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नवंबर, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मीरा-भायंदर मनपा स्कूलों के छात्र किताबों से वंचित

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स्कूल शुरू होकर छह महीने हुए दीपक आर.जैन भायंदर - मीरा-भायंदर महानगरपालिका वैसे अक्सर भ्रष्टाचार को लेकर चर्चा में रहती हैं. लेकिन अबकी बार तो मनपा प्रशासन ने हद कर दी. मनपा स्कूलों को खुले छह का समय हो गया लेकिन साढ़े सात हजार विद्द्यार्थी अब भी अपनी शैक्षणिक किताबों से वंचित हैं,क्यूंकि पुस्तकें खरीदने के लिए राशि जमा ही नहीं की गयी हैं. इससे उनके भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग गया हैं. मनपा स्कूलों में हिंदी,गुजराती,मराठी व उर्दु माध्यम में सात हजार से ज्यादा विद्द्यार्थी शिक्षा ले रहे हैं. इन विद्द्यार्थियों को मनपा की और से कॉपी,किताबें,बूट,यूनिफार्म,बेग आदि साहित्य निशुल्क दिया जाता हैं. इसके लिए बजट में हर साल डेढ़ करोड रुपये का प्रावधान हैं. स्कूल शुरू होते ही यह सामग्री देना अत्यंत जरूरी हैं. परंतु जून माह में स्कूल शुरू होने के बाद भी अब तक सामग्री छात्र छात्रों को नहीं मिली हैं. अथवा इसके लिए लगनेवाली राशि बैंक में जुमा नहीं की गयी हैं. ज्ञात हो पहले ही मनपा स्कूलों में विद्द्यार्थियों की संख्या दिनोंदिन काम होते जा रही हैं. कुछ समय पहले यह संख्या 9 हजार थी जो अब घटकर सात हजार

हड्डीयों व घुटनों का जांच शिविर

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 भायंदर-फेमेली केयर हॉस्पिटल व सामाजिक सांस्कृतिक संगठन युथ सोशल वेलफेयर एसोसिएशन (युथ फोरम) की और से हड्डियों व घुटनों (जॉइंट एंड नी रिप्लेसमेंट) की चार दिवसीय जांच शिविर का आयोजन किया गया हैं. हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. जगदीश भवानी व मार्केटिंग हेड शालिनी पाटीदार ने बताया की भायंदर (पूर्व),सेवेन स्क्वायर स्कूल के सामने हॉस्पिटल परिसर में 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक सुबह 11 से शाम 5 बजे तक जानेमाने विशेषज्ञ डॉ.निखिल अग्रवाल अपनी सेवाएं देंगे.साथ ही साथ किस तरह घुटनों का ध्यान रखा जाएं इस पर भी मार्गदर्शन करेंगे. शिविर में एम आय आर ,एक्सरे व सभी प्रकार के ब्लड टेस्ट पर 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. रजिस्ट्रशन अनिवार्य हैं. रजिस्ट्रेशन के लिए 7777000849 / 9136010909 पर संपर्क कर सकते हैं.ज्ञात हो 100 बेड वाले इस अस्पताल में सभी प्रकार के इलाज किये जाते हैं.

आचार्य श्री जयघोष सूरीश्वरजी म.सा.का निधन

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महापुरुष का महाप्रयाण   अहमदाबाद- जैन समाज मे शोक की लहर जिनशासन के सूर्य,प्रकांड विद्वद पुरुष,गीतार्थ शेखर श्री प्रेम-भुवनभानु समुदाय के वर्त्तमान  गच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य श्री जयघोष सूरीश्वरजी म.सा.का  मगसर वद 1, बुधवार,दिनांक 13 नवम्बर 2019 को अहमदाबाद में दोपहर को कालधर्म हो गया.वे पिचले कुछ दिनों से बीमार थे.जिनशासन के तेजस्वी तारे का अस्त होना सभी के लिए अतुलनीय क्षति हैं.उनके कार्यों को कुछ शब्दों में लिखना संभव नहीं. तपागच्छ प्रवर समिति के तपागच्छाधिपति आचार्य श्री मनोहरसागर सूरीश्वरजी म.सा.,गच्छाधिपति आचार्य श्री हेमचन्द्र सूरीश्वरजी म.सा,गच्छाधिपति आचार्य श्री अभयदेव सूरीश्वरजी म.सा., ., गच्छाधिपति आचार्य श्री दौलतसागरसूरीस्वरजी,गच्छाधिपति आचार्य धर्मधुरंधर सूरीस्वरजी म.सा.,गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय नित्यानंद सूरीस्वरजी म.सा.गच्छाधिपति नित्यसेन सूरीस्वरजी म.सा.,आचार्य कुलचंद्र सूरीस्वरजी (के.सी.)म.सा., आचार्य श्री पूर्णचन्द्र सूरीस्वरजी म.सा.सुखी परिवार प्रणेता श्री राजेन्द्रविजयजी म.सा.,मुनिराज श्री चारित्र रत्नविजयजी म.सा.,मुनिराज श्री वैभवरत्न विजयजी म.सा.सह

