मुस्लिमों के लिए कब्रिस्तान मांग कई वर्षो से ....



मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन 
भाईंदर
मीरा भाईंदर शहर की तेजी से बढ़ रही आबादी में मुस्लिमों की जन संख्या में भी वृद्धि हुई है। भाईंदर पश्चिम में रहने वाले मुस्लिमों के लिए सिर्फ पांच गुंठे की जमीन ही कब्रिस्तान के लिए उपलब्ध है। कब्रिस्तान में जगह की कमी के कारण शव को दफनाने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। विगत कई वर्षों से मुस्लिम संगठनो द्वारा कब्रिस्तान के लिए जगह की मांग की जा रही है। अब वर्ष २०१७ में मीरा भाईंदर शहर के नए विकास प्लान को मंजूरी मिलने वाली है। इसको देखते हुए पुनः कब्रिस्तान के जगह की मांग जोर पकड़ने लगी है। नए विकास प्लान में कब्रिस्तान की जगह आरक्षित करने की मांग विभिन्न मुस्लिम संगठनो ने मनपा प्रशासन सहित मुख्यमन्त्री और पालक मंत्री से आजिम तांबोली के नेतृत्व में कईबार की है.
   ज्ञात हो की भाईंदर पूर्व और पश्चिम में रहने वाले मुस्लिमो के लिए सिर्फ भाईंदर पश्चिम के महेश नगर में आठ गुंठे क्षेत्रफल की एक ही कब्रिस्तान है। जिसमे से कुछ जमीन रोड विस्तारीकरण में चले जाने से प्रत्यक्ष में पांच गुंठे की ही जगह बची हुई है। उसमे भी बच्चों के शव को दफनाने के लिए भी कुछ हिस्से को आरक्षित कर दी गई है। साथ ही रेल दुर्घटना में मृत लावारिस शवों को भी इसी कब्रिस्तान में दफनाया जाता है।आलम यह है की कई बार शव को दफनाने के लिए कब्र खोदते समय पुराने शव की मानवी अंग बाहर आ जाते हैं। जिससे भावनाएं आहत होती है। वहीं मनपा प्रशासन द्वारा कब्रिस्तान के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नही कराये जाने के आरोप भी मुस्लिम संगठनो द्वारा लगाये जाते रहे हैं।
    समाज सेवक अज़ीम तांबोली ने मुख्यमन्त्री और मनपा की महापौर और आयुक्त को पत्र लिख कर मीरा भाईंदर शहर के2017 में बनने वाले नए विकास प्लान में भाईंदर पश्चिम के लिए स्वतंत्र दफन भूमि देने की मांग की है 
2011 से इस दफ़नभूमि के लिए अज़ीम तांबोली पत्रवेव्हार कर रहे है तांबोली ने कहा है की जगह जल्द से जल्द मोहिया कराया जाये नही तो हम लोकशाहिमार्ग से आदोलन करेंगे और रास्ते पर उतरेंगे 
आयुक्त ने कहा है के हम भाईंदर पश्चिम मुस्लिम समाज को 2017 के नए डीपी प्लान में कब्रिस्तान के लिए जगह आरक्षित करेंगे

आंदोलन की चेतावनी-पिछले पांच वर्षों से कब्रस्तान के लिए तांबोली आंदोलन कर रहे हैं और इसके लिए उन्होंने गली से लेकर दिल्ली तक पत्र व्यवहार किया हैं.मीरा-भयनदर के नए डी पी प्लान का पता चलते ही कई नेता अब इसकी मांग करने लगे हैं. आजिम ने कहा आखिर किन कारणों से प्रशासन सुनवाई नहीं कर रहा यह बात समझ से पर हैं. पिछले कुछ समय से मुसलमानो की आबादी भी इस क्षेत्र में बड़ी हैं. उन्होंने उम्मीद जताई की वर्तमान सरकार इस मांग को जल्दी ही पूर्ण करेगी.  

फोटो-मीरा-भायंदर महानगरपालिका के आयुक्त अच्युत हांगे को ज्ञापन देते आजिम तांबोली व अन्य पदाधिकारी. 

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