तप जैन धर्म की प्राचीनतम परंपरा - दिनेश मुनि
अंजूदेवी मांडोत ने 30 दिनों तक केवल गर्म पानी के सहारे किया मासखमण तप
सूरत शहर में पहली बार संपन्न हुआ विशाल सांझी कार्यक्रम
सूरत - सूरत शहर के उपक्षेत्र वेसू स्थित गुरु पुष्कर भवन में चातुर्मास हेतु विराजित श्रमण संघीय सलाहकार श्री दिनेश मुनि जी मसा, डॉ द्वीपेन्द्र मुनि जी मसा, डॉ पुष्पेन्द्र मुनि जी म.सा. के सानिध्य में धर्म गंगा बह रही है। जिसमें जैन समाज के साथ अन्य समाजजन भी धर्म लाभ ले रहे हैं। गुरु पुष्कर संयम शताब्दी वर्ष को समर्पित इस चातुर्मास कि में जैन धर्मावलंबी तपस्या कर रहे हैं।
इसी क्रम में शनिवार को अंजूदेवी मांडोत के मासखमण की पूर्णाहुति के अवसर पर आयोजित “तप अभिनंदन” समारोह में श्रमण संघीय सलाहकार दिनेश मुनि ने कहा कि जैन धर्म की तपस्या शरीर को कष्ट देने के लिए नहीं होती, बल्कि शरीर को स्वस्थ रखने व विघ्न, बाधाओं को दूर करने के लिए होती है। तप भगवान की परम्परा की प्राचीनतम अराधना है। तपस्या करने से आत्मा पर चिपके बुरे कर्मों के पुदगल समाप्त हो जाते है। तप करने से आत्मा में अनन्त शक्ति जाती है आत्मा परमात्मा बन जाती है। सलाहकार दिनेश मुनि ने आगे कहा कि इस शरीर को चारा खिलाते - खिलाते हजारों साल व्यतीत हो चुके है परन्तु तृप्ति नहीं हुई है। अब भी समय है कि शरीर को छोड़कर आत्मा को पहचानों। तप, ध्यान अराधना जिसकी खुराक है आत्मा की पहचान जिस दिन हो जाएगी उस दिन प्राणी सारे सांसारिक फंदों से छुटकारा पा जाएगा और आत्मा के कल्याण के बारे में ही सोचेगा। उन्होंने 38 वर्षीय तपस्वी अंजूदेवी मांडोत का उदाहरण देते हुए समझाया कि 30 दिन तक केवल गर्म पानी पीकर (सूर्य उदय से सूर्यास्त तक) ना केवल अपनी आत्मा को निर्मल बनाया है, अपितु चातुर्मास को भी चार चांद लगा दिए है। जो गुरु पुष्कर देवेंद्र चेरीटेबल ट्रस्ट व श्री संघ के लिए गौरव की बात है।
उन्होंने उपस्थित श्रावकों से आह्वान किया कि वे ज्ञान रूपी चातुर्मासिक गंगा में स्नान करके अपने जीवन को सत्कर्मों में लगाए। इस मौके पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने “तपस्वी जय - जयकार” से अंजूदेवी मांडोत के तप की अनुमोदना की।
नवकार महामंत्र के मंगलाचरण से प्रारंभ समारोह में डॉ द्वीपेन्द्र मुनि ने भ. महावीर के जीवन वृतांत में तप के प्रसंग सुनाए।
समारोह में श्री संघ की और से अध्यक्ष गणेश भोगर, मंत्री मदनलाल दोशी, कोषाध्यक्ष किरण दोशी व मोहनलाल सांकरिया(कलामंदिर ज्वैलस) द्वारा तपस्वी अंजू मांडोत को अभिनंदन पत्र प्रदान किया व शील गुरुणी महिला मंडल अध्यक्ष श्रीमती रेणु बोकडिया तथा सहयोगी सदस्याओं की ओर से हार - चुंदड ओढ़ाकर बहुमान किया गया। इसी क्रम में राहुल मांडोत के नौ उपवास की पूर्णाहुति पर श्री गुरु पुष्कर युवा मंच के अध्यक्ष विपुल भोगर की अगुवाई में युवा मंडल सदस्यों द्वारा हार - गुरु दर्शन फ़्रेम देकर बहुमान किया गया। श्री संघ के उपाध्यक्ष आकाश मादरेचा ने बताया कि चातुर्मास प्रारंभ से ही तपस्याओं का दौर चल रहा है तथा अभी तक 18 श्रद्धालुओं द्वारा आठ तथा उससे अधिक की तपस्याएँ संपन्न हो चुकी है तथा अनेक गतिमान है।
सांझी का हुआ कार्यक्रम
इसी क्रम में आज दोपहर सौभाग्यवती अंजू मांडोत के मासखमण तप की पूर्णाहुति पर श्री संघ द्वारा सांझी (तपस्या गीतों) का एक विशाल कार्यक्रम संपन्न हुआ। श्री शील गुरुणी महिला मंडल- वेसू की अगुवाई में सूरत शहर के सभी श्रमण संघीय महिला मंडलों को आमंत्रित किया गया।
इन मंडलों की रही उपस्थिति
सूरत शहर में प्रथम बार आयोजित विशाल सांझी (तपस्या गीतों) में श्री शील गुरुणी महिला मंडल(वेसू), श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन महिला मंडल(महावीर भवन), मैत्री बहु मंडल(भटार रोड़), श्री चंदनबाला महिला मंडल(शांति भवन), आदर्श बहू मण्डल(अक्षय टाऊन) चंदनबाला महिला मंडल(वेसू - मेवाड़), त्रिशला महिला मंडल(अरिहंत पार्क) चंदनबाला महिला मंडल(उधना), शील महिला मंडल( अक्षय टाऊनशिप), चंदनबाला महिला मंडल(पांडेसरा), चंदनबाला महिला मंडल(गोडादरा ) आदि अनेक महिला मंडलों की सदस्याओं ने तपस्या पर गीतिका, नाटक व भजन इत्यादि गाकर तपस्वी अंजू मांडोत के तप की अनुमोदना संपन्न की।
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