गुरु बिन ज्ञान नहीं

धर्मधुरंधर सूरी ने किया विद्द्यार्थियों का मार्गदर्शन 
दीपक आर.जैन 
मुंबई-जीवन के हर पग पर गुरु का महत्व होता हैं. युग कोई भी रहा हो,गुरु का सम्मान हमेशा बना रहा हैं. संत कबीरदास भी गुरु को गोविन्द से महँ बताकर उसकी महिमा बता चुके हैं,हर युग में गुरु पूजनीय रहे हैं फिर वह कोई भी युग रहा हों.सदियों से चली आ रही गुरु पूजन की परंपरा आज भी कायम हैं और यह आगे भी चलती रहेगी. उपरोक्त विचार पंजाब केसरी परम पूज्य आचार्य विजय वल्लभ सूरीस्वरजी म.सा. समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय धर्मधुरंधर सूरीश्वरजी म.सा. ने व्यक्त किये.
 
सेंट मेरी हाई स्कूल मझगांव में विद्द्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने विद्द्यार्थियों को गुरु शिष्य के व्यव्हार के बारे में विस्तार से समझाया. उन्होंने कहा की उनके आनंद की भी सीमा नहीं क्यूंकि उन्हें अपने गुरु की समाधी भूमि पर चातुर्मास का अनमोल अवसर प्राप्त हुआ.उन्होंने विद्द्यार्थियों के सवालों का जवाब देकर कहा की जीवन में आगे बढ़ने के किये गुरु का हमेशा सम्मान करे. गुरु आपको जीवन में आगे बढ़ने के लिए सच्चा  दिखाएंगे.विद्यालय के प्रिंसिपल श्री जुड़ ने  जैनाचार्य का अभिवादन कर कहा की संतों का सानिध्य और मार्गदर्शन हमेशा जीवन को नई रह की और ले जाता हैं. उन्होंने गच्छाधिपति से निवेदन किया की वे जब तक यहां पर हैं समय समय पर विद्यार्थियों को बोध देकर उनका मार्गदर्शन करे.सफल आयोजन के लिए संपत करबावाला का आभार व्यक्त किया. ज्ञात हो भायंदर में रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी भी गच्छाधिपति के मुरीद हो गए थे.कार्यक्रम में साधु साध्वीजी श्रावक श्राविका एवम भायखला श्री संघ एवं श्री मोतीशा ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित थे. 

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