महाराष्ट्र सरकार एक महीने के भीतर गो माता राज्यमाता का प्रोटोकॉल जारी करें - अविमुक्तेश्वरानंजी

गोमाता को राष्ट्रमाता बनाने चलेगा अभियान


मुंबई :-
गाय को राज्यमाता की उपाधि तो महाराष्ट्र सरकार ने दी है, और अब अविलंब उसका प्रोटोकॉल भी जारी हो जाना चाहिए। जब तक बात क्रिया में नहीं आएगी तब तक वह कोरी बात बनकर ही रह जाएगी। इसलिए एक महीने के भीतर सरकार को यह कदम उठा लेना चाहिए।

 उपरोक्त विचार शंकराचार्यजी ने चातुर्मास अंतर्गत 2 दिवसीय गो संसद का दूसरा सत्र पूरा होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कही।उन्होंने कहा कि आज चतुर्थ गोसंसद पर दोपहर 12 से 3 कार्यवाही चली। महाराष्ट्र के नवीन विधायकों का शपथ समारोह एवं नियुक्ति हुई। यह भारत की संसद के समांतर रूप से चलने वाली एक संसद है, जो मात्र गोमाता को राष्ट्रमाता बनाने के अभियान हेतु गठित हुई है। गो माता राष्ट्रमाता अभियान के अंतर्गत गो पालन, गो रक्षा एवं गो पूजन ये तीनों बात सम्मिलित हैं।इसी तीन बातो को क्रियान्वित करने हेतु भारत के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक एक रामा गोधाम की स्थापना कर शुरू करवाया जाए।

उन्होंने कहा कि रामा गोधाम एक दृष्टि है। 108 गायों को लेकर, उनकी सुविधा, खानपान, उनकी नस्ल की सुरक्षा, क्रॉस ब्रीडिंग से बचाव, स्वास्थ्य एवं सेवा इन सभी बातों पर ध्यान रखा गया है। अनादि काल से वेदों में गाय को मा कहा गया है, वैदिक सनातन धर्मी के लिए  यह बात अनादि काल से चली आ रही है।

 रामा गोधाम एक संकल्प है जहां गायों का हितकारी पालन पोषण होगा। रामा गोधाम एक विकल्प भी है, सड़क पर गाय इसलिए है कि हमने उनका गो चरण छीन लिया। जिसका घर छीना जाए वे सड़क पर ही तो आएंगे न?  तो यह विकल्प है कि वे सड़क पर न आकर रामा गोधाम में सुख से विचरे।रामा गोधाम का नक्शा भी प्रस्तुत हुआ, जहां प्रकृति के सान्निध्य में गो माता प्रसन्नता से विहार कर आनंद से भर जाएगी, और उनके थनों से दूध की धारा होगी जो सर्वोत्तम दूध होगा। जिसे वेदों में आयुष्य कहा जाता है। दूध के साथ साथ आशीर्वाद भी प्राप्त होगा जो देश की उन्नति प्रगति का द्योतक बनेगा और एकबार फिर से सनातन धर्म स्थिर होगा। 

रामा गोधाम एक ऐसी योजना है जो कई लोगों को रोजगार भी देगी । इसकी सुघड़ता और स्वच्छता मन को प्रसन्न कर देनेवाली होगी और मानसिक उपचार का केंद्र बनेगी।रामा गोधाम नाम से ही स्पष्ट होता है कि वह गोशाला मात्र न रहकर धाम बन जाएगी । 

भारत जो बीफ (गो मांस)export (निर्यात)में विश्व में नंबर 2 पर है इस कलंक को मिटाने गाय को। सुरक्षित, सुनिश्चित आवास देने, गाय से उत्पन्न दूध, इत्यादि के स्वास्थ्य वर्धक एकत्रीकरण हेतु और धार्मिक दृष्टि से गोमाता का आशीर्वाद पाने के लिए गोधाम अनिवार्य कदम बन जाएगा।

शंकराचार्य जी ने फिर से एकबार महाराष्ट्र सरकार को एक महीने के भीतर ही गोमाता राज्यमाता प्रोटोकॉल जारी करने को कहा है। गोसंसद का द्वितीय सत्र भी बहुत ही सुचारु ढंग से चला। गो सांसदों ने अपना कार्यभार स्वीकार किया।रामा गोधाम को प्रस्थापित करने अपनी कटिबद्धता दिखलाई । महाराष्ट्र में भी भिन्न भिन्न स्थानों पर ये प्रकल्प शुरू हो रहे है।

आज की गोसंसद में परमाराध्य ज्योतिष्पीठ शंकराचार्यजी ने स्वयं सभी प्रश्नों का निराकरण किया। उपाध्यक्ष शास्त्री किशोर दवे तथा देवेंद्र पांडे के साथ साध्वी पूर्णांबाजी के सचिवालय के मार्गदर्शन में सुचारु रूप से सम्पूर्ण कार्यवाही संपन्न करवाई। पूरे देश भर से गोसांसद मुंबई में उपस्थित रहकर चतुर्थ गोसंसद को पूरा किया।

चतुर्थ गो संसद मुंबई में निम्न दिए गए प्रस्ताव पारित किए गए|

1) महाराष्ट्र की निवर्तमान शिंदे सरकार को गोमाता को 'राज्यमाता' घोषित करने के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पारित हुआ।

