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कर्म निर्जरा का महापर्व हैं पर्युषण

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दादर में पर्व पर्युषण की धूम  मुंबई- मुंबई की हृदय स्थली दादर वेस्ट में श्री राज मरुधर जैन संघ में चातुर्मास हेतु बिराजमान  पंजाब केसरी आचार्य श्रीमद् विजय वल्लभ सूरि समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति  जैनाचार्य श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरीश्वर जी म०सा ने पर्यूषण महापर्व में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि चातुर्मास का सार पर्युषण महापर्व है, तो पर्यूषण का सार क्षमापना है.जैन धर्म में पर्युषण के 8 दिन तक आत्मा की शुद्धि तथा कर्मों की निर्जरा के लिए खूब तप जप आराधना तथा भक्ति की जानी चाहिए. दादर (वेस्ट),कबूतर खाना में श्री राज मरुधर जैन संघ के तत्वावधान में चल रहे चातुर्मास में धर्मसभा में कहा की पर्युषण के दौरान आराधना हेतु जैन श्रावको को अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखने चाहिए.पाप कर्मों से निवृत्त होकर धर्म परोपकार कार्यों में पूरी तरह जुट जाना चाहिए.उन्होंने बताया की देवलोक के अपार ऐश्वर्य में जीने वाले देवता भी नंदीश्वर द्वीप में जाकर शाश्वत चैत्यों में जिन भक्ति करते हैं.उस समय उनको देवलोक के दिव्य सुख भी घास के तिनके के समान तुच्छ प्रतीत होते हैं. नित्यानंदसूरी ने कहा की
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गुरु वल्लभ के विचारों से समाज का विकास होगा

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जैन धर्म घर घर पहुंचे गच्छाधिपति  श्री धर्मधुरंधर सूरीश्वरजी   दीपक आर जैन मुंबई- शेत्रुंजय तीर्थ समान व गुरु वल्लभ के समाधी स्थल ऐसे भायखला जैन मंदिर में चातुर्मास हेतु बिराजमान पंजाब केसरी आचार्य विजय वल्लभसूरिस्वरजी म.सा. समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति  परम पूज्य श्रुत भास्कर गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय  धर्मधुरंधर सूरीश्वरजी म.सा. के बारे में कुछ और पन्नों में लिखना बहुत कठिन कार्य हैं. कहते है की पूत के गुण पालने में ही पता चल जाते हैं और इसीलिए बचपन से ही धर्म के प्रति उनमे देखने को मिली और संस्कारों में पीला बड़े और खेलने कूदने के दिनों में जैन साधु के कठिन मार्ग को इन्होने चुना. किसी ने शायद कल्पना भी नहीं की होगी की आगे चलकर वे जिनशासन के उच्च पद यानि गच्छाधिपति बनेगे. पढ़ने में मग्न रहनेवाले श्री धर्मधुरंधरसूरीश्वरजी   म.सा. की गणना प्रथम पंकती के विद्वानों में होती हैं जो किसी भी विषय पर घंटों बोलकर समाज में परिवर्तन लाने की चाह रखते हैं. भारत की राजधानी मैं जन्मे  सांसारिक नाम सुनील था. एक दूसरे के गुणों को देखकर उसे आगे बढ़ाना आपकी खूबी हैं और यही वजह हैं की आपकी प्रेर

मनुष्य को अपने जीवनकाल में तप करना चाहिए

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दीपक आर.जैन  भायंदर -वाराणसी नगरी में आयोजित विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्र संत आचार्य अशोकसागर सूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य रत्न,प्रखर वक्ता पन्यास प्रवर श्री दिव्येशचंद्र सागर ने कहा की अपने जीवनकाल में तपस्या तो करनी ही चाहिए. इससे मनुष्य का शरीर भी स्वस्थ रहता हैं और आध्यत्म के प्रति रूचि बढ़ती हैं और जीवन सकारात्मक की और बढ़ता हैं. तप करना सरल हैं. श्री पार्श्व प्रेम श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ के तत्वावधान में गुरुदेव की निश्रा में श्री पार्श्वनाथ भगवान के 1008 अट्ठम तप के उपलक्ष में आयोजित विभिन्न महापुजनों के दौरान विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किये. आप जीवन में हर काम को कर सकते हो,पूजा करना सरल हैं.परंतु उन्होंने कहा तपस्या करना आसान नहीं होता.उन्होंने कहा की भरे पेट से संसार जगमगाता हुआ दिखता हैं. उन्होंने कहा घर में सबकुछ हो और उसे ना खाना वह तपस्या हैं. तीन दिवसीय संपूर्ण महोत्सव का  लाभ नरेंद्र लालचंद मेहता व महापौर डिंपल मेहता परिवार ने लिया था.  मानव को जीवन में जप, तप और जिनवाणी के लिए समय निकालना चाहिए.इसका महत्व समझना चाहिए.संतों व गुरूजनों की कृप

