देश धर्म और आस्था पर टीका हैं.
मुंबई-यह देश धर्म और आस्था पर टीका हैं. लोगों को संतों का अनुसरण करना चाहिए. सबरीमाला विवाद स्थानीय जनता की सहमति से सुलझाना चाहिए. यह बात भायंदर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने बालाजी नगर में चातुर्मास हेतु बिराजमान तपागच्छ प्रवर समिति के कार्यवाहक गच्छाधिपति आचार्य विजय अभयदेवसूरीस्वरजी म.सा. से भेट के दौरान कही.
भायंदर (वेस्ट) में अभय - मोक्ष चातुर्मास समिति आयोजित विशाल धर्म सभा को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा की देश धर्म के मार्ग पर धीरे धीरे चल रहा हैं. लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बाकी हैं. उन्होंने कहा की वर्तमान सरकार अच्छा काम कर रही हैं. भागवत ने कहा की हमारे कार्यों को हमेशा गुरुदेव का आशीर्वाद रहा हैं. अर्थ और काम की पूर्ति होने के बाद भी दुनिया में लोग दुःखी हैं ,परंतु हमारे यहाँ अभावों में भी सुखी रहनेवाले लोग हैं. उन्होंने कहा की संतों के मार्गदर्शन बिना कुछ भी संभव नहीं. संतों के उपदेशों को अपने आचरण में लाना बहुत जरूरी हैं. तीर्थो की पवित्रता खंडित ना हो इसके लिए प्रयास होंगे. भागवत ने कहा की गोमाता के सरंक्षण के लिए काम करना होगा.उन्होंने कहा की देश का और अपना भला अध्यात्म के आधार बिना संभव नहीं.
आचार्य अभयदेवसूरीस्वरजी म.सा. ने कहा की जिनशासन ,धर्म ,संस्कृति रक्षा,जीवदया आदि मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई. उन्होंने कहा धर्म,आस्था के विषयों पर सतर्कता से निर्णय लेने चाहिए. धार्मिक तीर्थ स्थानों को पर्यटन स्थल न बनाया जाये क्योंकि इससे तीर्थों की पवित्रता नष्ट होती हैं. कार्यक्रम में आचार्य श्री मोक्षरत्नसूरीस्वरजी म.सा. विधायक नरेंद्र मेहता,कनुभाई दोशी,मणि लक्ष्मी तीर्थ के संस्थापक दिनेश मणिलाल शाह,तेजराजजी दोशी,दिनेश महाजन,जयेश कोठारी,दीपक भानुशाली,नारायण भानुशाली,हिम्मत भानुशाली,पोपटशाह सहित अनेक मान्यवर उपस्थित थे.
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