प्रवासी राजस्थानी युवा पीढ़ी को राजस्थानी कला एवं संस्कृति से जोड़ने के प्रयास

मारवाड़ी इंटरनेशनल फेडरेशन की पहल :

 प्रवासी राजस्थानियों की संस्था एवं पैलेस ऑन व्हील के बीच एम ओ यू 


जयपुर :-
मारवाड़ी इंटरनेशनल फेडरेशन के संस्थापक महासचिव सीए विजय गर्ग ने बताया कि, देश-विदेश में रह रहे प्रवासी राजस्थानियों को एवं उनकी युवा पीढ़ी को राजस्थान की कला एवं संस्कृति के साथ-साथ राजा महाराजाओं के जीवन के रॉयल हेरिटेज लुक को और अधिक नजदीक से महसूस कराने के लिए पैलेस ऑन व्हील जो देश की सबसे लग्जरी ट्रेन के रूप में जानी जाती है के बीच एवं फेडरेशन के बीच समझौता हुआ, जिसके तहत पैलेस ऑन व्हील में प्रवासी राजस्थानीयो को राजस्थान घूमने के लिए पैलेस ऑन व्हील के द्वारा विशेष छूट 40% डिस्काउंट तक दिया जाएगा, देश-विदेश में रह रहे प्रवासी राजस्थानी की युवा पीढ़ी राजस्थान को और अधिक नजदीक से महसूस कर सके।

आज पैलेस ऑन व्हील को संचालित करने वाली कंपनी के संस्थापक निदेशक भगत सिंह लोहागढ़ एवं मारवाड़ी इंटरनेशनल फेडरेशन के संस्थापक महासचिव के बीच एक एमओयू हुआ, एमओयू के तहत प्रवासी राजस्थानियों को पैलेस ऑन व्हील में विशेष छूट प्रदान की जाएगी। यह एमओयू जयपुर रेलवे स्टेशन स्थित पेट लाइन जहां पैलेस ऑन व्हील की पार्किंग रहती है वहां किया गया एवं इस कार्यक्रम के दौरान संस्था के पदाधिकारी एवं बाहर से आए हुए प्रवासी राजस्थानियों को पैलेस ऑन व्हील की विजिट कराई गई एवं उसके रॉयल लुक एवं विभिन्न केबिन और साइंस पैलेस ऑन व्हील की संपूर्ण ट्रैवल से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई गई 

यह ट्रेन दिल्ली से चलकर वापस 8 बाद दिल्ली पहुंचती है एवं इस बीच राजस्थान के विभिन्न शहर एवं उनके विशेष स्मारकों का अवलोकन कराकर राजस्थान के रॉयल एवं हेरिटेज लुक के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जाती है| 

पैलेस ऑन व्हील के मुख्य वित्त अधिकारी संजय निश्चल ने बताया कि , पैलेस ऑन व्हील के माध्यम से राजस्थान की रॉयल हेरिटेज को नजदीक से महसूस करने का प्रयास किया जाता है,जिसमें राजस्थान के जयपुर (पिंक सिटी) , सवाई माधोपुर रणथंभौर टाइगर रिजर्व, चितौड़गढ़ फोर्ट, उदयपुर लेक सिटी, जैसलमेर की गोल्डन सिटी, जोधपुर की ब्लू सिटी, भरतपुर के कैला देवी नेशनल पार्क का विजिट कराया जाता है|इसके तहत पैलेस ऑन व्हील में सफर करने वाले यात्रियों को राजा महाराजाओं एवं राजस्थान के रॉयल फैमिली की तरह ट्रीट किया जाता है एवं उनके ठहरने एवं खाने-पीने की व्यवस्था ट्रेन के अंदर ही की जाती है। सैलानी एवं प्रवासी राजस्थानी राजस्थान को और अधिक नजदीक से महसूस कर सके एवं राजस्थान की कला एवं संस्कृति के बारे में और अधिक जानकारी ले सके, इसके लिए विभिन्न शहरों में केंद्र राज्य सरकार के रजिस्टर्ड गाइड के द्वारा उन शहरों, किलो एवं महलों के साथ-साथ स्थान की महत्वता एवं प्रदेश की कला संस्कृति के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे प्रवासी राजस्थानियों की युवा पीढ़ी को राजस्थान का हेरिटेज एवं रॉयल संस्कृति के साथ-साथ राजस्थान को और अधिक नजदीक से महसूस करने का अवसर मिल सके।

इस अवसर पर भगत सिंह लोहागढ़ ने बताया कि, पैलेस ऑन व्हील्स सिर्फ़ एक लग्जरी ट्रेन नहीं है,यह भारत की सबसे महंगी ट्रेन है, जो वैभव और राजसीपन का अनुभव कराती है । यह प्रतिष्ठित ट्रेन राजस्थान के सबसे खूबसूरत और ऐतिहासिक स्थलों की शानदार यात्रा पर ले जाती है, साथ ही आपको विश्व स्तरीय सुविधाएँ भी प्रदान करती है। इसको भारतीय रेल द्वारा राजस्थान राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाया गया हैं। इस गाड़ी में १४ कोच होते हैं। प्रत्येक का नाम भारत के पूर्व रजवाड़ों पर रखा गया है और यह उनकी शैली से प्रभावित भी है। इनके नाम हैं अलवर, भरतपुर, बीकानेर, बूंदी, धौलपुर, डूंगरगढ़, जैसलमेर, जयपुर, झालावाड़, जोधपुर, किशनगढ़, कोटा, सिरोही एवं उदयपुर।प्रत्येक कोच में चार केबिन हैं (जिन्हें कंपनी द्वारा सैलून या चैम्बर कहा गया है) जो विलासिता की सुविधाओं से परिपूर्ण हैं। गाड़ी में दो रेस्तरां भी हैं: द महाराजा एवं द महारानी, जिनमें राजस्थानी परिवेश मिलता है किन्तु भोजन सूची में भारतीय के साथ साथ यूरोपीय, चीनी, एवं कॉण्टिनेण्टल खानपान भी उपलब्ध हैं। इनके अलावा अब गाड़ी में स्पा, पार्लर और जिम जैसी आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध हैं|

इस एम ओ यू के दौरान संस्था संस्था के पदाधिकारी एवं प्रवासी राजस्थानी में मुख्य रूप से आशीष शर्मा, रितु शर्मा ,रुचि गुप्ता, अंजलि गाड़ियां, मीनाक्षी सैनी, नरेंद्र मूलचंदानी, अशोक जलन, मानस गर्ग, नमन, महेश देवड़ा, हरीश अग्रवाल , रजनीश चौधरी, कमल छाबड़ा, योगेश बंसल, गोपाल गुप्ता, दिनेश जैन, संजय शारदा,अजय अग्रवाल एवं रितेश अग्रवाल भी उपस्थित थे।



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