्ति व आत्मशुद्धि के शुभ संकल्प से सामूहिक सिद्धितप करने की शुभ प्रेरणा प्रदान की।पूज्य मुनिश्री की गंभीर, मृदु, सरल, तालिक, वाणी का जादू ऐशा चला कि 8 वर्ष से 80 वर्ष तक के 240 आराधकों ने सिद्धितप की गंगा बहा दी और देखते ही देखते जावरा नगर में तपस्या का इतिहास बन गया।

वर्ष तक अकल्पनीय, अविस्मरणीय, अविश्वसनीय अद्‌भूत 240 सिद्धितप की आराधना हो रही है जो कि जावरा नगर के इतिहास में तपस्या का एक कीर्तिमान है। विश्वमंगल की पवित्र भावना से ओत-प्रोत यह चातुर्मास सही अर्थो में जिनशासन की महान प्रभावना का कारक बना है। जन-जन के हृदय पटल पर लिखे जा रहे यह धर्म जागरण के शिलालेख संघ के लिए रोशनी के जगमगाते चिराग होंगे, वक्त तो बितेगा पर ये दिन भूलाये नहीं जायेंगे। देशभर के सकल संघों को इस पुनीत अवसर पर संघ ने आमंत्रित किया है।


तपस्वियों के बहुमान समारोह का आयोजन 8 सितंबर को होगा।240 सिद्धितप आराधना पारणोत्सव विजय तिलक एवं पारणा 09 सितंबर को होगा।इस महोत्सव में जावरा नगर में चातुर्मासार्स विराजित श्री जैन दिवाकरजी (स्थानकवासी) समुदाय के श्री विकसित मुनिजी म.सा. पू. श्री वितराम मुनिजी म.सा. एवं खरतरगच्छिय साध्वी श्री अभीपूर्णा श्रीजी म.सा. अनुकूलतानुसार पधारेंगे।सौभाग्य के सूर्य का उद्द्य करने वाला तप के सभी मंगलमय कार्यक्रम कृषि उपज मंडी (खाचरोद नाका) जावरा में होंगे।

कार्यक्रम के तहत 08 सितंबर को सुबह 7:30 बजे पारणा नगरी एवं भरतचक्री भोजनखंड का उद्घाटन अजय लुक्कड़ परिवार करेगा।सिद्धितप के बियासने,दोनों समय सकल श्री संघ का स्वामीवात्सल्य,तपस्वियों का बहुमान दोपहर 2 बजे,शाम 4 बजे बियासने,चोविसी (सांझी) पवं मेहंदी व भक्ति भावना होगी।9 सितंबर को सुबह 8 बजे दादावाड़ी से शाही वरघोड़ा,10बजे अनुमोदना दिल से,पारणा समारोह व सभी लाभार्थियों का सम्मान होगा।श्री सिद्धितप की पारणा नगरी के लाभार्थी डुंगरवाल परिवार हैं।पारणा कराने का लाभ संदीप कालूरामजी लुंकड़ परिवार व जय जिनेंद्र का लाभ मनोज मेहता व यश जैन परिवार ने लिया है।

श्री सौ.वृ.त. त्रिस्तुतिक जैन श्री संघ के पदाधिकारियों में अशोक लुक्कड़ अध्यक्ष,विनोद बरमेचा कोषाध्यक्ष,राजेश बरमेवा सह मंत्री वआत्मशुद्धि चातुर्मास समिति 2024 में धर्मचंद चपडोद अध्यक्ष,अभय चौपडा कोषाध्यक्ष,पारस ओस्तवाल सचिव,अजय सकलेचा चातुर्मास संयोजक,एंड अर्पित चत्तर कार्यक्रम सह संयोजक,मितेश करनाबट (चिंटू) कार्यक्रम सह संयोजक हैं।














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