क्रोध पर नियंत्रण रखना बड़ी बात नहीं -राधेश्याम मौर्य


दीपक आर जैन 

भायंदर- क्रोध पर नियंत्रण रखना  बड़ी बात नहीं हे, इसके लिये जरा से प्रयासों की जरुरत हे.क्रोधाग्नि का मुकाबला करने का सबसे पहला तरीका हे 'प्रगटीकरण'. अपने मन का क्रोध प्रगट करने से संतोष मिलता हे,लेकिन यह ऐसा भी न हो की हमे इसके लिए मे पछताना पड़े.क्रोध पर काबू रहा तो भावनिक तथा मानसिक मज़बूरी नहीं होती।
उपरोक्त विचार सामाजिक सांस्कृतिक संगठन युथ फोरम के सलहाकार  व लाइफ चेंजिंग सेमिनार के प्रणेता लायन राधेश्याम मौर्य ने व्यक्त किये. मौर्य ने क्रोध विषय पर विस्तारपूर्वक बताया की किस तरह छोटी छोटी बाते हमारे जीवन को ख़राब कर रही हे.उन्होंने कहा कि आजकल सबकी सहन शक्ति कम हो गयी हे की जरा सी बात पर हम क्रोधित हो जाते हे और ऐसे समय मे ही हमें समतापूर्वक काम लेना चाहिये.उन्होंने कहा की गुस्सा करने से पहले एकबार जरूर सोच लेना चाहिए।क्योंकि आपने देखा होगा की अक्सर इसका परिणाम और खामियाजा हमारे साथ दूसरे भी भुगतते हे जो हमसे  हे.
हमारी पारिवारिक अशांति का सबसे बड़ा कारण आज क्रोध हे जो हमेशा से ही विध्वंश करता हे.


मौर्या ने कहा जीवन की हर बात को सकारात्मक तरीके से ले देखिये यह जिंदगी बहुत खुबसूरत हो जायेगी. मौर्य ने कहा की  सकारात्मकता के सोचने के बाद सारा काम प्रकर्ति पर छोड़ दीजिये देखिएगा आपको इसके बेहतरीन परिणाम मिलेंगे.क्रोध पर नियंत्रण करने का सबसे अच्छा तरीका हे क्षमा करना. रोज कुछ समय हमे  सोचने के लिये रखना चाहिये .दिनभर मे क्या हुआ,कोन से काम हुए,कोन से नही हुए,किसके साथ हमारा बर्ताव अच्छा था और किसके साथ गलत था,जिसने हमारे साथ बुरा बर्ताव किया व किसकी मुलाकात  बाद हमें क्रोध आया हो उसका नाम लेकर मन ही मन कहना चाहिये कि मैने उसे माफ़ कर दिया हे तो ऐसा करने से आपका मन भी शांत हो जायेगा।शरीर की उत्तेज़ना कम हो जाएगी और इसका परिणाम यह होगा की आप शांति से सो पायेंगें.क्रोध से मुकाबला करने का सबसे अच्छा मार्ग हे 'क्षमा शीलता 'का स्वीकार और क्रोध  नियंत्रण का यह सबसे अच्छा मार्ग हे.ज्ञात हो मौर्य हर महिने वीडीजे ग्रुप के साथ अलग अलग विषयों पर सेमिनार का आयोजन करते हैं. 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्रमण संघीय साधु साध्वियों की चातुर्मास सूची वर्ष 2024

पर्युषण महापर्व के प्रथम पांच कर्तव्य।

तपोवन विद्यालय की हिमांशी दुग्गर प्रथम