समाज के विकास हेतु काम करेगा प्रेम परिवार







                               

                                                    समाज के विकास हेतु काम करेगा प्रेम परिवार 
(दीपक आर जैन) 
मुंबई-परम पूज्य तपगच्छाधिपति आचार्य श्री विजय प्रेमसुरीस्वरजी म.सा.के शिष्य रत्न परम पूज्य आचार्य श्री कुलचंद्र सुरिस्वरजी (के.सी) म.सा.के 29 वे दीक्षा दिवस पर प्रेम परिवार की स्थापना की गयी जो समाज के विकास हेतु कार्य करेगा व  जैन धर्म को विश्व के कोने कोने तक पहुचाने का हर प्रयास करेगा।  
वालकेश्वर मैं आयोजित कार्यक्रम मैं युवाओं को सम्भोदित करते हुए के.सी.महाराज ने कहा की गुरु के विचारों को जीवन मैं उतारें और सफल होने के लिए सद्बोध,सदभावना,सद्कार्य वसद्गति को ध्यान मैं रखकर कार्य करें।उन्होंने कहा की जीवन को सच्ची रह गुरु ही दिखाते हैं.उनके बताये पथ पर चलनेवाला व्यक्ति हमेशा सफलता की और अग्रसर रहता हैं.उन्होंने कहा की सही कार्य के लिए हमेशा विरोध का सामना करना पड़ता हैं लेकिन जो विरोध से नहीं घबराता वह हमेशा सफल होता हैं और विकास करता हैं.भगवां महावीर के सीरियल के बारे मैं के.सी.ने कहा की हमारा सीरियल के लिए कोई विरोध नहीं था बल्कि महावीर का जो रोल कर रहा था उसका विरोध था क्योंकि सामान्य व्यक्ति भगवान की बराबरी नहीं कर सकता और साधारण व्यक्ति साधु वेश कैसे धारण कर सकता हैं?
प्रेम परिवार के मार्गदर्शक का इसकी स्थापना के लिए प्रयत्न करने वाले मुनिराज श्री कुलदर्शन विजयजी म.सा.ने कहा की सरे अच्छे काम करने का अवसर हैं प्रेम परिवार।उन्होंने कहा की प्रेम परिवार जीवदया,सेवा,शिक्षा,स्वस्थ्य,धर्मरक्षा,अनुकंपा इन छह मुद्दो पर विशेष रूप से काम करेगा।उन्होंने कहा जीवन के पत्थरों को रस्ते से उठाने का काम करेगा प्रेम परिवार।वर्ष के अंत तक दो हजार से ज्यादा सदस्य बनाने का प्रयास हैं.प्रथम कार्य मैं मुंबई मैं कितने जिनालय हैं उसका सुर्वे शुरू किया गया हैं.तपगच्छाधिपति के 96 वे जन्मदिन के उपलक्ष मैं 05 फरवरी को घाटकोपर मैं विशाल महालक्ष्मी पूजन का आयोजन किया गया हैं. सञ्चालन कुलदीप सर नाकोडावाले ने किया।                
                

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