गोमाता की सेवा प्रभु सेवा समान :- प्रभाकर सूरीश्वरजी

समवसरण महामंदिर,अगासी तीर्थ में भव्य गौमाता की पुजा भक्ति संपन


विरार :-
अगासी तीर्थ समसरण महामंदिर में समकित सम्राट,ज्योतिष विशारद,माँ पदमावती के उपासक परम पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री विजय प्रभाकर सूरीश्वरजी म.सा.की निश्रा में भव्य गौमाता की पुजा भक्ति एवं जीवदया का कार्य संपन हुआ।

धर्मसभा को संबोधित करते हुए गुरुदेव ने गौमाता का महत्व और जीवदया का महत्व समझाया और कहा की क्यो जीवन मे जीवदया करनी चाहिये एक से बढ़कर एक दृश्टान्त समझाकर गौमाता और जीवदया के बारे में अपने मुखारविंद से सभी भक्तों को समझाया।उन्होंने बताया कि इस तीर्थ की गोशाला में अभी तक 80 से ज्यादा गौमाता रह रही है और साथ मे दो कामधेनु गौमाता भी है। भविष्य में और भी विशाल रूप से इस गौशाला का निर्माण करके ज्यादा से ज्यादा गायों को यहाँ पर रहने हेतु लाया जायेगा।

इस अवसर पर जिन जिन भाग्यशालीयो ने जीवदया में लाभ लिया उन सभी का ट्रस्ट मंडल द्वारा बहुमान किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत सामुहिक गुरुवंदन के साथ संगीतकार गौरव राठौड़ ने गुरुभक्ति के साथ -साथ बहुत ही सुंदर गौमाता के भक्ति की प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम समापन के बाद में गौमाता की पूजा दूध से उनके पाव धोकर की और सभी गौमाता के सिर पर कंकु से तिलक एवं माला पहनाकर किया उसके बाद सभी गौमाता को लड्डू खिलाया गया।संचालन भरत एन. कोठारी (कोसेलाव)द्वारा किया।

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