जिसके मन में नवकार ,उसे क्या करे संसार

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अखंड नवकार जाप का आयोजन  दीपक आर.जैन  भायंदर- आराधनाएं बहुत होती हैं, लेकिन नवकार आराधना में आत्मा और विश्व के कल्याण की भावना छुपी है .इसके माध्यम से हर आराधक की भावना होती है कि विश्व में शांति और अहिंसा का वास हो .नवकार के माध्यम से आत्मशक्ति को जागृत कर अहंकार से मुक्त हुआ जा सकता है.बुराईयों से बचाने में नवकार महामंत्र रामबाण है.   यह विचार परम पूज्य राष्ट्र संत आचार्य श्री अशोकसागर सूरीस्वरजी म.सा.के शिष्य रत्न पन्यास प्रवर श्री दिव्येशचंद्र सागरजी म.सा.ने विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही.उन्होंने कहा कि संपूर्ण  विश्व में जितने भी मंत्र हैं, उनमें नवकार महामंत्र सर्वश्रेष्ठ है.यह महामंत्र शाश्वत है .जीवन के विकारों का उन्मूलन इस महामंत्र से ही हो सकता है . यह महामंत्र जीवन में संशय के क्षणों में भटकाव से बचाता है .व्यक्ति को स्वयं के रुप में लाने की भी यह अचूक औषधि है.मानव दुनिया में सुख ढूंढता है,लेकिन नवकार महामंत्र का संदेश है कि सुख स्वयं में ही निहित है.  भायंदर (वेस्ट) स्थित श्री सीमंधर स्वामी जैन मंदिर में चातुर्मास हेतू बिराजमान पन्यास प्रवर ने कहा कि मंत्र

कला जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि करती हैं

लायंस व युथ फोरम का कार्यक्रम  भायंदर- कला अनेक तरीकों से जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाती हैं. यह हमारे व्यक्तिगत और शैक्षणिक सफलता दोनों को बेहतर बनती हैं. जो अपनी कला को निखारने के लिए प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं वे हर क्षेत्र में फिर बेहतर प्रदर्शन करते हैं.इससे हमारी लिखावट और शब्दभंडार कौशल में भी सुधर होता हैं.  उपरोक्त विचार लायंस डिस्ट्रिक्ट 3231-A3 व युथ फोरम द्वारा आयोजित इंटर स्कुल ड्राइंग कॉम्पिटिशन विजेताओं के पुरस्कार वितरण समारोह में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर लायन सीए सुनील पाटोदिया ने व्यक्त किये. उन्होंने कहा की आगे भी हम ऐसे कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करते रहेंगे. वाईस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर लायन दीपक चौधरी ने भी विचार व्यक्त किये. मुख्या अतिथि मुकेश के. मेहता व अतुल गोयल थे.अतिथि विशेष एंड. हरीश जैन ने कहा की जीवन में आगे बढ़ने के लिए अंग्रेजी आना जरूरी नहीं. विशेष अतिथि सोल के संस्थापक राधेश सिंघानिया ने भी बच्चों का मार्गदर्शन किया.    विशेष रूप आमंत्रित संतोष गोयल ने विद्द्यार्थियों को जीवन में आगे बढ़ने के टिप्स दिए. अपने विचारों से उन्होंने सभी का मन मोह लिया. फोरम के अ

कन्या का शीघ्र विवाह कराने के लिए सरल उपाय

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क्रांतिकारी संत पू.पारसमुनि म.सा.   ज न्मकुंडली में कई ऐसे योग होते हैं जिनकी वजह से किसी भी व्यक्ति फिर वो चाहे पुरुष हो या स्त्री अपने जीवन की सबसे बड़ी खुशी विवाह से वंचित रह जाते हैं....साथ ही कई बार ये रूकावट बाहरी बाधाओं या प्रारब्ध की वजह से भी आतीहैं. फिर चाहे लाख प्रयास करते जाओ उम्र लगातार बढ़ते जाती है पर एक तो रिश्ते आते नहीं हैं,और यदि आते भी हैं तो अस्वीकृति के अलावा और कुछ प्राप्त नहीं होता है. लोग लाख उपाय करते रहते हैं पर समस्या का समुचित निदान नहीं हो पाता है. परन्तु निम्न प्रयोग नाथ सिद्धों की अद्भुत देनहै समाज,को जिसके प्रयोग से कैसी भी विपरीत स्थिति की प्रतिकूलता अनुकूलता में परिवर्तित होती ही है और विवाह के लिए श्रेष्ट संबंधों की प्राप्ति होती ही है.  प्रयोग:- किसी भी शुभ दिवस पर मिटटी का एक नया कुल्हड़ लाएँ तथा उसमे एक लाल वस्त्र,सात काली मिर्च एवं सात ही नमक की साबुत कंकड़ी रख दें, हांडी का मुख लाल कपडे से बंद कर दें एवँ कुल्हड़ के बाहर कुमकुम की सात बिंदियाँ लगा दे फिर उसे सामने रख कर निम्न मंत्र की ५ माला जप करेँ । मन्त्र जप के पश्चात हांडी को चौरा