गुरु बिन ज्ञान नहीं

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धर्मधुरंधर सूरी ने किया विद्द्यार्थियों का मार्गदर्शन  दीपक आर.जैन  मुंबई- जीवन के हर पग पर गुरु का महत्व होता हैं. युग कोई भी रहा हो,गुरु का सम्मान हमेशा बना रहा हैं. संत कबीरदास भी गुरु को गोविन्द से महँ बताकर उसकी महिमा बता चुके हैं,हर युग में गुरु पूजनीय रहे हैं फिर वह कोई भी युग रहा हों.सदियों से चली आ रही गुरु पूजन की परंपरा आज भी कायम हैं और यह आगे भी चलती रहेगी. उपरोक्त विचार पंजाब केसरी परम पूज्य आचार्य विजय वल्लभ सूरीस्वरजी म.सा. समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय धर्मधुरंधर सूरीश्वरजी म.सा. ने व्यक्त किये.   सेंट मेरी हाई स्कूल मझगांव में विद्द्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने विद्द्यार्थियों को गुरु शिष्य के व्यव्हार के बारे में विस्तार से समझाया. उन्होंने कहा की उनके आनंद की भी सीमा नहीं क्यूंकि उन्हें अपने गुरु की समाधी भूमि पर चातुर्मास का अनमोल अवसर प्राप्त हुआ.उन्होंने विद्द्यार्थियों के सवालों का जवाब देकर कहा की जीवन में आगे बढ़ने के किये गुरु का हमेशा सम्मान करे. गुरु आपको जीवन में आगे बढ़ने के लिए सच्चा  दिखाएंगे.विद्यालय के प्रिंसिपल श्री जुड़

देशभर मे प्रमुख जैन संतो के चातुर्मास शुरु

दीपक आर.जैन मुंबई-विभिन्न जैन समुदायो.के प्रमुख गच्छाधिपति व आचार्य भगवंतों के चातुर्मास देश के विभिन्न शहरों में हर्षोल्लास के साथ चल रहे हैं. शांति वल्लभ टाइम्स के दीपक आर जैन ने बताया की गुरु भगवंतों के चातुर्मास इस प्रकार हैं. गच्छाधिपति आचार्य श्री जयघोषसूरीस्वरजी म.सा. अमदाबाद,गच्छाधिपति आचार्य श्री मनोहरकिर्तीसागर सूरीस्वरजी म.सा.अहमदाबाद,गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय नित्यानंद सूरीस्वरजी म.सा. मुंबई, गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय धर्मधुरंधर सूरीस्वरजी म.सा. भायखला-मुंबई,गच्छाधिपति आचार्य श्री हेमप्रभ सूरीस्वरजी म.सा. सूरत,गच्छाधिपति आचार्य श्री दौलतसागर सूरीस्वरजी म.सा. अहमदाबाद,गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय अभयदेव सूरीश्वरजी म.सा.,समुदाय वडील आचार्य श्री यशोभद्र सूरीश्वरजी म.सा. (डहेलवाला) कुंवाला -गुजरात, गच्छाधिपति आचार्य श्री प्रदुमन सूरीस्वरजी म.सा. (भाई महाराज) गिरनार तीर्थ-(गुजरात),गच्छाधिपति आचार्य श्री पुण्यपाल सूरीस्वरजी म.सा. कोल्हापुर,आचार्य श्री पद्मसागर सूरीस्वरजी म.सा. अहमदाबाद,आचार्य श्री कुलचंद्र सूरीस्वरजी (के.सी.)म.सा.शंखेश्वर (गुजरात),गच्छाधिपति आचार्य श्री नि

जैनों के लिए महापर्व है पर्युषण

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दीपक आर.जैन  भायंदर- भारत वैसे तो अनेकोनेक पर्व हैं इनमे कुछ ऐसे पर्व हैं जो भौतिकता की और आकर्षित करते हैं तो कुछ पर्व आत्म साधना और त्याग से जुड़े हुए है.ऐसा ही पर्व है पर्युषण महापर्व जिसका शुभारंभ सोमवार 26 अगस्त से हो रहा हैं.पूरे विश्व के लिए यह  एक उत्तम और उत्कृष्ट पर्व है, क्योंकि इसमें आत्मा की उपासना की जाती है.संपूर्ण संसार में यही एक ऐसा उत्सव या पर्व है जिसमें आराधक आत्मरत होकर धर्म आराधना करते हुए   अलौकिक, आध्यात्मिक आनंद के शिखर पर आरोहण करता हुआ मोक्षगामी होने का प्रयास करता है. उपरोक्त विचार राष्ट्र संत आचार्य अशोकसागर सूरीश्वरजी म.सा.के शिष्य रत्न,प्रखर वक्ता पन्यास प्रवर श्री दिव्येशचंद्र सागर  म.सा. ने पर्व पर्युषण प्रारम्भ होने के उपलक्ष में कही.श्री पार्श्व प्रेम श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ के तत्वावधान में सफलतम चातुर्मास चल रहा हैं. पन्यास प्रवर ने कहा कि  संपूर्ण  जैन समाज के लिए यह महापर्व हैं.जैन धर्म में इसका सर्वाधिक महत्त्व हैं. संपूर्ण जैन समाज आठ दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में लगभग हर जैन व्यक्ति  जागृत एवं साधनारत हो  जाता है.   पर्युषण म

