नवकार जैन धर्म का सबसे महत्वपूर्ण मंत्र

"नवकार करे भवपार" किताब का विमोचन


भायंदर :-
नवकार जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण मंत्र है, जिसे जैन मुनि और श्रावक दोनों द्वारा प्रतिदिन पढ़ा जाता है। यह मंत्र जैन धर्म के अनेक महत्वपूर्ण सिद्धांतों को दर्शाता है।इसमें 68 तीर्थों का सार के अलावा ज्ञान की महत्ता को दर्शाया गया है।नवकार का जप करने से आत्मसुद्धि होती हैं।

उपरोक्त विचार सादड़ी निवासी लेखिका संगीता बाफना बागरेचा 'संगी' ने श्री नवकार भक्ति सेवा ट्रस्ट भायंदर द्वारा प्रकाशित स्तवन किताब "नवकार करे भवपार " का विमोचन करने के बाद व्यक्त किये।उन्होंने कहानवकार मंत्र के नियमित पाठ से जैन अनुयायियों को अपने जीवन में इन सिद्धांतों को लागू करने में मदद मिलती है। भायंदर वेस्ट श्री चिंतामणी पार्श्वनाथ जैन मंदिर में आयोजित कार्यक्रम मंडल के रजत जयंती के उपलक्ष्य में रखा गया था।मुख्य अतिथि सुरेश पालरेचा (सांडेराव) थे।मंच संचालन हास्य कवि जयंतीलाल मिश्रीमलजी जैन चाणोद ने किया।भक्ति की रमझट अभिषेक परमार ने जमायी।उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय मंडल को दिया।

उपस्थित मेहमानों का स्वागत अध्यक्ष अशोक कागरेचा ने किया।कार्यक्रम को यादगार व सफल बनाने में ललित भंडारी, जयंतीलाल सोलंकी,पारसमल राठौड़, भागचंद पारेख, मेहुल परमार, अभिषेक कनरसा,महेन्द्र कोठारी, राहुल परमार ,भावेश श्रीश्रीमाल, राजेश मेहता, राजेश रायसोनी, जयंतीलाल धनरेशा, मधु बोराणा, शोभा नाहर और कार्यकारिणी सदस्यों ने की।कार्यक्रम में बुक प्रकाशक परेश भाई, मंडल के 7000 आयंबिल के तपस्वी जयंतीलालजी सोलंकी व दानदाताओं का  स्वागत किया गया।

स्तवन बुक में गुरुवंदन विधि, चेत्यवंदन विधि के साथ 300 गीतों का खजाना भरा हुआ हे तथा लोक डाउन में फेसबुक लाइव भक्ति के 153 सभी कलाकारों को यह बुक में नाम के साथ अनुमोदना व्यक्त की गई।


 



 



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