मिलन समारोह समय की आवश्यकता

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मौर्य फाउंडेशन का वार्षिकोत्सव संपन्न  मुंबई- व्हाट्सप्प और फेसबुक के आधुनिक युग मे समय समय पर मिलना बहुत ही जरूरी हैं.आज की युवा पीढ़ी को हमारे संस्कारों व परिवार से परिचय बढ़ाने हेतु यह सम्मेलन बहुत जरूरी हो गए है. युवा पीढ़ी को समाज से जोड़ना आज जटिल कार्य हैं. उपरोक्त विचार मौर्य फाउंडेशन के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व समाजसेवी राजनाथ मौर्य ने घोड़बंदर रोड स्थित वेलवेट होटल में आयोजित समारोह में व्यक्त किये.उन्होंने संस्था द्वारा किये जा रहे सेवा कार्यों की प्रशंसा की व कहा कि मौर्य समाज को एक मंच पर लाने का काम सराहनीय हैं.उपस्थित मेहमानों का स्वागत करते हुए फाउंडेशन के अध्यक्ष चन्द्रिकाराम मौर्य ने संस्था द्वारा किये जा रहे सेवा कार्यों की जानकारी दी व मिल रहे सहयोग के लिए संस्था पदाधिकारियों व सदस्यों का आभार व्यक्त किया.उन्होंने फाउंडेशन के कार्यों की जानकारी दी व भविष्य में होनेवाले कार्यों पर प्रकाश डाला व आशा व्यक्त की कि आगे भी इसी तरह सहयोग मिलता रहेगा.कार्यक्रम के संयोजक जगराम मौर्य थे व संचालन राधेश्याम मौर्य ने किया. वार्षिकोत्सव को सफल बनाने में  अजय मिश्र

रुका फंसा हुआ धन प्राप्ति के उपाय -पारसमुनि

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(लेखक गोंडल संप्रदाय के महामंत्र प्रभावक पू.जगदीशमुनि म.सा. के सुशिष्य हैं.)  धन का हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है| धन के अभाव में व्यक्ति शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरह से दरिद्र दिखने लगता है| अगर आपके जीवन में किसी भी तरह से धन की समस्या आ रही है तो आपको धैर्य के साथ अपने काम में मन लगना चाहिए और हमेशा सकारात्मक ऊर्जा से युक्त रहना चाहिए| इसके साथ ही अगर आप धन प्राप्ति के अचूक उपाय करते हैं तो आपकी सफलता सुनिश्चित हो जाती है| धन प्राप्ति के लिए घर के दरवाजे पर माँ लक्ष्मी के चरणों के चिन्ह लगायें. इस उपाय को करने से आपके घर में माँ लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहेगी. ये उपाय करने से सभी तरह की धन सम्बंधित बाधा दूर होंगी और आपको सम्रधि और सौभाग्य की प्राप्ति होगी| फंसा हुआ धन निकालने के कई तरीके हैं उनके से कुछ आसन से उपाय यहाँ दिए जा रहे हैं. अगर आप धैर्य और लगन से ये उपाय करेंगे तो आपको शीघ्र ही धन प्राप्ति हो जाएगी| फंसा हुआ धन निकालने के उपाय अगर आपका किसी व्यक्ति से अपना धन प्राप्त करना है, लेकिन वह आपको लगातार टालता जा रहा है तो डूबा हुआ धन वसूलने के टोटके

