मुनिराज श्री रजतचंद्र विजयजी का मुंबई में मंगल प्रवेश
जीवन मे हमेशा सकारात्मक रहें
मुंबई :- महानगर मे भारत नगर श्रीसंघ की विनंति को मान देकर सौधर्म बृहत्तपागच्छ त्रिस्तुतिक संघ के क्रियोद्धारक प्रात: स्मरणीय विश्व पूज्य दादा गुरुदेव श्री राजेंद्र सूरीश्वरजी म. सा. के अष्टम पट्धर त्रिस्तुतिक गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री ऋषभचन्द्र सूरीश्वरजी महाराज साहेब के शिष्यरत्न प्रवचनकार परम पूज्य मुनिराज रजतचंद्र विजयजी म. सा. आदि ठाणा का भारत नगर मे मंगल प्रवेश हर्षोल्लास से हुआ।
श्री सिद्धेश ज्योति बालाराम के यहा से गुरुदेव का सौमेया हुआ ओर क्षेत्र के मुख्य मार्ग से होते हुए धर्मस्थल पर पहुंच कर धर्मसभा मे परिवर्तित हुआ।
पूज्य मुनिप्रवर ने अपने मांगलिक प्रवचन मे धर्म की व्याख्या करते हुए कहा की पैसा, प्रतिष्ठा, परमात्मा होने से जीवन सफल होता है। पैसे से सुविधा मिलती है। प्रतिष्ठा से मान सम्मान मिलता है। लेकिन परमात्मा से सुविधा, मान सन्मान ओर मोक्ष मिलता है। मानव जीवन अति दुर्लभ है इसे धर्ममय बनाकर जीवन को सार्थक करे।उन्होंने आगे कहा जीवन में हमेशा पॉजिटिव रहे सकारात्मक रहे। उची उची इमारतों की तरह जीवन में सद्गुणों की इमारत का होना भी जरूरी है। मुनिश्री ने आगे कहा दादा गुरुदेव राजेंद्र सूरीश्वरजी महाराजा साहेब ने अभिधान राजेंद्र ग्रंथ की रचना करके विश्व में जैन समाज का गौरव बढ़ाया है। ऐसे अभिधान राजेंद्र ग्रन्थ की आराधना करे, आसातना से बचे।
भारतनगर संघ ने पूज्य गुरुदेवश्री का उल्लास उमंग से मंगल प्रवेश करवाया ओर सौमेया के साथ गुहूंली बनाई जो अद्भुभुत थी।
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