आचार्य चिदानंद सूरीश्वरजी के जन्मोत्सव पर अनेक कार्यक्रम
दुजाणा जैन संघ का यादगार आयोजन
दुजाणा :- गोडवाड़ की पावन भूमि, गौरवशाली ग्राम दुजाणा में पंजाब केसरी,आचार्य विजय वल्लभ सूरीश्वरजी म.सा. समुदाय के गच्छाधिपति आचार्य विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी म.सा.के प्रथम शिष्य,आचार्य श्री चिदानंद सूरीश्वरजी म.सा. का 65वां जन्मोत्सव अनुपम धार्मिक महाकुंभ धार्मिक क्रियाओं और आराधनाओं के साथ मनाया गया।
श्री दुजाणा जैन संघ के तत्वावधान में आयोजित अपने जन्मोत्सव पर आचार्य श्री अपने आशीर्वचन में कहा कि संसार की असारता से मुक्त होकर संत केवल धर्म, समाज व आत्मोद्धार हेतु साधना-आराधना में रत रहते हैं।उन्होंने साधर्मिकों का उत्थान, जीवदया व जैन धर्म को जन जन तक पहुंचाने का आवाहन किया व दुजाणा संघ की अनुमोदना की।
इस अवसर पर गोडवाड़ की अनेक प्रतिष्ठित हस्तियों और समाज के अग्रणी व्यक्तित्वों ने उपस्थित होकर गुरु के प्रति अपनी अगाध श्रद्धा और आस्था का प्रत्यक्ष प्रमाण दिया। राजस्थान सरकार के देवस्थान, गोपालन, पशुपालन व डेयरी विभाग मंत्री जोराराम कुमावत, दुजाणा जैन संघ के अध्यक्ष अरविन्द राणावत और अन्य गणमान्यजनों ने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
महोत्सव में बाबुलालजी (मिठी माँ), अध्यक्ष बाली सेसली जैन संघ,इन्दरमलजी राणावत, फालना स्वर्ण मंदिर के जनक, खुडाला जैन संघ के पूर्व अध्यक्ष,बख्तावरमलजी रांका, अध्यक्ष फालना पार्श्वनाथ उम्मेद महाविद्यालय,पोपटलालजी सुंदेशा, अध्यक्ष सादड़ी जैन संघ,वंसतीबेन किशोरजी खीमावत, पर्यावरण प्रेमी,माणकचंदजी शाह, अध्यक्ष नादाणा तीर्थ, गणपतलालज सालेचा, जोधपुर जैन संघ के अग्रणी, कांतीलाल मेहता, अध्यक्ष डायलाना जैन संघ,नवरत्नमलजी मेहता, सलाहकार रानी स्टेशन जैन संघ,भरत राठौड़,अध्यक्ष रानी स्टेशन नगरपालिका,अमृतजी पुनमिया, सुप्रसिद्ध आंगीकार,विमल रांका, अध्यक्ष राजस्थान मीटरगेज प्रवासी संघ,प्रविण लुणीया, पूर्व अध्यक्ष चाचोड़ी जैन संघ व वरकाणा देवस्थान पेढ़ी,हंसमुख बाफना, अध्यक्ष नारलाई जैन संघ महेश हिंगड, अध्यक्ष बेंकाग जैन संघ,दिनेशजी जैन, ट्रस्टी नाडोल जैन संघ,महेन्द्र जैन, अध्यक्ष रानी गाँव जैन संघ,मरुधर तहलका के संपादक जगदीश मेहता आदि ने उपस्थित रहकर गुरुदेव के जिनशासन के लिए कार्यों की अनुमोदना की व आशीर्वाद लिया।संघ सचिव ने गुरुदेव का परिचय दिया व उपस्थित जनसमूह का आभार व्यक्त किया।
प्रातः काल ढोल-नगाड़ों की मंगल ध्वनि के साथ परमात्मा विमलनाथ भगवान मंदिर में दर्शन-वंदन कर सभी भक्तगण जैन भवन पहुँचे। गुरुदेव की भव्य एंट्री बड़ोदा के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत अद्भुत नृत्य के साथ हुई, जिसने समारोह को अभूतपूर्व बना दिया।राणावत ने स्वागत भाषण देकर उपस्थित जनों का अभिनंदन किया। जोरारामजी कुमावत ने अपने उद्बोधन में कहा कि जैन संतों की साधना और आराधना से ही विश्व में शांति का संदेश प्रसारित होता है।
कार्यक्रम में रानी स्थित महावीर बाल विद्यालय की बालिकाओं ने नवकार महामंत्र व बधाई नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति देकर सबको भावविभोर कर दिया। यह जन्मोत्सव पर्व न केवल गोडवाड़ की श्रद्धा का प्रतीक बना, बल्कि संत-समाज व गुरु-भक्ति का ऐतिहासिक पर्व भी बन गया, जिसे आने वाली पीढ़ियाँ आदर्श मानेंगी।संचालन ललित परमार ने किया।

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