जन्म नक्षत्र के अनुसार रत्न और रुद्राक्ष

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पारसमुनि म.सा. [1] अश्विनी नक्षत्र * 👉🏿यदि आपका जन्म अश्विनी नक्षत्र में हुआ है तो आप मूंगा माणिक्य तथा लहसुनिया रत्न और एकमुखी तीनमुखी और नौमुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है ।* इनकी सहायता से स्वास्थ लाभ आत्मविश्वास में वृद्घि कार्यक्षेत्र में उन्नति जैसे फल प्राप्त होते है । [2] भरणी नक्षत्र * 👉🏿जिनका जन्म भरणी नक्षत्र में हुआ है तो आपको हीरा या ओपल एवं मूंगा रत्न धारण करना चाहिए ।* और तीनमुखी और छमुखी रुद्राक्ष धारण करना भी उत्तम होगा । इससे आत्मविश्वास और आर्थिक समृद्घि होती है । [3] कृत्तिका नक्षत्र * 👉🏿जिस जातक का जन्म कृत्तिका नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्म हो तो वह माणिक्य तथा मूंगा रत्न धारण कर सकता है ।* और एकमुखी एवं तीनमुखी रुद्राक्ष भी धारण करना उत्तम होगा । यदि जिसका जन्म वृषभ राशि और कृत्तिका के अंतिम चरण में हो तो वह माणिक्य के साथ हीरा या ओपल रत्न एवं एकमुखी रुद्राक्ष के साथ छमुखी रुद्राक्ष भी धारण करना चाहिए । इससे व्यक्ति की हर दिशा में उन्नति होती है । [4] रोहिणी नक्षत्र * 👉🏿रोहणी नक्षत्र में जन्म होने पर हीरा अथवा ओपल एवं मोती रत्न तथा दोमुखी

संबोधि ध्यान एवं योग शिविर 25 दिसंबर से

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  आध्यात्मिक शक्तियों के जागरण में सहायता मिलेगी जोधपुर- तन, मन और चेतना को पावरफुल बनाने के लिए सिखाए जाएंगे. कायलाना रोड स्थित प्रसिद्ध साधना तीर्थ संबोधि धाम में दिव्य शांति और आनंद की अनुभूति के लिए 25 से 31 दिसंबर 2019 तक  संबोधि ध्यान योग शिविर का आयोजन किया जा रहा हैं.   शिविर प्रभारी डॉ. शांति प्रिय  सागर ने बताया कि राष्ट्रसंत पूज्य श्री ललितप्रभ जी और राष्ट्र संत  श्री चंद्रप्रभ जी के  सानिध्य में आयोजित इस सात दिवसीय शिविर में गुरुदेव के मार्गदर्शन के साथ साथ  पावरफुल  मेडिटेशन और योग के प्रभावी प्रयोग करवाए जाएंगे. योग प्रभारी योगिता ने बताया कि यह शिविर अपने आप को चार्ज करने  के लिए वरदान स्वरुप है. शिविर में करवाए गए प्रयोगों से शारीरिक, स्वास्थ्य, मानसिक शांति, बौद्धिक विकास और आध्यात्मिक शक्तियों के जागरण में सहायता मिलेगी.गुस्सा,चिंता,अवसाद जैसे नकारात्मक तत्वों से  छुटकारा मिलेगा तथा व्यवहार और स्वभाव में सरलता और मधुरता का प्रस्फुटन  होगा.  धाम की और से जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस आवासीय शिविर में 18 वर्ष से ऊपर के सभी भाई-बहन भाग ले सकेंगे.पुरुषों को  श्वेत

बच्चो में व्यवहारिक शिक्षा के साथ धार्मिक ज्ञान भी जरूरी -नित्यसेनसूरी

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पिपलौदा मे दो दिवसीय ज्ञानोत्सव शिविर का शुभारंभ पिपलौदा  -वर्तमान समय में बच्चों को व्यावहारिक शिक्षा के साथ साथ धार्मिक शिक्षा भी उतनी ही जरूरी हैं. धार्मिक शिक्षा उनमे संस्कारों का सिंचन करेगा व अच्छे बुरे की पहचान कराएगा. आज के समय में संस्कारों व संस्कृति को बचाने के लिए धार्मिक ज्ञान जरूरी हैं. उपरोक्त विचार त्रिस्तुतिक संघनायक वर्तमान गच्छाधिपति श्री नित्यसेन सूरीश्वरजी म.सा.की निश्रा में चल रहे चातुर्मास अंतर्गत नगर के श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ धाम पर आयोजित दो दिवसीय ज्ञानोत्सव शिविर में व्यक्त किये. श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ धाम के प्रचार सचिव प्रफुल जैन ने बताया कि ज्ञानोत्सव शिविर में अ.भा.श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद द्वारा श्री यतीन्द्र जयंत ज्ञानपीठ के सहयोग से सम्यक ज्ञान अभिवृद्धि योजना के तहत सूत्र स्मरण (कंठस्थ) अभियान में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सेकड़ो बच्चों ने कंठस्थ सूत्र,स्तवन,धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.उन्होंने कहा की वर्तमान में संस्कृति व संस्कारों में कमी आयी हैं.इसका मुख्य कारण व्यसन ओर फैसन है. गुरुदेव ने कहा की इस गं