अहिंसा और शांति का संदेश दुनिया के कोने कोने तक पहुंचाए

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मीरा-भायंदर में पर्व पर्युषण की जोरदार तैयारियां     भायंदर- श्री भटेवा पार्श्वनाथ जैन संघ में चातुर्मास हेतू बिराजमान  त्रिस्तुतिक  समुदाय के गच्छाधिपति आचार्य श्री रविंद्र सूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य रत्न वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य श्री ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी म.सा के आज्ञानुवर्ती हिंसा गो क्रांति मंच के संस्थापक क्रन्तिकारी मुनि श्री नीलेशमुनि ने  पर्व पर्युषण शुरू होने के पूर्व कहा की आज पुरे विश्व को अहिंसा की सबसे ज्यादा जरुरत हैं .पर्युषण महापर्व अहिंसा,मैत्री और शमा का पर्व हैं. इस पर्व में आराधक भक्ति भाव से जुड़कर परम सुख की प्राप्ति करता हैं.अहिंसा और मैत्री से ही शांति मिल सकती हैं.आज जो हिंसा,आतंक,आपसी द्वेष,नक्सलवाद,भ्रस्टाचार जैसी ज्वलंत समस्याएं आज पुरे विश्व के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं. इन समस्याओं का समाधान पर्युषण पर्व एक प्रेरणा है,पथ है,मार्गदर्शन हैं तथा अहिंसक जीवन शैली का प्रयोग हैं.उन्होंने कहा की आज की भौतिकता की चकाचोंध व भागती जिंदगी की अंधी दौड़ में इस महापर्व की प्रासंगिकता को बनाये रखना बहुत जरूरी हैं. इसके लिए समाज संवेदनशील बने तथा युवा पीढ़ी किस तरह इसके मह

महावीर पर केवल जैनों का अधिकार नहीं है-

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महावीर के विचारों से विश्व शांति संभव - नीलेश मुनि भायंदर-त्रिस्तुतिक समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य श्री ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती, अहिंसा जो क्रांति मंच के संस्थापक क्रन्तिकारी मुनि श्री नीलेश मुनि ने कहा कि महावीर पर केवल जैनों का अधिकार नहीं है वे अखिल मानवता के भगवान हैं. महावीर का म हमें महान बनने, ह हिम्मत न हारने, व वचन निभाने और द दया दिखाने की प्रेरणा देता है. व्यक्ति दिये गए वचन को राम की तरह व लिए हुए संकल्प को महावीर की तरह न िभाने का संकल्प ले ताकि दुनिया उसके जाने के बाद भी उसका नाम गर्व महसूस करे. उन्होंने कहा कि हम महावीर प्रभु के खूब मंदिर बनाएँ,पर साथ ही साथ अपने धन का उपयोग गरीबों को ऊपर उठाने में उपयोग करेंगे तो इससे महावीर स्वामी को ज्यादा खुशी मिलेगी.महावीर की सच्ची पूजा तभी होगी जब हम उनके अहिंसा के स्तंभ बनाने की बजाय जीवन को अहिंसामय बनाएंगे. भायंदर (वेस्ट)स्थित श्री भटेवा पार्श्वनाथ जैन मंदिर में चातुर्मास हेतू बिराजमान नीलेश मुनि ने कहा की हिंसक कृत्यों का और हिंसा से निर्मित वस्तुओं का त्याग करना भगवान महावीर की दृष्टि

