हिंदी पत्रकारिता दिवस पर प्रेस क्लब नागदा के वरिष्ठ पत्रकारो का सम्मान

 प्रेस क्लब नागदा के वरिष्ठ पत्रकारो का सम्मान

 लोकतंत्र का चौथा स्तम्भहैं पत्रकारिता


नागदा -
लोकतंत्र के तीन स्तंभ माने गए हैं - विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका। इन तीनों को उनके कर्तव्य की याद दिलाने, सचेत करने और शिथिल होने पर सजग करने का कार्य मीडिया अर्थात्‌ समाचार पत्र करते हैं I इसलिए, इसे लोकतंत्र का 'चौथा पाया' (स्तम्भ )भी कहा जाता है I 

30 मई हिंदी पत्रकारिता दिवस पर प्रेस क्लब नागदा की और से वरिष्ठ पत्रकार कैलाश सनोलिया (राज्यस्तरीय अधिमान्य पत्रकार), ओमप्रकाश पुरोहित (तहसील स्तरीय अधिमान्य पत्रकार) एवं निर्मल गर्ग को स्मृतिचिन्ह प्रदान कर वरिष्ठ पत्रकार के निवास स्थान पर जाकर सम्मानित किया गया । इस अवसर पर प्रेस क्लब अध्यक्ष दीपक चौहान,सचिव राजेश सकलेचा, कोषाध्यक्ष मुकेश जैन , सलीम खान , ब्रजेश बोहरा , अशोक दायमा , महेश कछावा ,मनिष गर्ग, मनिष ओरा आदि सदस्यो की उपस्थिती रही।कार्यक्रम मे पत्रकार ब्रजेश बोहरा ने कविता के माध्यम से कहा कि पत्रकार  

पक्ष नहीं,विपक्ष नहीं निष्पक्ष विचारों की पहचान हो आप,,,,,

अत्याचार अन्याय के विरुद्ध नयी तरंग हो आप,,,,

मजदूर और मजबूर की आवाज है पत्रकार,,,,

लोकतंत्र का स्तम्भ है पत्रकार,,,,,

कर्त्तव्य निष्ठ पत्रकार अपना कर्म निभाते हैं,,,,

हर खबर खोज कर लाते हैं,,,,

समाज का प्रतिबिम्ब हो तुम,,,,

आगे बढ़ते रहना,,,,जग में रोशन रहो तुम , हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर हार्दिक बधाई एंव शुभकामनाएं आपको ।  

*हिन्दी पत्रकारिता दिवस क्या है?*

चतुर्थ स्तम्भ में लोकतंत्र की अदभुत क्षमता और राजनीतिक मुद्दों को तैयार करने की कार्य कुशलता दोनों में प्रेस और समाचार मीडिया है। हालांकि इसे औपचारिक रूप से राजनीतिक व्यवस्था के हिस्से के रूप में पहचाना नहीं गया है, लेकिन यह महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष सामाजिक प्रभाव को नियंत्रित करता है । हिन्दी पत्रकारिता की यात्रा 30 मई 1826 को पंडित जुगल किशोर शुक्ल द्वारा शुरू किए गए प्रथम हिन्दी समाचार पत्र “उदन्त मार्तण्ड” के प्रकाशन से प्रारम्भ हुई। 

यह दिन सत्य और साहस के साथ जनकल्याण के उद्देश्य से कार्य करने वाले हिंदी पत्रकारों के विशेष योगदान को समर्पित है। उदन्त मार्तण्ड का हिन्दी प्रकाशन भारतीय पत्रकारिता के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुआ। समाचार पत्र से भारत में पत्रकारिता के एक नए युग की शुरुआत हुई और बाद में समाज और संस्कृति पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ा। इससे पत्रकारिता के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ी और नागरिकों को सही जानकारी प्रदान करने में हिंदी समाचार पत्रों का महत्व बढ़ा। हिंदी पत्रकारिता दिवस पर पत्रकारो ने अपने विचार भी रखे व प्रेस क्लब सचिव राजेश सकलेचा ने आभार माना ।

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