2) इस महनीय कार्य केलिए तत्कालीन महाराष्ट्र राज्य मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे का नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित करने के शंकराचार्य जी के प्रस्ताव का स्वागत प्रस्ताव पारित किया गया।

3) महाराष्ट्र राज्य की वर्तमान सरकार से शीघ्रातिशीघ्र 'राज्यमाता' प्रोटोकोल और 'गौमाता राज्यमाता सम्मान संहिता' निर्मित करने का प्रस्ताव पारित किया गया । 

4) महाराष्ट्र राज्य  सहित देश के सभी राज्यों की सभी विधानसभा क्षेत्रों (कुल ४१२३) में आदर्श रामाधाम की स्थापना के विचार का अभिनंदन प्रस्ताव पारित किया गया। गोविधायकों और गोसांसदों ने अपने अपने क्षेत्रों में रामाधाम की स्थापना का संकल्प लिया।

5) प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रों में कम से कम 80000 मतदाताओं को गोमतदाताओं के रूप में संकल्पित कराने का संकल्प लिया गया और इस हेतु अभियान चलाने का प्रस्ताव पारित किया गया।

6) गोहत्या में संलग्न बूचड़खानों को इस कार्य से विरत होने के लिए नोटिस देने का और आवश्यकता पड़ने पर इस हेतु संघर्ष करने के लिए एक 'गोरक्षा सेना' के गठन और प्रशिक्षण का प्रस्ताव भी पारित किया गया ।

7) राजस्थान सरकार द्वारा प्रति गोमाता के लिए आधा वीघा भूमि गोचर भूमि के रूप में आवंटित करने के निर्णय का स्वागत किया गया और धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया गया।

8) भारत  की लोकसभा के वर्तमान सत्र में गोमाता को राष्ट्रमाता बनाने के लिए अपनी आवाज उठाने के लिए होशंगाबाद मध्यप्रदेश सीट से सांसद श्रीमान दर्शन सिंह चौधरी जी के लिए धन्यवाद भेजने का प्रस्ताव पारित किया गया।

ज्ञातव्य है कि संसद में अभी तक यह माँग सेठ गोविंद दासजी, सुब्रमण्यम स्वामी और गेनीबेन ठाकोर ने उठाई थी अब उसे चौधरी जी ने आगे बढाया है।

9) उत्तराखंड राज्य सरकार जैसे छोटे ट्रेक्टर केलिए सब्सिडी दे रही है वैसे ही बैल से खेती करने वाले किसान को प्रोत्साहन राशि देने के अनुरोध का प्रस्ताव पारित किया गया ।

10) रामा गाय की पहचान और गाय के नाम पर गवय की सेवा के भ्रम को दूर करने केलिए भारत के प्रत्येक राज्य में डी० एन० ए ० टेस्टिंग मशीन और पकड़े जाने पर वह मांस गोमांस है कि नहीं इसका शीघ्र निर्णय कराये जाने के लिए लैब बनाने का भी प्रस्ताव पारित किया गया।

11) एक रामा गाय की सेवा करने वालों को पंजीकृत होने पर 'रामा सेवक प्रोत्साहन राशि ' देने , एक से अधिक दस तक रामागाय की सेवा करने वालों को पंजीकृत होने पर 'रामापालक प्रोत्साहन राशि' देने , दस से अधिक और १०० तक रामा गाय की सेवा करने वालों को पंजीकृत होने पर 'रामाधाम संचालक प्रोत्साहन राशि' देने का प्रस्ताव पारित किया गया।

इस हेतु 2 हजार ,20 हजार, 2 लाख रुपए प्रति माह प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रस्ताव पारित किया गया |

12) गौसेवा प्रतिष्ठा, रक्षा आदि के इन कार्यों को संपन्न करने हेतु जनता से आर्थिक सहयोग प्राप्त करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया । उल्लेखनीय है कि अभी तक लंबा आंदोलन चलाने पर भी शंकराचार्य जी ने कभी इस हेतु १ रुपये का भी चंदा नहीं लिया है । अब कार्य बढाने केलिए आर्थिक सहयोग गौभक्तों से लेने का प्रस्ताव पारित किया गया है |

13)तेलंगाना की वर्तमान सरकार द्वारा 100 एकड भूमि में आदर्श गोशाला स्थापित करने के लिए भी धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया गया

14) पंजाब प्रदेश में छोटे बूचडखानों की स्थापना के विरोध का प्रस्ताव पारित किया गया क्योंकि इन्हीं की आड में गोहत्या की जारी रहने के प्रमाण मिले हैं।

15) चतुर्थ गो संसद में पहलगांव की घटना में मारे गये निर्दोषों की सद्गति के लिए प्रार्थना की गई |

16) मालशीरथ विधानसभा के गोविधायक बलभीम संदीपनिर्देशे के असमय काल कवलित होने पर शोक संवेदना व्यक्त की गई।

यह गो संसद परमाराध्य परमधर्माधीश के सान्निध्य में प्रवर गोसेवाधीश पं. देवेन्द्र पांडेय दक्षिणांचल गोसेवाधीश पं. किशोर दवे के संचालन और द्विशताधिक गो सांसदों विधायकों सहित अनेक विषय विशेषज्ञों से संबोधित और सम्मानित रही।

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