हंसरत्न सूरीश्वरजी के 180 उपवास का पारणा दिल्ली में

8वी बार कर रहे यह तपस्या


नई दिल्ली :-
भारत की राजधानी दिल्ली शहर में दिव्य तपस्वी परम पूज्य आचार्य श्री विजय हंसरत्न सूरीश्वरजी महाराजा के 180 उपवास के पारणोत्सव का भव्य आयोजन किया गया है।उनकी यह तपस्या 8वी बार हैं।

श्री मंडार जैन संघ के तत्वावधान में इस तपस्या के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का आयोजन रविवार 9 नवंबर को सुबह 9.30 बजे से दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित किया गया है।महोत्सव में नगर में विराजमान साधु साध्वीजी उपस्थित रहेंगे।

श्री विजय हंसरत्न सूरीश्वरजी महाराज एक प्रसिद्ध जैन संत (साधु) हैं, जो अपनी असाधारण तपस्या के लिए जाने जाते हैं, खासकर लंबी अवधि के उपवासों (जैसे 180-दिवसीय उपवास) और कम नींद के लिए. उन्होंने मात्र 13 साल की उम्र में दीक्षा ली और आध्यात्मिक विकास, ध्यान और जैन समुदाय के उत्थान के प्रति समर्पित हैं।

मुख्य विशेषताएँ :-

अद्भुत तपस्या :- वे छह बार 180 दिनों तक उपवास करने और गुणरत्न संवत्सर तप सहित कई कठिन तपस्याएँ करने के लिए विख्यात हैं।
कम नींद :- वे 24 घंटे में केवल 2 से 2.5 घंटे ही सोते हैं।
आध्यात्मिक समर्पण :- 13 साल की उम्र में ही उन्होंने दीक्षा ग्रहण कर ली थी और तब से वे जैन धर्म के सिद्धांतों और समुदाय के उत्थान के प्रति समर्पित हैं।
शिष्य :- उन्होंने परम पूज्य आचार्य श्री विजय भुवन भानु सूरीश्वरजी महाराज के शिष्य के तौर पर दीक्षा ली थी।
सामाजिक योगदान :- वे आध्यात्मिक और सामाजिक विकास के लिए काम करते हैं।
लोकप्रियता और प्रभाव :- हंसरत्न सूरीश्वरजी की तपस्या और जीवन की कहानी को 'दिव्य तपस्वी' नामक सीरीज़ के माध्यम से फैलाया गया है।बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार जैसे कई लोग उनसे मिलने आ चुके हैं।उनकी तपस्या और समर्पण को लाखों लोग सराहते हैं.

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