सोच रुक गयी तो सब रुक जायेगा-कविता विजय सिंह /प्रिंसिपल राम रत्ना विद्धा मंदिर
सोच रुक गयी तो सब रुक जायेगा-कविता विजय सिंह /प्रिंसिपल राम रत्ना विद्धा मंदिर दीपक आर जैन मुंबई की प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाओं में से एक राम रत्ना विद्धा मंदिर का प्रिंसिपल होना बड़े गौरव की बात हैं और इसी पद पर अपना दायित्व बड़ी ही सफलता से निभा रही कविता विजय सिंह कहती हैं आज शिक्षित व्यक्ति दुनिया में सफलता की बुलंदियों को चु सकता हैं. शिक्षा तो हर जगह अच्छी मिलती हैं औए शिक्षस्क शिक्षिकायें अपने दायित्व का बहुत ही अच्छे से निर्वाह करते हैं. सामनेवाले पर हैं की वो किस तरह ग्रहण करता हैं. उत्तरप्रदेश के मिर्ज़ापुर की रहनेवाली कविताजी मुंबई में पाली बड़ी जो आज अपनी सफलता का श्रेय पितारामधारी सिंह और पति विजय सिंह को देती हैं. वे कहती हैं की उनके पिता की बदौलत आज वे इस मुक्काम पर हैं जिन्होंने लड़को की तरह हमें जीवन जीने दिया और हर वो आजादी दी जिसकी हम हकदार थे. फिर चाहे पढाई हो या जीवन में आगे बड़ने के लिए कोई कार्य. बीएससी,बीएड,एमएससी के बाद भी रुच हमेशा बच्चो को पढ़ाने के प्रति ही थी और शुरुवात हुई डोंबिवली के स्कूल से लेकिन जल्द ही दक्षिण मुंबई के कब्बुबाई स्कूल में मौका मिला.