बाढ़ पीड़ितों को लायंस ने दी 20 लाख की सहायता सामग्री

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मुंबई- द इंटरनेशनल लायंस के सहयोग से लायंस डिस्ट्रिक्ट 3231 -A 3 ठाणे जिला के कई ग्रामीण भागों में प्रभावित बाढ़ पीड़ितों को 20 लाख की राहत सामग्री उपलब्ध करवाएगा जिसके प्रथम चरण की शुरुवात विरार के पास स्थित आगाशी गांव से हुई. ज्ञात हो पिछले दिनों हुई बारिश में पालघर जिला के कई इलाके प्रभावित हुए थे. इसी को ध्यान में रखते हुए लायन डिस्ट्रिक्ट 3231-A 3 ने सहयोग का हाथ बढ़ाया. डिस्ट्रिक्ट गवर्नर लायन डॉ अजीत जैन ने बताया की ठाणे व पालघर जिला के लगभग 1500 परिवारों को राहत सामग्री प्रदान की गयी. जिसमे अनाज के अलावा रोजमर्रा के जरुरत की चीजें हैं. प्रथम चरण में अगाशी,नालासोपारा,वसई व नायगांव में जरूरतमंद परिवारों को सामग्री वितरित की गयी. उन्होंने बताया की मेडिकल कैंप निरंतर चल रहे हैं. इस कार्य में लायंस इंटरनेशनल के अलावा डिस्ट्रिक्ट के 45 क्लब्स का भी सहयोग मिला हैं. लगभग 20 लाख की सामग्री वितरित की जाएगी. सेवा का द्रितीय चरण पालघर जिला के वैतरणा,वाड़ा आदि गांवों में मदद कार्य किया गया. इस अवसर पर वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डॉ ख्वाजा मुदस्सिर,सेक्रेटरी हरीश खंडेलवाल,अर्चना पाटोदिया सहित ड

नीलेशमुनि की निश्रा में धर्म आराधना

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भायंदर- त्रिस्तुतिक समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य श्री ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती अहिंसा गो क्रांति मंच के संस्थापक प्रख्यात गो रक्षक श्री नीलेश मुनि का चातुर्मास हर्षोल्लास के साथ भायंदर (वेस्ट) में चल रहा हैं. उनकी निश्रा में अनेक आयोजन हो रहे हैं. श्री भटेवा पार्श्वनाथ जैन संघ में आयोजित प्रवचनों में लोग बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं. अपने प्रवचनों में जीवदया पर प्रकाश दाल रहे है. उन्होंने कहा की हिंसा पर विजय अहिंसा से ही संभव हैं. नीलेश मुनि ने विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा की आज के वर्तमान को वर्धमान की आवश्यकता हैं. बकरी ईद पर उन्होंने जीवों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में बचाने की अपील जीवदया प्रेमियों से की हैं. उनकी निश्रा में हाल ही में नौ लाख नवकार मंत्र जाप का आयोजन विधायक नरेंद्र मेहता परिवार द्वारा किया गया था. इस कार्यक्रम में आचार्य दक्षसूरिस्वरजी म.सा. के शिष्य प्रभाकरसूरीस्वरजी म.सा. ने भी निश्रा प्रदान की थी. उनके मार्गदर्शन में हाल ही में महाराष्ट्र से हैदराबाद जा रही गायों को बचाया  था. चातुर्मास आराधना के दौरान अनेक सामा

भायखला गुरु वल्लभ समाधि भूमि पर धर्म आराधना की धूम

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धर्मधुरंधर सूरीश्वरजी म.सा. का चातुर्मास  दीपक आर.जैन  मुंबई- पंजाब केसरी परम पूज्य आचार्य श्री विजय वल्लभ सूरीश्वरजी म.सा. समुदाय के श्रीआत्म-वल्लभ-समुद्र-इंद्रदिन्न-रत्नाकर सूरी म सा के क्रमिक पट्टधर वर्तमान गच्छाधिपति श्रुतभास्कर आचार्य श्री विजय धर्मधुरंधर सूरीश्वरजी म.सा. आदि ठाणा का गुरु वल्लभ समाधि भूमि  भायखला के दरबार मे भव्य शानदार ऐतिहासिक मंगल चातुर्मास प्रवेश  आराधना के साथ धर्म आराधना की धूम मची हैं. अनेक आयोजनों में लोग उत्साह से भाग ले रहे हैं.  शेठ मोतिशा रिलिजियस एन्ड चेरीटेबल ट्रस्ट के तत्वाधान में गच्छाधिपति के साथ पूज्य उपाध्याय श्री योगेन्द्र विजययजी म सा , गणी श्री धर्मरत्न विजययजी म सा,तपस्वी ऋषभचंद्र विजयजी,सेवाभावी धर्मकीर्ति विजयजी,धर्मबोधि विजयजी,बालमुनि धर्मरश्मि विजयजी,मुनिराज महाभाद्रविजयजी म.सा.आदि ठाणा एवं दीर्घसंयमी प्रवर्तिनी साध्वी श्री चितरंजन श्रीजी म.सा. की शिष्या साध्वी श्री निपुणा श्री जी म सा , साध्वी श्री नीतिपूर्णा श्री जी, साध्वी सोम्ययशा श्री जी,साध्वी पीयूषकला श्री जी,साध्वी ऋजुपुर्णा श्री जी,साध्वी रिद्धिपूर्णा श्री जी, परम पूज्य सा