जिनशासन स्थापना दिन को उत्सव के रूप में मनाएं

वैशाख सुदी ग्यारस को भगवान महावीर ने की थी स्थापना


भायंदर :-
शहर की विभिन्न संस्थाओं के संयुक्त तत्वावधान में जिनशासन स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।इस अवसर पर शहर के विभिन्न मार्गों से शोभायात्रा निकाली गई।ज्ञात हो साढ़े 12 वर्ष की कठोर साधना के बाद वैशाख सूद 11 (ग्यारस) तिथि को तीर्थंकर भगवान महावीर ने ज्ञान की प्राप्ति कर समवशरण में देशना दी और दुबारा वैशाख सुदी ग्यारस को देशना दी जिसे सुन कर इंद्रभूति गौतम स्वामी सहित 11 गणधरों तथा 4400 शिष्यों ने दीक्षा ली थी। इसके बाद भगवान ने श्रमण प्रधान चतुर्विद संघ की स्थापना इसी दिन की थी। इनमें साधु-साध्वी, श्रावक एवं श्राविका भी शामिल थे।और इसीलिए इस दिन को जिनशासन स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता हैं।

भायंदर(वेस्ट) में आईडीबीआई बैंक से शुरू हुई शोभायात्रा में प.पू. योगनिष्ठ आचार्य भगवंत श्रीबुद्धिसागर सूरीश्वरजी म.सा. की समुदायवर्ति असाम प्रदेशोद्धारक प.पु.आचार्य भगवंत श्री विनयसागर सुरीश्वर जी म.सा.,आचार्य नयपद्मसागर सूरीश्वरजी म.सा.,प्रवचन प्रभावक गणिवर्य श्री रविपद्म सागरजी म.सा., बालमुनि श्री योग्य सागरजी नूतन मुनिश्री बुद्धिपद्म सागरजी म.सा.,युगप्रधान आचार्य सम प. पू. पन्यास प्रवर श्री चन्द्रशेखर विजयजी म. सा.के प्रशिष्यरत्न पंन्यास आर्यरक्षित विजयजी म. सा.,श्री प्रेम - भवनभानु सूरीश्वर समुदाय के पन्यास श्री देवार्यवल्लभ विजय म.सा गणिवर्य श्री अभिनंदन विजयजी म.सा,श्री पाश्वचंद्रसूरि समुदाय के प्रवचन प्रभावक मुनिराज श्री नंदीशचंद्रजी म.सा एवं मुनिराज श्री निश्चयचंद्रजी म.सा, त्रिस्तुतिक समुदाय से पू गच्छाधिपति आचार्य देवेश श्री जयानंद सूरीश्वरजी म.सा की आज्ञानुवर्तीनी पू साध्वी मणिप्रभा श्रीजी म.सा की सुशिष्या प.पू साध्वी अर्हमयशा श्रीजी म.सा आदि ठाणा उपस्थित थे।

अपने प्रवचन में गुरु भगवंतों ने कहा कि हर घर जिनशासन का ध्वज लहरायें,धर्मतीर्थ का गुणगान करें,इस दिन को उत्सव के रूप में मनाएं,जिनशासन के प्रति अपनी निष्ठा-भावना को जगायें।धार्मिक पाठशाला के बच्चों ने उत्साह से भाग लिया।कार्यक्रम में विधायक गीता जैन,भाजपा नेता रवि व्यास,सुरेश खंडेलवाल, भगवती शर्मा,रवि बी जैन आदि अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।






टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्रमण संघीय साधु साध्वियों की चातुर्मास सूची वर्ष 2024

पर्युषण महापर्व के प्रथम पांच कर्तव्य।

तपोवन विद्यालय की हिमांशी दुग्गर प्रथम