भायंदर रेल रोको आंदोलन में शहीद हुवे नागरिकों को श्रद्धांजलि

 संघर्ष सेवा समिति का कार्यक्रम

 


भायंदर :- ' संघर्ष सेवा समिति, भायंदर ' के अध्यक्ष गौतम जैन ने प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी भायंदर ( पूर्व ) स्थित बी.पी.रोड़ नाका पर व्याप्त ' शहीद चौक स्मारक ' पर पुष्पांजलि अर्पित कर सन 1985 में पुलिस की गोली से शहीद हुवे नागरिकों को श्रद्धांजलि ' अर्पित की। इस मौके पर ' भाईंदर भूमि ' के संपादक पी.एल.चतुर्वेदी ' लाल ', वरिष्ठ-पत्रकार देवेंद्र पोरवाल, '  ' सीनियर रिपोर्टर एवं लेखक ' एस. एस. राजू, क्रांतिकारी नेता उपेंद्र सिंह  ' वत्स ',  ' अन्याय विरोधी संघर्ष समिति ' के अध्यक्ष एवं ' स्पेशल क्राइम रिपोर्टर ' सुभाष पांडेय , युवा नेता संजय जैन, कर्मठ समाजसेवक लक्ष्मीचंद टाटिया, ज़नाब अज़ीज़ अहमद, फ़रीद अहमद,' भूमिपुत्र '' विनोद पाटील, योगी चतुर्वेदी विशेष रूप से उपस्थित थे।  आवागमन कर रहे नागरिकों ने भी ' शहीद चौक स्मारक ' पर पुष्पांजलि अर्पित कर ' शहीद नागरिकों को श्रद्धांजलि ' दी तथा ' अमर रहे, अमर रहे, भाईंदर के शहीद अमर रहे ' एवं ' जब तक सूरज-चांद रहेगा, शहीदों तेरा नाम रहेगा ' नारे से भाईंदर स्टेशन के बाहर का प्रांगण  गूंज उठा ।

गौतम जैन ने बताया कि, 5 फरवरी 1985 को ' रेल रोको आंदोलन ' के दौरान ' आमरण अनशन ' पर बैठे आंदोलनकारी पुलिस की गोली से शहीद हो गए थे। जिनमें 7 नागरिकों के नाम शहीद 1) बसंत बाबूलाल शाह, 2)  दत्ताराम तात्या आबे, 3) हितेश सी. पारिख, 4)  एल.के.शाह, 5) रशीद मियां, 6 ) मेघराज एन. जाधव एवं  7) प्रणिलाल शाह बताए जाते हैं। जिनकी स्मृति में यह ' शहीद चौक स्मारक ' उस समय बनाया गया था। जहां हर वर्ष 5 फरवरी को प्रति वर्ष  ' शहीद चौक स्मारक ' पर भायंदर के शहीद नागरिकों को पुष्पांजलि अर्पित कर याद किया जाता है। भायंदर के नागरिकों ने चर्चगेट से भायंदर तक लोकल ट्रेन चलाने की मांग की थी। जिस मांग को लेकर नागरिकों ने राजधानी ट्रेन को रोककर उग्र-आंदोलन कर दिया था। साल भर ' शहीद स्मारक चौक ' का रखरखाव अज़ीज़ अहमद मुख्तार देखते हैं।

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