मन से होती है सेवा होती हैं- राजेश्वरी दीदी

                                        
                                                  मन से होती है सेवा  होती हैं- राजेश्वरी दीदी 
                                                                लायंस इंटरनेशनल का कार्यक्रम 


दीपक आर.जैन/भायंदर   
मुंबई-दूसरों को दुःख देकर हम कभी सुख की प्राप्ति नहीं कर सकते. सुख की अपनी अलग अलग परिभाषा हैं.जो अलग अलग तरीके से हमे प्राप्त होता हैं.उपरोक्त विचार लायंस इंटरनेशनल 323-A 3 के रीजन कांफ्रेंस मे नारायण रेकी सत्संग परिवार की संस्थापिका राजेश्वरी मोदी ने व्यक्त किये जिन्हे लोग प्यार से दीदी कहते हैं.
मलाड(पश्चिम) स्थित एवरशाइन बैंक्वेट हॉल मैं लायंस सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा की जिस तरह लायंस का उद्देश्य सेवा करना है उसी तरह नारायण रेकी परिवार का प्रयास है की हर इंसान तन,मन,धन व संबंधो से स्वस्थ हो. हर घर मैं सुख,शांति,समृद्धि हो तथा हर व्यक्ति उन्नति,प्रगति व प्रसन्नता को प्राप्त करे.दीदी ने कहा की की प्रेम वस्तुओं से नहीं बल्कि व्यक्ति से करे क्यूंकि वास्तु उपयोग करने की चीज हैं.दीदी ने जोर देकर कहा कि जीवन में उन लोगों को कभी अनदेखा ना करे जो आपकी परवाह करते हैं.हम अक्सर पत्थर को ढूंढने की चाहत मैं हीरों को खो देते हैं.
उन्होंने कहा कि जीवन मैं जीतना मिला उसी मैं ख़ुशी से जीयें क्योंकि कितना अच्छा जीवन आपने जीया उसका महत्व हैं ना की कैसा जीवन जिया उसका महत्व हैं.उन्होंने कहा की जीवन का अर्थ हैं खुशियां बिखेरना और हम तन,मन और संबंधों से अच्छे रहेंगे तभी हुमारे घर मैं भी सुख,शांति,समृद्धि और खुशहाली का वास रहेगा तथा इसमें थोडीसी अस्वस्थता हमारे सरे खेल को बिगड़ देती है. दीदी ने लायन सदस्यों को कहा की सेवा मात्र नाम के लिए नहीं होनी चाहिये बल्कि इसे करते समय हमारे मन के भाव भी बहुत अच्छे होने चाहिये।अच्छे कर्मो की वजह से ही हमे मनुष्य जन्म मिला हैं और इस मनुष्य जन्म के कारण ही हम ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं.जीवन में नकारात्मक ऊर्जा को कभी अपने पर हावी ना होने दे.क्योंकि यह ऊर्जा बिमारी का सबसे बड़ा घर हैं.हमारी 70 प्रतिशत बिमारियों का कारण नकारात्मक ऊर्जा हैं जबकि 30 प्रतिशत बिमारियां गलत खान-पान की वजह से होती है.
उन्होंने कहा किसेवा के कार्यों मैं कभी स्वार्थी ना बने क्योंकि इसकी तरंगे दूसरों को भी ख़राब कर देती हैं.दीदी ने कहा की जहाँ सरस्वती का वास है वहां लक्ष्मी को आना ही हैं,लेकिन यह जरुरी नहीं की जहाँ लक्ष्मी हैं वहां सरस्वती का होना अनिवार्य हैं.   उन्होंने कहा की एक बात का ध्यान रखे की जितना आप दूसरों को देते प्रकृति आपको उसका बढाकर ही देती हैं.
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर लायन डॉ.हेमंत दुग्गड़ ने अपने संबोधन मैं कहा की जीवन मैं कभी अपने को बड़ा न समझे. मनुष्य  नसीब से मिलता हैं.सेवा करने की कोई सीमा नहीं होती।उन्होंने बताया की लायंस इंटरनेशनल ने मई महीने मैं भी सेवा सप्ताह शुरू करने का निर्णय लिया हैं.डॉ दुग्गड़ ने रीजन-7 ने वर्ष 2014 -2015 मैं किये कामों की प्रशंशा की.उपस्थित मेहमानो का स्वागत लायन संजय जैन ने किया साथ ही उन्होंने झोन चेयरमैन लायन विनीता सुनील पटोदिया,लायन अतुल गोयल व लायन यादव शेट्टी का सहयोग हेतू आभार माना व पुरे साल दिए सहयोग के लिये स्मृति चिन्ह देकर सम्मानितं किया।कार्यक्रम का संचालन लायन राधेश्याम मौर्या ने किया।दीदी का परिचय लायन संतोष गोयल ने दिया।इस अवसर पर लायन प्रशांत पाटिल,लायन संतोष शेट्टी,लायन सुनील पटोदिया,लायन सुरेन्द्र वकडुल्ला,लायन जगदीश जानी,लायन चंद्रशेखर घाग, लायन कविता लाला,लायन कृपाशंकर चोबे,लायन एम.के.जैन,युथ फोरम के अध्यक्ष दीपक रमेश जैन सहित बड़ी संख्या मैं लायन सदस्य उपस्थित थे।             

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