लोगों की बत्तीसी चमकाता खुशी डेंटल केअर

                      

दीपक आर जैन 
लोगों के चेहरों पर खुशी लाने का कार्य करता डा. नरपतसिंग राजपूत संचलित खुशी डेंटल केयर निरंतर प्रति की ओर अग्रसर है। कम समय में अच्छी और सही ट्रीटमेंट की वजह से क्लिनिक मीरा-भाईंदर शहर में अपनी अलग ही पहचान रखता है। यही वजह है कि स्थानीय लोगों के अलावा आसपास के उपनगरों से भी मरीज दांतों का ट्रीटमेंट हेतू यहां आते है । 
जून 2013 में भाईंदर (पश्‍चिम) के 90 फीट रोड पर जानकी आर्केड में बने खुशी डेंटल केयर के संचालक डा. नरपत राजस्थान के सांचोर शहर से है। चेन्नई में दंत चिकित्सा की पढ़ाई में मसूडों (Periodontist & Lmplantologist)ईलाज के विशेषज्ञ बने और काफी समय तक वहां प्रेक्टीस की परंतु मुंबई के उपनगर भाईंदर में उनके माता-पितां अकेले रहते थे, जिससे वे यहां आ गये। भाईंदर में दांतों के विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी थी, जिसके चलते विभिन्न दांतों की उपचारों के विशेषज्ञों की उन्होंने टीम बनाई। इसलिए उन्होंने इस पर जोर दिया, शुरु से उनका उद्देश्य यही रहा कि जिसे जो तकलीफ है उसका इलाज उसका विशेषज्ञ ही करें और उपचार में कम से कम समय लगे। 
मुंबई आने के पहले उन्होंने चेन्नई के अपोलो अस्पताल, दीपम अस्पताल सहित विभिन्न क्लिनिकों में मसूड़ों के विशेषज्ञ के रूप में सलाह देते रहे।
डा. नरपत का मानना है कि Team Work Divide The Task & Double The Success और इसी बात को ध्यान में रखते हुए 18 लोगों की टीम यहां सेवाएं देती है, जो दांतों के विभिन्न उपचारों के विशेषज्ञ है और जरूरत पड़ने पर मुंबई के शहर जैसे चेन्नई, जयपुर आदि शहरों से भी डॉक्टरों को ईलाज करने के लिए बुलाया जाता है। यही वजह है कि खुशी आज प्रगति की ओर अग्रसर है, उनकी क्लिनिक ने एक हजार से ज्यादा मरीजों का उपचार किया है।
डॉ. नरपत ने बताया कि गांवों में पीछे से तार डालने के लिए चेन्नई से हश श्रळर्पिींरश्र ेीींहेवेपींळीीं को बुलाया जाता है, बोम्बे हास्पिटल के डॉ. सूर्यकांत चौधरी भी अक्सर मरीजों को उनकी क्लिनिक पर भेजते हैं। डशिलळरश्रळींू झीरलींळलश  के कारण ही ठाणे व नवी मुंबई में कई डॉक्टर्स उनकी सेवाएं लेते हैं। प्रेक्टीस के साथ-साथ समाज के प्रति अपने दायित्व को भी नहीं, भूलि है यही वजह है कि इस वर्ष उन्होंने लायंस क्लब के माध्यम से एक लाख लोगों की दंत चिकित्सा का लक्ष्य रखा है । इस कार्य में उन्होंने विभिन्न लायंस क्लबों के अलावा सामाजिक संस्थाओं से जुडने की अपील की है। इस कार्य में इंडियन डेंटल एसोसिएशन का सक्रिय सहयोग डॉ. नरपत को मिल रहा है।  हाल ही में विरार स्थित संजीवनी अनाथ आश्रम में बच्चों के दांतों के ट्रीटमेंट के बाद लगभग 60 बच्चों का नि:शुल्क उपचार किया। राजस्थान के सांचोर गांव में पीरचंदजी भंसाली के सक्रिय सहयोग से विशाल चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जिसमें चार हजार से ज्यादा लोगों ने लाभ लिया था व मुंबई जयपुर आदि शहरों के डाक्टरों ने अपनी सेवाएं दी थी। यह शिविर 26 जनवरी से 2 फरवरी 2015 तक चला था व 15 लोगों की टीम ने अपनी सेवाएं दी थी। यह डाक्टर्स मुंबई व आसपास के उपनगरों से आए थे। शिविर में 350 लोगों को बत्तीसी दी थी व जरूरतमंदों को दवाई भी वितरित की गई थी। डा. नरपत ने बताया कि वे नये डाक्टर्स के प्रेक्टिस हेतु एकेडमी शुरु करना चाहते है, ताकि नये डाक्टर्स जल्दी तैयार हो सके, इस तरह की एकेडमी नागपुर में चल रही है, जहां वे वर्स 11 अक्टुबर तक डाक्टरों का मार्गदर्शन करेंगे। जनवरी 2017 तक मीरा-भाईंदर में भी शुरु करने का लक्ष्य है।  
संपर्क : 68888806

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