पद्मरत्न सागरजी म.सा. का देवलोक




मुनि पद्मरत्नसागरजी का निधन 
अंतिम यात्रा में उमड़े भक्त दीपक आर.जैन / भायंदर 
राष्ट्र संत परम पूज्य आचार्य श्री पद्मसागरसूरीस्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न गणिवर्य श्री प्रशांतसागरजी म.सा. के बड़े भाई मुनिवर श्री पद्मरत्नसागरजी म.सा. का अहमदाबाद में दुःखद निधन हो गया. वे 49 वर्ष के थे. वे पिछले दो-तीन माह से अस्वस्थ चल रहे थे. करीब एक सप्ताह पूर्व उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कुछ दिनों से वे प्रसन्नता के साथ आराधना कर रहे थे. आचार्यश्री की निश्रा में श्री पुष्पदंत जैन संघ,सेटेलाइट के तत्त्वावधान में उनका चातुर्मास चल रहा था. इससे पूर्व उन्होंने अच्छी तरह अपने प्रतिक्रमण-प्रतिलेखन का नित्यक्रम संपन्न किया. आसाम में जन्मे पद्मरत्नसागरजी म.सा. ने 20 वर्ष की युवा उम्र में श्री महावीर जैन आराधना केंद्र,कोबा तीर्थ के प्रागण में दीक्षा लेकर जिनशासन के कार्यों में अपने गुरुदेव और भाई महाराज के साथ कंधे से मंढ मिलकर कार्य कर रहे थे.भायंदर उनकी कर्मभूमि थी और वे काफी समय यहाँ रहे थे. उनके आक्समिक निधन से संपूर्ण जैन समाज में शोक की लहर हैं. विशाल जनमेदिनी की उपस्थिति में उनका अंतिम संस्कार सम्पन्न हुआ.
 पद्मरत्नसागरजी म.सा. का अचानक जाना समस्त जैन समाज के लिए बहुत ही दुखदायी घटना हैं. उनसे अनेकबार मिलने का अवसर मिला.अंतिम संस्कार में आनंदजी कल्याणजी पेढ़ी के अध्यक्ष संवेगभाई लालभाई,विधायक राकेश शाह,श्री पुष्पदंत जैन संघ के अध्यक्ष शिरीष दलाल,उद्दोगपति सुधीर मेहता सहित देशभर से गुरुभक्त उपस्थित थे. दिवंगत मुनि के सांसारिक परिवार से उनकी बहन मीरा-भायंदर महानगरपालिका की नगरसेविका सीमा शाह आदि ने भी आखरी दर्शन किये. उनका दीक्षा पर्याय 29 वर्ष का था और अपने छोटे भाई प्रशांतसागरजी की दीक्षा के समय उनके भाव जागृत हुए और उन्होंने संयम ग्रहण किया.



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्रमण संघीय साधु साध्वियों की चातुर्मास सूची वर्ष 2024

पर्युषण महापर्व के प्रथम पांच कर्तव्य।

तपोवन विद्यालय की हिमांशी दुग्गर प्रथम