चरित्ररत्न विजयजी के दर्शनार्थ आये उप अधीक्षक
जैन धर्म पर की चर्चा
पाटण :- गुजरात के पाटण नगर में पंचासरा जिनालय के समीप स्थित त्रिस्तुतिक जैन उपाश्रय में बिराजमान गुरुदेव श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी महाराजा के शिष्य मुनिराज श्री चारित्र रत्न विजयजी महाराज आदि ठाणा के दर्शनार्थ पाटण उप अधीक्षक जे.टी.सोनारा दर्शनार्थ आकर विभिन्न विषयों पर चर्चा की.
सोनारा जी ने मुनिराज श्री से धर्मचर्चा करते हुए जैन धर्म की विभिन्न बातों की जानकारी प्राप्त की. मुनिराज श्री ने गुरुदेव श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वर महाराजा ( लेखन समय / मुनिराज श्री जयन्त विजय जी"मधुकर") द्वारा 55 वर्ष पुर्व लिखित एवं राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट द्वारा सन् 1965 मे प्रकाशित "जीवन मंत्र" पुस्तक उन्हें भेंट की.
उप अधीक्षक ने मुनिराज श्री को कहा कि वे इस पुस्तक का संपूर्ण पठन बहुत कम समय में पुर्ण करेंगे.उन्होंने मुनिराज श्री के साथ पाटण के सुप्रसिद्ध पंचासरा पार्श्वनाथ मंदिर के दर्शन कर वहां बिराजमान पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा का इतिहास सुना. इस प्रसंग पर पाटण शहर भाजपा के पुर्व उपप्रमुख संजयभाई मोदी सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे.
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