पालीताणा तीर्थ के भव्य छरि पालित संघ का आयोजन

पालीताणा तीर्थ के भव्य छरि पालित संघ का आयोजन

गच्छाधिपति नित्यानंद सूरीश्वरजी की होगी निश्रा


इरोड :-
जिसके कण-कण की पवित्रता सूरि के किसी भी क्षेत्र में नहीं पाई जा सकती... जिनके जैसी तास्कता अन्य किसी तीथों में नहीं पाई जा सकती... जिसकी सानिध्यता से अनंत आत्माओंने स्वयं की स्वरुपदशा को प्राप्त किया है. ऐसा पावनपाम-शाश्रतपाम है: श्री सिद्धगिरिराज! जिसका नामरटण-भावस्मरण जीवों के अनंत कर्मशय का श्रेष्ठ आलंबन है। इस पावन तीर्थ का महिमागान साक्षात् विहरमान जिन श्री सीमंधर प्रभु से सुनकर कई देव-देवेन्द्र भी वर्तमान समय में इस तीर्थ की उपासना करते हैं ऐसी तपोभूमि के छरि पालित संघ का भव्य आयोजन पंजाब केसरी आचार्य श्री विजय वल्लभ सूरीश्वरजी म.सा.समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी महाराजा की निश्रा में आयोजित किया गया हैं।

सादड़ी (राणकपुर) निवासी मीनाबाई विनोदकुमार करबावाला परिवार आयोजित करबावला संघोत्सव नवागाम से 20 नवंबर 2024 को मंगल प्रस्थान कर यह यश्स्वी संघ यात्रा 24 नवंबर को पालीताणा में नगर प्रवेश करेगी कि 25 नवंबर के पावन दिन श्री शेत्रुंजय गिरिराज की यात्रा के बाद दादा के दरबार में संघमाला संपन्न होगी।इस संघोत्सव मे गुरुदेव के अलावा आचार्य श्री जयानंद सूरीश्वरजी म.सा.,तत्त्वचिंतक, गोडवाड़ केसरी, प्रखर प्रवचनकार परम पूज्य आचार्य श्री विजय चिदानंद सूरीश्वरजी म.सा.,सरल स्वभावी पंन्यास प्रवर श्री धर्मशील विजयजी म.सा.सुकृत प्रवीण गणिवर्य श्री जयकीर्ति विजयजी म.सा. सेवाशील मुनिराज श्री लक्ष्मीचंद्र विजयजी म.सा., तपस्वी मुनिराज श्री दिव्यरत्न विजयजी म.सा. मुनिराज व कार्यदक्ष श्री मोक्षानंदजी म.सा.आदि ठाणा व विशाल संख्या में साध्वीजी भगवंत निश्रा प्रदान करेगी।

विनोद करबावाला ने इस अवसर पर कहा कि 'करबावाला संघोत्सव' हमारे जीवन के स्वर्णिम व ऐतिहासिक पलों की सुगंध बनेगा।उन्होंने कहा कि अनंत तीर्थंकरों की तारकता का मात्र सामर्थय अगर किसी में है तो वह है श्री सिद्धागिरिराज...,मोहराजा को परास्त करने की रणभूमि है: श्री सिद्धगिरिराज....अनंत सिद्धों की साधनाभूमि है: श्री सिद्रागिरिराज.... आराध्यों को भी आराध्य बनानेवाली परम तपोभूमि है: श्री सिद्धगिरिराज..और यह संभव हुआ कि हमे गच्छाधिपति नित्यानंद सूरीश्वरजी जैसे सद्‌गुरु मिले है। हमारी पुण्योदय का यह फल है। प्रत्यके प्रसंग में आराधना करने की प्रेरणा गुरुदेवश्री ने ही दी हैं।जिनशासन के जाने माने संगीतकार भक्ति की धूम मचाएंगे।


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