जन्मजात प्रतिभा की पहचान पर संगोष्ठी












शिक्षकों की भूमिका हर क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण
भायंदर-बच्चों के विकास की बात हो या किसी जिम्मेदारीपूर्ण काम को पूरा करना हो शिक्षक की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती हैं. आनेवाले विद्द्यार्थी जो देश  का भविष्य हैं उन्हें सवारने की जिम्मेदारी भी शिक्षक शिक्षिका  हैं. उपरोक्त विचार मीरा-भायंदर महानगरपालिका की महापौर गीता जैन ने व्यक्त किये.
वे भायंदर (पश्चिम) स्थित नगरभवन  में एनआयआयबी,व वीडीजे ग्रुप की और से मीरा-भायंदर शिक्षण मंडल संचालित मनपा स्कूलों के शिक्षक शिक्षिकाओं के लिए बच्चों में जन्मजात कौशल और प्रतिभा की पहचान पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रही थी. उन्होंने कहा की मनपा स्कूलों के स्टार को सुधारने के लिए वे सभी प्रयास कर रही हैं. उन्होंने कहा प्रशासन के साथ उनकी भी जिम्मेदारी है की विद्द्यार्थियों की संख्या निरंतर कैसे बढ़ती रहे. सेमिनार के मुख्या अतिथि एनआयआयबी के निदेशक सुनील सोई ने कहा की इस तरह के कार्यक्रम आगे भी जारी रहेंगे. महापौर गीता जैन से इस कार्यक्रम के लिए मिले सहयोग हेतु सोई ने महापौर का आभार माना व शिक्षा के विकास हेतू  हर सहयोग देने का आश्वाशन दिया.उपरोक्त विषय पर नितिन करात,हेमंत कोलंबकर,जयश्री केशव ने विस्तार से बताया. शिक्षण मंडल के एस. एम. देशमुख ने कार्यक्रम के आयोजन हेतु ग्रुप का आभार माना.
इस अवसर पर भाग लेनेवाले सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को सर्टिफिकेट दिए गए. कार्यक्रम में नगरसेविका प्रतिभा पाटिल,समाजसेवी रवि बी. जैन,रेलवे प्रवासी संघ के कमलेश शाह शिक्षा विभाग की जयश्री भोईर सहित 200 से ज्यादा टीचर्स उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन वीडीजे ग्रुप के दीपक आर जैन ने किया. 

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