महावीर के मंदिर बनाएँ, पर उनकी मानवता को पहले अपनाएँ - राष्ट्र-संत ललितप्रभ
महावीर के विचारों से विश्व शांति संभव
कहा भायंदर-(दीपक आर जैन ) त्रिस्तुतिक समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य श्री ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती, अहिंसा जो क्रांति मंच के संस्थापक क्रन्तिकारी मुनि श्री नीलेश मुनि ने कहा की कि महावीर पर केवल जैनों का अधिकार नहीं है वे अखिल मानवता के भगवान हैं. महावीर का म हमें महान बनने, ह हिम्मत न हारने, व वचन निभाने और द दया दिखाने की प्रेरणा देता है. व्यक्ति दिये गए वचन को राम की तरह व लिए हुए संकल्प को महावीर की तरह निभाने का संकल्प ले ताकि दुनिया उसके जाने के बाद भी उसका नाम गर्व महसूस करे. उन्होंने कहा कि हम महावीर प्रभु के खूब मंदिर बनाएँ,पर साथ ही साथ अपने धन का उपयोग गरीबों को ऊपर उठाने में उपयोग करेंगे तो इससे महावीर स्वामी को ज्यादा खुशी मिलेगी.महावीर की सच्ची पूजा तभी होगी जब हम उनके अहिंसा के स्तंभ बनाने की बजाय जीवन को अहिंसामय बनाएंगे.
भायंदर (वेस्ट)स्थित श्री भटेवा पार्श्वनाथ जैन मंदिर में चातुर्मास हेतू बिराजमान नीलेश मुनि ने कहा की हिंसक कृत्यों का और हिंसा से निर्मित वस्तुओं का त्याग करना भगवान महावीर की दृष्टि में सर्वश्रेष्ठ है.मांसाहार करने वाले, चमड़े से बनी वस्तुओं को उपयोग करने वाले, चलते जीवों की अकारण हिंसा करने वाले और दूसरों को दुख पहुँचाने वाले न केवल महावीर की अहिंसा के बल्कि पूरी इंसानियत के दुश्मन हैं. उन्होंने कहा कि महावीर का एक ही संदेश है अहिंसा और सबसे प्रेम. अहिंसा से विश्व में शांति आएगी और प्रेम से धरती समृद्ध होगी. उन्होंने कहा कि इस पर्व पर हम सब संकल्प लेें कि कभी किसी का दिल नहीं दुखाएँगे, अगर भूल से ऐसा हो गया तो उससे तुरंत माफी मांग लेंगे, जीवन-मृत्यु का प्रश्न आने पर भले ही झूठ बोल देंगे, पर व्यावहारिक जीवन में सत्य और प्रिय भाषा का ही उपयोग करेंगे, पराए धन और पराई औरत पर बुरी नजर नहीं डालेंगे,दुव्र्यसनों का सेवन कभी नहीं करेंगे, प्रतिवर्ष कमाई का एक हिस्सा धर्म में, अहिंसा के विस्तार में और मानवता के नाम जरूर खर्च करेंगे और साल में कम-से-कम एक व्यक्ति को दुव्यर्सन और मांसाहार का त्याग करवाएँगे. अगर हम इनसे से एक भी संकल्प लेते हैं तो मानकर चलिए भगवान महावीर के आशीर्वाद हम पर सदा बरसते रहेंगे.उन्होंने कहा की चातुर्मास के दौरान विशाल संत सम्मलेन करने की योजना गोरक्षा,विश्व शांति सहित विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा हो.
कहा भायंदर-(दीपक आर जैन ) त्रिस्तुतिक समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य श्री ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती, अहिंसा जो क्रांति मंच के संस्थापक क्रन्तिकारी मुनि श्री नीलेश मुनि ने कहा की कि महावीर पर केवल जैनों का अधिकार नहीं है वे अखिल मानवता के भगवान हैं. महावीर का म हमें महान बनने, ह हिम्मत न हारने, व वचन निभाने और द दया दिखाने की प्रेरणा देता है. व्यक्ति दिये गए वचन को राम की तरह व लिए हुए संकल्प को महावीर की तरह निभाने का संकल्प ले ताकि दुनिया उसके जाने के बाद भी उसका नाम गर्व महसूस करे. उन्होंने कहा कि हम महावीर प्रभु के खूब मंदिर बनाएँ,पर साथ ही साथ अपने धन का उपयोग गरीबों को ऊपर उठाने में उपयोग करेंगे तो इससे महावीर स्वामी को ज्यादा खुशी मिलेगी.महावीर की सच्ची पूजा तभी होगी जब हम उनके अहिंसा के स्तंभ बनाने की बजाय जीवन को अहिंसामय बनाएंगे.
भायंदर (वेस्ट)स्थित श्री भटेवा पार्श्वनाथ जैन मंदिर में चातुर्मास हेतू बिराजमान नीलेश मुनि ने कहा की हिंसक कृत्यों का और हिंसा से निर्मित वस्तुओं का त्याग करना भगवान महावीर की दृष्टि में सर्वश्रेष्ठ है.मांसाहार करने वाले, चमड़े से बनी वस्तुओं को उपयोग करने वाले, चलते जीवों की अकारण हिंसा करने वाले और दूसरों को दुख पहुँचाने वाले न केवल महावीर की अहिंसा के बल्कि पूरी इंसानियत के दुश्मन हैं. उन्होंने कहा कि महावीर का एक ही संदेश है अहिंसा और सबसे प्रेम. अहिंसा से विश्व में शांति आएगी और प्रेम से धरती समृद्ध होगी. उन्होंने कहा कि इस पर्व पर हम सब संकल्प लेें कि कभी किसी का दिल नहीं दुखाएँगे, अगर भूल से ऐसा हो गया तो उससे तुरंत माफी मांग लेंगे, जीवन-मृत्यु का प्रश्न आने पर भले ही झूठ बोल देंगे, पर व्यावहारिक जीवन में सत्य और प्रिय भाषा का ही उपयोग करेंगे, पराए धन और पराई औरत पर बुरी नजर नहीं डालेंगे,दुव्र्यसनों का सेवन कभी नहीं करेंगे, प्रतिवर्ष कमाई का एक हिस्सा धर्म में, अहिंसा के विस्तार में और मानवता के नाम जरूर खर्च करेंगे और साल में कम-से-कम एक व्यक्ति को दुव्यर्सन और मांसाहार का त्याग करवाएँगे. अगर हम इनसे से एक भी संकल्प लेते हैं तो मानकर चलिए भगवान महावीर के आशीर्वाद हम पर सदा बरसते रहेंगे.उन्होंने कहा की चातुर्मास के दौरान विशाल संत सम्मलेन करने की योजना गोरक्षा,विश्व शांति सहित विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा हो.
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