तपस्या करनेवालों की अनुमोदना करें :- कुलचंद्र सूरीश्वरजी

जैनों का देश की आजादी में अतुलनीय योगदान ,:- कुलदर्शन विजयजी


अहमदाबाद :-
श्री गौतम स्वामी जैन संघ में चातुर्मास हेतु बिराजमान तपागच्छाधिपति आचार्य श्री विजय प्रेमसुरीश्वरजी म.सा.के आजीवन चरणोपासक व समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय कुलचंद्र सूरीश्वरजी म.सा.ने कह की तपस्या करनेवालों की अनुमोदना करो ना कि हतोउत्साहित करें।

पन्यास प्रवर श्री कुलदर्शन विजयजी म.सा.ने स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में अपने ओजस्वी प्रवचन में कहा कि जैनों ने देश विदेश में सिर्फ मंदिर ही नही बनायेन हैं बल्कि उनका देश की आजादी में भी अतुलनीय योगदान हैं।उन्होंने बताया कि बहादुरशाह जफर के दोस्त लाला हुकमचंद जैन व उनके भतीजे फकीरचंद जैन को उन्हीं के मकान के आगे फाँसी पर लटका दिया गया था। इसी तरह मोतीचंद शाह, उदयचंद जैन, साबूलाल जैन, अर्जुनलाल सेठी जैसे अनेक क्रांतिकारी सेनानियों के कारनामों से इतिहास भरा पड़ा है। लगभग 5 हजार से भी अधिक जैन धर्मावलंबी जेल गये और सैकड़ों जैनियों ने जेल से बाहर रहकर तन—मन—धन से बढ़ चढ़कर तथा हर संभव सहयोग दिया ।

ज्ञात हो जब महाराणा प्रताप पर संकट आया तब सादड़ी (राणकपुर) के भामाशाह ने तथा रानी लक्ष्मीबाई को अमरचंद जैन ने तन मन धन से सहयोग किया था।इतिहास उठाकर देखेंगे तो ऐसे कई जांबाज मिलेंगे।उन्होंने कहा कि जीवन मे उद्देश्य लेकर चलनेवाला व्यक्ति कभी असफल नही होता।संघ में गुरुदेव की प्रेरणा से 350 सिद्धितप के अलावा अनेक तपस्याएं हो रही हैं।युवा शिविर में बड़ी संख्या में युवक शामिल होकर प्रेरणा ले रहे हैं।

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