राजस्थान में विकास के नए आयाम स्थापित होंगे :- अशोक गहलोत

 17 औद्यागिक क्षेत्रों के शिलान्यास एवं 6 औद्योगिक क्षेत्रों का लोकार्पण 

दीपक आर जैन

जयपुर :- राजस्थान का परिदृश्य बदल रहा है। राज्य सरकार द्वारा लाई गई नई नीतियों एवं सुधारों से प्रदेश में निवेश के अनुकुल माहौल बना है, साथ ही निवेशकों में विश्वास पैदा हुआ है। नए उद्यम लगने से रोजगार के अवसर पैदा होंगे और विकास के नये आयाम स्थापित होंगे। 

उपरोक्त विचार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निवास से वीसी के माध्यम से रीको के 17 औद्यागिक क्षेत्रों के शिलान्यास एवं 6 औद्योगिक क्षेत्रों के लोकार्पण के अवसर पर कही। इन क्षेत्रों के विकास से प्रदेश में 4 हजार 22 करोड़ रूपये का निवेश आने की सम्भावना है। उम्मीद है कि एक साथ 23 औद्योगिक क्षेत्रों के विकास से निवेशक यहां निवेश के लिए आकर्षित होंगे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी उपखण्ड स्तर पर रीको औद्योगिक क्षेत्र विकसित करें ताकि और अधिक उद्यमी यहां निवेश के लिए आएं। पिछड़े क्षेत्रों में सुविधाओं के विकास पर भी जोर दिया। प्रवासी राजस्थानियों के लिए अलग से औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की सम्भावनाएं तलाशी जाएं ताकि कोरोना संक्रमण के इस दौर में जिन प्रवासियों के उद्योग-धन्धे प्रभावित हुए हैं, उन्हें राहत दी जा सके। प्रवासी राजस्थानियों का प्रदेश से अटूट रिश्ता है। ऐसे में, राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि उनकी परेशानियों को समझकर उन्हें दूर करने का प्रयास करें। 

गहलोत ने बताया कि प्रदेश में उद्यमियों की सुविधा एवं निवेश की राह आसान करने के लिए नया एमएसएमई एक्ट लाया गया है। इसमें 3 साल तक उद्यमियों को किसी भी स्वीकृति की जरूरत नहीं होती है और इससे उद्यम लगाना आसान हो गया है। नई औद्योगिक नीति में उद्यमियों को कई तरह की छूट दी गई हैं ताकि प्रदेश में निवेश बढ़ सके। वन स्टॉप शॉप योजना, सिंगल विण्डो एक्ट में सुधार के साथ ही राज्य सरकार द्वारा उठाए गए अन्य कदमों एवं नीतियों से प्रदेश में निवेश की राह आसान होगी, अर्थव्यवस्था में गति आएगी और साथ ही युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। 

उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि 23 नये औद्योगिक क्षेत्रों का विकास राज्य सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि 2019-20 में रीको द्वारा 1200 से अधिक भूखण्डों की बिक्री से 1400 करोड़ रूपये का राजस्व अर्जित किया गया है। कोरोना संक्रमण के इस दौर में भी रीको औद्योगिक क्षेत्रों के भूखण्ड खरीदने में उद्यमी रूचि दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा लागू की गई ई-ऑक्शन की व्यवस्था से पारदर्शिता आई है एवं उद्यमियों को काफी आसानी हुई है। उन्होंने कहा कि छोटे उद्यमियों की सुविधा के लिए रीको ने भूखण्डों की दर में 25 से 40 प्रतिशत तक की कमी की है, जिसके सकारात्मक परिणाम मिले हैं। उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग द्वारा निवेश के अनुकुल माहौल बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं। 

उद्योग राज्यमंत्री सुरेन्द्र बामणिया ने कहा कि प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर में विकास एवं रोजगार सृजन की असीम सम्भावनाएं हैं। विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति मिली है।

रीको के चैयरमेन कुलदीप रांका ने कहा कि प्रदेश में छोटे एवं मंझले उद्यमियों को निवेश के अनुकुल माहौल प्रदान करने के लिए पॉलिसी फ्रेमवर्क तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 349 औद्योगिक क्षेत्र हैं, 23 नए औद्योगिक क्षेत्रों के आज जुड़ने के साथ अब इनकी संख्या 372 हो जाएगी। उन्होंने बताया कि डीएमआईसी एवं गैस ग्रिड के अनुसार नए औद्योगिक क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं। 

प्रमुख शासन सचिव उद्योग नरेश पाल गंगवार ने कहा कि मुख्यमंत्री लघु उद्यम प्रोत्साहन योजना के तहत 600 उद्यमियों को ऋण सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने बताया कि उद्योग विभाग ने अगले 3 साल तक प्रदेश के विकास के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। रीको के एमडी श्री आशुतोष एटी पेडनेकर ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से रीको द्वारा विकसित किए जा रहे विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों की प्रगति के बारे में जानकारी दी। 

वीसी के माध्यम से लोकार्पण, शिलान्यास के दौरान सांसद, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

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