रेकी विद्या जीवन के हर क्षेत्र में काम करती हैं-


दीपक आर.जैन 
मुंबई -रेकी एक जापानी भाषा का शब्द हैं जो रे और की से मिलकर बना हैं. रे का अर्थ हैं सर्वव्यापी और की का मतलब हैं जीवनशक्ति अर्थात रेकी का शाब्दिक अर्थ सर्वव्यापक जीवनशक्ति हैं. वे कहती हैं  रेकी आध्यात्मिक विद्धा हैं. सकारात्मक ऊर्जा को एकत्रित कर उसका उपयोग खुद के लिये और दूसरों पर करना हैं.  रेकी जीवन के हर क्षेत्र में काम करती हैं. 
उपरोक्त विचार रेकी प्रशिक्षक संतोष गोयल ने व्यक्त किये जो पिछले कई वर्षों से इस विद्धा को सीखकर लोगों तक पहुचाने का प्रयास कर रही हैं. संतोष कहती हैं कि रेकी की प्रसिद्धि का प्रमुख कारण इसका एकदम सरल व असरदार होना हैं. रेकी का प्रयोग व्यक्ति में निहित ऊर्जा के स्तर  को नियोजित करने एवं विश्रांति के लिये किया जाता हैं. जिसके परिणाम स्वरुप व्यक्ति अपनेआप को ऊर्जावान महसूस करता हैं और उसके कार्यकुशलता में वृद्धि होती हैं. यह सिर्फ बात ही नहीं इससे मैंने अपनेआप में और परिवार के में भी बदलाव देखा तब इस बात की अनुभूति हुई की जो चीज आप के जीवन को ऊर्जावान बनाने के साथ सकारात्मकता की और ले जा रही हैं उसे जनजन तक पहुँचाया जाये.
आज वे नियमित इसके क्लास चलाती हैं.वे कहती हैं की रेकी के प्रयोग से व्यक्ति में रचनात्मकता की वृद्धि होती हैं,व्यक्ति तनावमुक्त होता हैं साथ ही साथ उसके आध्यात्मिकता स्तर का विकास होता हैं.रेकी के अभ्यास की विधि इतनी सरल हैं की कोई भी व्यक्ति इसे किसी भी समय पर कर सकता हैं. आज के युग में जहां हम अपनी तनावग्रस्त दिनचर्या को चाहकर भी नियंत्रित नहीं रख पाते हमे रेकी जैसे सरल एवं असरदार साधन की बहुत सख्त जरुरत हैं.रेकी आपके अंदर की ऊर्जा को हमेशा नियंत्रित रखती हैं. जो विद्धा रेकी के रूप में उन्हें मिल रही हैं उन्हें समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाने का वे पुरा प्रयास कर रही हैं. संतोष गोयल लायंस क्लब ऑफ़ मुंबई मेट्रो की अध्यक्षाके  रूप में सामाजिक कामों में भी सक्रिय हैं.

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