जीवन के हर दुःख और बुराइयों को दूर करता नवकार महामंत्र - चरित्ररत्नविजयजी


दीपक आर.जैन /मुंबई
 आराधनाएं बहुत होती हैं, लेकिन नवकार आराधना में आत्मा और विश्व के कल्याण की भावना छुपी है । इसके माध्यम से हर आराधक की भावना होती है कि विश्व में शांति और अहिंसा का वास हो .नवकार के माध्यम से आत्मशक्ति को जागृत कर अहंकार से मुक्त हुआ जा सकता है । बुराईयों से बचाने में नवकार महामंत्र रामबाण है.  
यह बात त्रिस्तुतिक संघनायक गच्छाधिपति आचार्यश्री जयंतसेनसूरीस्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न मुनिराज श्री चारित्र रत्न विजयजी म.सा.ने रतलाम के जयन्तसेन धाम में आशीर्वचन प्रदान करते हुए कही.उन्होंने कहा कि संपूर्ण  विश्व में जितने भी मंत्र हैं, उनमें नवकार महामंत्र सर्वश्रेष्ठ है.यह महामंत्र शाश्वत है .जीवन के विकारों का उन्मूलन इस महामंत्र से ही हो सकता है.यह महामंत्र जीवन में संशय के क्षणों में भटकाव से बचाता है .व्यक्ति को स्वयं के रुप में लाने की भी यह अचूक औषधि है । मानव दुनिया में सुख ढूंढता है, लेकिन नवकार महामंत्र का संदेश है कि सुख स्वयं में ही निहित है. 
मुनिराजश्री नीपुणरत्न विजयजी म.सा. ने कहा कि मंत्र का तात्पर्य ही मन का रक्षण करने वाला होता है.नवकार वह महामंत्र है जिससे दुनिया के सारे संकटों से बचा जा सकता है.नवकार से आत्मा का स्वरुप सिद्ध होता है और नवकार आराधना करने वालों को समय, स्थान और संख्या का विशेष ध्यान रखना चाहिए.अनुशासन में रहकर की गई साधना ही फलदायी होती है.नवकार जिसके मन में होता है, उसका कुछ नहीं बिगडता है.उन्होंने कहा समर्पण से किए गए कार्य कभी व्यर्थ नहीं जाते, इसलिए नवकार आराधना समर्पित होकर करना चाहिए.नवकार यदि जीवन में आ गया तो सर्वकल्याण कर देगा.ज्ञात हो मध्यप्रदेश के रतलाम शहर में गुरुदेव का ऐतिहासिक चातुर्मास चल रहा हैं. देश विदेश से हजारों लोग नियमित गुरुदेव के दर्शन के लिए पधार रहे हैं. धर्म आराधना हो या तपस्या हर काम में नए इतिहासों का सर्जन हो रहा हैं. निश्चित ही रतलाम का यह चातुर्मास जिन्शासन के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से अंकित होगा.  

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