नाकोड़ा भैरव की प्रतिष्ठा व उपाश्रय के मुख्य द्वार का उद्घाटन

श्री चिंतामणि जैन संघ वागोल का कार्यक्रम


वागोल :-
श्री चिंतामणी पार्श्वनाथाय,श्री नाकोडा भैरव देव्, श्री दर्शनसागर सूरीश्वरजी म.सा.के आशीर्वाद से व कोठारी परिवार के परम उपकारी गुरुवर्य दादा गुरुदेव गच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य श्री दर्शन सागर सूरीश्वरजी म.सा.,संगठनप्रेमी परम पूज्य आचार्य श्री नित्योदय सागर सूरीश्वरजी म.सा.राष्ट्रसंत परम पूज्य आचार्य श्री चंद्रानन सागर सूरीश्वरजी म.सा.,पंन्यास प्रवर श्री दिव्यानंद सागरजी म.सा.,विदुषी साध्वी श्री कल्पिता श्रीजी म.सा.,विदुषी साध्वी श्री चारुता श्रीजी म.सा.(बेन म.सा.) के प्रेरणा से नाकोड़ा भैरव की प्रतिष्ठा व उपाश्रय के मुख्य द्वार का उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया हैं।

श्री चिंतामणि जैन संघ वागोल,के तत्वावधान में 31 जनवरी को सुबह 9 बजे उद्घाटन व प्रतिष्ठा कार्यक्रम कोंकण केसरी आचार्य श्री चिदानंद सूरीश्वरजी म. सा.,सेवाभावी मुनिराज लक्ष्मीचंद्र विजयजी म. सा.,मुनिराज विद्यानंद विजयजी म. सा.आदि ठाणा की निश्रा में बागोल की धन्यधरा पर होगा।इसका संपूर्ण लाभ कमलाबाई बालचंदजी कोठारी परिवार को मिला है।कोठारी परिवार ने  इस अनुपम अवसर पर पधारने हेतु सकल संघ को आमंत्रित किया है। प्रतिष्ठा महोत्सव मे श्री नाकोडा भैरवदेव की प्रतिमा भराने का, कुंभ स्थापना व स्वामी वात्सल्य का लाभ कोठारी परिवार ने लिया है।



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