दिवाली: कम होती संस्कृति और परंपरा
बच्चों और युवाओं को महत्व समझाएं
दीपक जैन/ पत्रकार
दिवाली भारत का एक प्रमुख त्योहार है, जो पूरे देश में बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार प्रकाश, ज्ञान और अच्छाई की जीत का प्रतीक है। लेकिन समय के साथ, दिवाली की संस्कृति और परंपरा में बदलाव आ रहा है, जो चिंता का विषय है।
परंपरा का महत्व
दिवाली एक ऐसा त्योहार है जो परिवार और समाज को एक साथ लाता है। यह त्योहार हमें अपनी संस्कृति और मूल्यों को याद दिलाता है, जो हमारे समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। दिवाली के दौरान, लोग अपने घरों को दीयों से सजाते हैं, पटाखे जलाते हैं और अपने प्रियजनों के साथ समय बिताते हैं।
परिवर्तन के कारण
दिवाली की संस्कृति और परंपरा में बदलाव के कई कारण हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कारण हैं:
- आधुनिकीकरण : आधुनिक समय में, लोगों के पास पारंपरिक त्योहारों को मनाने के लिए कम समय है। वे अपने काम और अन्य गतिविधियों में व्यस्त रहते हैं।
- पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव: पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव के कारण, लोग अपने पारंपरिक त्योहारों को भूलते जा रहे हैं। वे पश्चिमी त्योहारों को अधिक महत्व देते हैं।
- शहरीकरण:शहरीकरण के कारण, लोग अपने पारंपरिक त्योहारों को मनाने के लिए कम समय निकाल पाते हैं। वे अपने काम और अन्य गतिविधियों में व्यस्त रहते हैं।
परंपरा को बचाने के तरीके
दिवाली की संस्कृति और परंपरा को बचाने के लिए हमें कुछ कदम उठाने होंगे। इनमें से कुछ प्रमुख कदम हैं:
- पारंपरिक त्योहारों को महत्व देना: हमें अपने पारंपरिक त्योहारों को महत्व देना चाहिए और उन्हें मनाने के लिए समय निकालना चाहिए।
- बच्चों को शिक्षित करना: हमें अपने बच्चों को अपने पारंपरिक त्योहारों के बारे में शिक्षित करना चाहिए ताकि वे अपनी संस्कृति और परंपरा को समझ सकें।
- समुदाय की भागीदारी: हमें अपने समुदाय के लोगों को एक साथ लाना चाहिए और पारंपरिक त्योहारों को मनाने के लिए सहयोग करना चाहिए।
दिवाली की संस्कृति और परंपरा हमारे समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हमें अपने पारंपरिक त्योहारों को महत्व देना चाहिए और उन्हें मनाने के लिए समय निकालना चाहिए। हमें अपने बच्चों को अपने पारंपरिक त्योहारों के बारे में शिक्षित करना चाहिए और समुदाय की भागीदारी को बढ़ावा देना चाहिए।
आज जो संस्थाएं मुहिम चलाती हैं कि पटाखे मत फोड़ो,पतंग मत उड़ाओ,होली मत खेलो आदि से अच्छा है कि वो समझाएं कि पर्यावरण को नुकसान ना हो ऐसे पटाखे फोड़े,चाइना का मांजा ,केमिकल कलर उपयोग ना करें आदि।

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