_यह पांच कर्तव्य की पर्वाधिराज के 8 दिनों के दौरान अवश्य आराधना करनी चाहिए। पर्युषण महापर्व के प्रथम पांच कर्तव्य। आचार्य श्री यशोवर्मसूरि महाराजा ती र्थाधिराज है.. शत्रुंजय महातीर्थ। मंत्राधिराज है.. नवकार महामंत्र। पर्वाधिराज है.. पर्युषण महापर्व। देव भी देवलोक छोडकर नंदीश्वर द्वीप जाकर 8 दिन अष्टाह्निका महोत्सव करेंगे और परमात्मा की अपूर्व भक्ति करेंगे। प्रथम दिन के पांच कर्त्तव्यों को जाने व समझे।_ 1)पहला कर्तव्य - अमारि प्रवर्तन :- मतलब अहिंसा धर्म का पालन करना, इससे भी आगे.. कराना। राजा कुमारपाल.. अहिंसा चुस्त उपासकने अपने राज्य में कोई किसी को भी नही मार सकता.. जीव हिंसा नही कर सकता, अरे! ‘मारना’ शब्द भी कोई बोल नही सकता, ऐसा पूर्ण अहिंसा का-जीवदया का पालन 18 देशों मे कराया। तो क्या हम अपने देश में, गांव में या Society में अहिंसा का पालन नही करा सकते? अरे.. हमारा वर्तन तो अहिंसक बनाए, अपने घर में तो प्रवर्तन कराए।अपनी Factory में, व्यवसाय में भी हम प्रवर्तन कराए। शास्त्र में लिखा है, इन दिनों में पीसना, कुटना, धोना बंद करे। अभक्ष्य, अनंतकाय व रात्रिभोजन बंद करे। बिन छाना पानी
बोहत बोहत बधाई
जवाब देंहटाएंSanjay katkar ji ko hardik shubh kamnaye
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